Find the Latest Status about बेज़ारी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, बेज़ारी.
Babli Gurjar
ध्यान से देखिए मुझे मै ख्वाब हूं जिम्मेदारियों का सख्त मुरीद हूं छिन चुकी खुशियों में हिस्सेदारी का मै हलाल हूं सालों साल बढ़ती बेरोज़गारियों का मै मलाल हूं बेज़ारी में गुज़ती जिंदगी के सफर का बबली गुर्जर ©Babli Gurjar बेज़ारी
बेज़ारी #शायरी
read moreGuruvirk
क्यूँ रखते हो हमसे सदा बेज़ारी, तुम्हारे चेहरे पे भाती नहीं, माना के अभी हम व्यस्त हैं, खुद की शख्सियत ढूँढने मेें, यह ना समझ लेना हमें, तुम्हारी याद आती नहीं..!! #NojotoQuote बेज़ारी.... #NojotoHindi #Poetry #Love #EmotionalHindiQuoteStatic
बेज़ारी.... Hindi #Poetry #Love #Emotionalhindiquotestatic #nojotohindi
read moreRabindra Kumar Ram
" तेरा ख्याल बाजिब हैं इस ख्याल में , अब और कौन सा ख्याल रखा जाये . तेरे बेज़ारीयो से सैदा कर बैठे हैं , ऐसे में खुद को कहीं तुझमें खो कर . " --- रबिन्द्र राम — % & " तेरा ख्याल बाजिब हैं इस ख्याल में , अब और कौन सा ख्याल रखा जाये . तेरे बेज़ारीयो से सैदा कर बैठे हैं , ऐसे में खुद को कहीं तुझमें खो कर
" तेरा ख्याल बाजिब हैं इस ख्याल में , अब और कौन सा ख्याल रखा जाये . तेरे बेज़ारीयो से सैदा कर बैठे हैं , ऐसे में खुद को कहीं तुझमें खो कर
read moreRabindra Kumar Ram
" एक लम्हा इन्तजार का आज भी जायज हैं , मुलाकात मुकम्मल हो ना सही कभी , तु हैं कहीं मैं हूं कहीं इस बिनाई में , हमारी बेज़ारीया बदस्तूर मुकम्मल हो रही हैं . " --- रबिन्द्र राम Pic: pexels.com " एक लम्हा इन्तजार का आज भी जायज हैं , मुलाकात मुकम्मल हो ना सही कभी , तु हैं कहीं मैं हूं कहीं इस बिनाई में , हमारी बेज़ार
Pic: pexels.com " एक लम्हा इन्तजार का आज भी जायज हैं , मुलाकात मुकम्मल हो ना सही कभी , तु हैं कहीं मैं हूं कहीं इस बिनाई में , हमारी बेज़ार #बदस्तूर #बेज़ारीया
read moreRabindra Kumar Ram
" चलो कुछ बात कर ली जाये , नज़र की नज़र हलात जी ली जाये , मैं करता रहा ऐतबार तुझपे वेबजह , पर तेरे बेज़ारीयो के फैसले से वाकिफ ना हो पाये." --- रबिन्द्र राम " चलो कुछ बात कर ली जाये , नज़र की नज़र हलात जी ली जाये , मैं करता रहा ऐतबार तुझपे वेबजह , पर तेरे बेज़ारीयो के फैसले से वाकिफ ना हो पाये."
" चलो कुछ बात कर ली जाये , नज़र की नज़र हलात जी ली जाये , मैं करता रहा ऐतबार तुझपे वेबजह , पर तेरे बेज़ारीयो के फैसले से वाकिफ ना हो पाये."
read moreRabindra Kumar Ram
" हसरतें कहीं काफिर ना हो जाये , तेरी जद में रहने दें मुझे अब , मुसाफ़िर हूं तेरे दर का आदततन , कही तुम से दुरियों का बेज़ारी ना हो जाये ." --- रबिन्द्र राम— % & " हसरतें कहीं काफिर ना हो जाये , तेरी जद में रहने दें मुझे अब , मुसाफ़िर हूं तेरे दर का आदततन , कही तुम से दुरियों का बेज़ारी ना हो जाये ."
