Find the Latest Status about नवंबर दिसंबर from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, नवंबर दिसंबर.
INDIA CORE NEWS
Amit Singhal "Aseemit"
ठंडी ठंडी धरती पर छाती कोहरे की लहर, ओस की बूंदों से फूलों की शोभा बढ़ती। रातें होती बर्फ़ीली और ताज़गी भरी सहर, दिव्य दिसंबर में प्रकृति की आभा चढ़ती। ©Amit Singhal "Aseemit" #दिसंबर
Amit Singhal "Aseemit"
अपनी सेहत का रखना है बहुत ख़्याल, ज़्यादा खाना कर न दे इसका बुरा हाल। हर व्यंजन खाना है रुककर ज़रा थमकर, क्योंकि आ गया है अपना पौष्टिक नवंबर। ©Amit Singhal "Aseemit" #नवंबर
Chaurasiya4386
sunset nature दिसंबर बिखर गया है ... जनवरी के स्वागत मैं ... फरवरी तो जान ही ले लेगी एकतरफा चाहत में ... ©Chaurasiya4386 दिसंबर बिखर गया है जनवरी . . . #nojato #Love #SAD #love❤
Khushi Prajapati
jai hind......... . . .j j ©Khushi Prajapati 28 जनवरी साल 1865 में 'पंजाब केसरी' के नाम से मशहूर स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय का जन्म हुआ था. लालाजी कम उम्र में ही आजादी के संघर्ष म
निशब्द
KP EDUCATION HD
KP EDUCATION HD कंवरपाल प्रजापति good morning ji Shubh ©KP EDUCATION HD आपको बता दें कि सबसे पहले शनि 11 फरवरी को अस्त हो रहे हैं। शनि के 11 फरवरी को अस्त होने से शनि की साढ़ेसाती वाली राशियों पर शनि का प्रकोप कम
||स्वयं लेखन||
संविधान! देश के संचालन का लिखित विधान है, अव्यवस्थाओं को दूर करने का समाधान है । भारत में जो हुई लोकहित में उद्घोषणा है, 26 नवंबर को लाया गया ये विहान है। 26 जनवरी 1950 में पूर्णरूप से हुआ आत्मसात हमारा संविधान है। ©||स्वयं लेखन|| देश के संचालन का लिखित विधान है, अव्यवस्थाओं को दूर करने का समाधान है । भारत में जो हुई लोकहित में उद्घोषणा है, 26 नवंबर को लाया गया ये विह
RV Chittrangad Mishra
अमरगढ़ की अमर गाथा चित्रांगद की कलम से खून से लतपथ ये है इतिहास अपने अमरगढ का, जिनको वर्णित करने में हर शब्द मेरे रो दिये है | है नमन उन वीरों को जो खून से सींचे अमरगढ़, और अमरगढ को अमर करने में खुद को खो दिये है | सन अट्ठारह सौ अट्ठावन तारीख अट्ठारह नवंबर, की बताने जा रहा हूं आंसू में डूबी कहानी | अंग्रेजों और देश के दीवानों का वो युद्ध भीषण, वीरों के लहू के रंग मे थी रंगी राप्ती की पानी | क्रूर अंग्रेजों ने जब बर्बरता से कहर ढाई, खौल उठा खून वीरों के हृदय का हिंदुस्तानी | बांध माथे पर कफन सेना फिर बल्लाराव जी की, बढ़ चली आगे छुड़ाने गोरों से अपनी गुलामी | जान का परवाह ना कर लड़ रहे थे वीर सैनिक, अंग्रेजों की गोलियों से आज इनका सामना था | हम जिएं या ना जिएं परवाह ना इस बात की थी, देश हो आजाद हर इक जुबां पर ये कामना था | देखना मुमकिन ही नही सोंचना भी जिसको मुश्किल, ऐसे हादसों सबने सीने से लगा लिया | हाथ को भी हाथ ना दिखाई दे वो अंधियारा, ऐसे में हाथों ने हथियारों को उठा लिया | घाट उतारा मौत के ग्रैफोर्ड कमाण्डर को वीरों ने, कब्र इसकी अमरगढ में आज भी इसकी निशां है | कर्नल कॉक्स और रोक्राफ्ट फिर सेना लेकर घेर लिया, सैनिकों को गोरों की बढ़ा गोलियों से सामना है | लड़ते लड़ते सैनिकों की सांस अब रूकने लगी थी, हाय रे क्या दृश्य होगा हो गया पतझड़ अमरगढ | देश के अस्सी दिवाने जान का बलिदान देकर, अमरगढ़ के नाम पर वो कर दिये खुद को समर्पण | जो बचे थे वीर कूदे जां बचाने राप्ती में, देख उनके काले बालों को गोरों ने मारी गोली | दे दिया वीरों ने अंतिम सांस भी इस अमरगढ को, देश की आजादी खातिर खून से खेले थे होली | है नमन उन मांओ को जिन आंचल में ना लाल लौटा, रह गया आंचल सिमट उस आंचल को शतशत नमन है | है नमन उस प्रेयसी को अपना जो सिंदूर खोई, ऐसी सूनी मांग को भी मेरा ये शतशत नमन है | नमन है उन बहन बेटियो को कि जिसने प्यार खोई, ऐसी राखी और लोरी रहित जीवन को नमन है | है नमन उनको कि जिनसे शौर्य है इस अमरगढ का, और अमरगढ को अमर करने में खुद को खो दिये है | है नमन उन वीरों को जो खून से सींचे अमरगढ़ और अमरगढ को अमर करने में खुद को खो दिये है | ©RV Chittrangad Mishra अमरगढ़ की अमर गाथा चित्रांगद की कलम से खून से लतपथ