" हसरतें कहीं काफिर ना हो जाये , तेरी जद में रहने दें मुझे अब , मुसाफ़िर हूं तेरे दर का आदततन , कही तुम से दुरियों का बेज़ारी ना हो जाये ."
read moreRabindra Kumar Ram
" मुख्तलिफ ख्याल तेरा परेशान कर रहा , कभी जाम कभी पानी का मतलब समझा रहा , कभी उलझ के कभी सुलझ के तेरी बातें करता , हर एक पल में तेरी मैजूदगी - बेज़ारी का मतलब समझ रहा ." --- रबिन्द्र राम " मुख्तलिफ ख्याल तेरा परेशान कर रहा , कभी जाम कभी पानी का मतलब समझा रहा , कभी उलझ के कभी सुलझ के तेरी बातें करता , हर एक पल में तेरी मैजूदगी
" मुख्तलिफ ख्याल तेरा परेशान कर रहा , कभी जाम कभी पानी का मतलब समझा रहा , कभी उलझ के कभी सुलझ के तेरी बातें करता , हर एक पल में तेरी मैजूदगी #बेज़ारी
read moreRabindra Kumar Ram
" मिलो ज़रा चाय - काफी के बहाने , यूं मुहब्बत बेज़ारी में समझ नहीं आती , मिला करो ज़रा तुम किसी ना किसी बहाने , यूं मुहब्बत के कसीदे दुरियों से समझ नहीं आती ." --- रबिन्द्र राम " मिलो ज़रा चाय - काफी के बहाने , यूं मुलाकात बेज़ारी में समझ नहीं आती, मिला करो ज़रा तुम किसी ना किसी बहाने , यूं मुहब्बत के कसीदे दुरियो
" मिलो ज़रा चाय - काफी के बहाने , यूं मुलाकात बेज़ारी में समझ नहीं आती, मिला करो ज़रा तुम किसी ना किसी बहाने , यूं मुहब्बत के कसीदे दुरियो
read moreRabindra Kumar Ram
" मैं इस जद से गुजर जाए तो सही , वो मुझे कहीं नज़र आये तो सही , ये काफिला ये सफर मेरा ताउम्र बेज़ारी में ना रहे , उस शख्स की मौजूदगी का कुछ पता तो चले ." --- रबिन्द्र राम " मैं इस जद से गुजर जाए तो सही , वो मुझे कहीं नज़र आये तो सही , ये काफिला ये सफर मेरा ताउम्र बेज़ारी में ना रहे , उस शख्स की मौजूदगी का कुछ
" मैं इस जद से गुजर जाए तो सही , वो मुझे कहीं नज़र आये तो सही , ये काफिला ये सफर मेरा ताउम्र बेज़ारी में ना रहे , उस शख्स की मौजूदगी का कुछ
read moreRabindra Kumar Ram
" काश कि कहीं तेरी मौजूदगी का कुछ पता तो चले , वेशबर एहसासो को कहीं से तेरा मिलना हो जाये , रास आये कुछ ज़िन्दगी इस तरह कि इस खामोशी में , हम रहे इस आरज़ू में तेरी बेज़ारीयो का कुछ पता तो चले." --- रबिन्द्र राम " काश कि कहीं तेरी मौजूदगी का कुछ पता तो चले , वेशबर एहसासो को कहीं से तेरा मिलना हो जाये , रास आये कुछ ज़िन्दगी इस तरह कि इस खामोशी में ,
" काश कि कहीं तेरी मौजूदगी का कुछ पता तो चले , वेशबर एहसासो को कहीं से तेरा मिलना हो जाये , रास आये कुछ ज़िन्दगी इस तरह कि इस खामोशी में , #आरज़ू #बेज़ारीयो
read more