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Shivkumar
महागौरी उपासना, अष्टम दिवस विधान I सारे पूजन कार्य में, सफ़ेद रंग प्रधान II . श्वेत-कुंद के फूल-सा, माँ गौरी का रंग I श्वेत शंख व चन्द्र सजे, आभूषण बन अंग II . दाएं नीचे हाथ में धारण करे त्रिशूल I डमरू बाएँ हाथ में, वस्त्र शान्ति अनुकूल II . माँ की मुद्रा शांत है, और चार हैं हाथ I बैल, सिंह वाहन बने, रहते उनके साथ II . आठ वर्ष की आयु में, देवी का अवतार I जो इनका पूजन करे, उसका बेडा पार II . शुम्भ-निशुम्भ प्रकोप से, साधु संत थे त्रस्त I माँ गौरी आशीष-पा, दिखे सभी आश्वस्त II . शक्ति स्वरूपा कौशिकी, माँ गौरी का अंश I दैत्यों शुम्भ-निशुम्भ का, अंत किया था वंश II . दान नारियल का करें, काला चना प्रसाद I माँ है मंगल दायिनी, दूर करे अवसाद II . माँ गौरी की हो कृपा, मिटते सारे कष्ट I कल्मुष धुल जाते सभी, होते पाप विनष्ट II . गौरी के आशीष से, पिण्ड छुडाते पाप I जब श्रद्धा से पूजते, मिटते तब संताप II . हमेशा साधु-संत का, यह अटूट विश्वास I माँ में अमोघ शक्ति तो, दुःख न भटके पास II . महिला चुनरी भेंट कर, प्राप्त करें आशीष I गौरी के दिन अष्टमी, सभी नवाएँ शीश II ©Shivkumar #navratri #navaratri2024 #navratri2025 #navratri2026 #नवरात्रि // देवी महागौरी // #महागौरी #उपासना , अष्टम दिवस विधान I सारे पूजन कार्
ARTI DEVI(Modern Mira Bai)
N S Yadav GoldMine
भगवान राम को विष्णु के सबसे महत्वपूर्ण अवतारों में से एक माना जाता है:- जानिए और रोचक कथा !! 🌱🌱{Bolo Ji Radhey Radhey} मर्यादा पुरुषोत्तम राम:- 🌌 भगवान राम या श्री रामचंद्र भगवान विष्णु के सातवें अवतार हैं। वह हिंदू महाकाव्य रामायण के मुख्य पात्र हैं, जिन्होंने लंकापति रावण का वध किया था और उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम राम के नाम से जाना जाता है। राम हिंदू धर्म के कई देवताओं में से एक हैं और विशेष रूप से वैष्णव धर्म के लोग राम की को ही परमेश्वर मानते हैं। उनके जीवन पर आधारित धार्मिक ग्रंथ और शास्त्र दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया की कई संस्कृतियों में एक प्रारंभिक घटक रहे हैं। कृष्ण के साथ, राम को विष्णु के सबसे महत्वपूर्ण अवतारों में से एक माना जाता है। श्रीराम का जन्म कथा:- 🌌 राजा दशरथ की 3 पत्नियाँ थीं, कौशल्या, कैकेयी और सुमित्रा। अपनी तीनों पत्नियों से संतान पाने में असफल रहने के बाद, उन्होंने पुत्रकामेष्टि यज्ञ (पुत्रों को जन्म देने के लिए किया जाने वाला अनुष्ठान) किया। इससे, अनुष्ठान के अंत में खीर का एक बर्तन प्राप्त किया गया था। कहा जाता है कि कौशल्या ने इसे एक बार लिया और राम को जन्म दिया, कैकेयी ने एक बार भरत को जन्म दिया और सुमित्रा ने इसे दो बार लिया और इसलिए उन्होंने लक्ष्मण और शत्रुघ्न को जन्म दिया। इसी से अयोध्या के राजकुमारों का जन्म हुआ। भगवान राम की एक बड़ी बहन, शांता, दशरथ और कौशल्या की बेटी थी। जय श्री राम जी:- मर्यादा पुरुषोत्तम राम की पत्नी और पुत्र:- 🌌 हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष के महीने में शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन भगवान राम का विवाह सीता से हुआ था। भगवान राम और उनकी पत्नी सीता के दो जुड़वां बेटे लव और कुश थे। ऐसा माना जाता है कि भगवान राम की मृत्यु के बाद, यह उनके बड़े बेटे कुश थे, जिसे नया राजा बनाया गया था। श्राम के नाम का मतलब:- 🌌 कहा जाता है कि भगवान राम का नाम रघु वंश के गुरु वशिष्ठ महर्षि द्वारा दिया गया था। उनके नाम का एक महत्वपूर्ण अर्थ था, क्योंकि यह दो बीज अक्षरों से बना था - अग्नि बीज (रा) और अमृत बीज (मा)। जबकि अग्नि बीज ने उनकी आत्मा और शरीर को महत्वपूर्ण बनाने के लिए सेवा की और अमृत बीज ने उनको सारी थकान से उबार दिया। 🌌 पुराणों में लिखा है कि दुष्ट रावण को हराने के बाद, राम ने अपने राज्य अयोध्या पर 11,000 वर्षों तक पूर्ण शांति और समृद्धि का शासन किया। 🌌 कहा जाता है कि एक बच्चे के रूप में, भगवान राम ने एक बार अपने खिलौने को चंचलता से फेंक दिया और इसने मन्थरा की पीठ पर चोट की। मंथरा ने कैकेयी के माध्यम से अपना बदला लिया और भगवान राम को 14 साल के वनवास पर भेज दिया। मृत्यु के समय हनुमान को भेज दिया था नागलोक:- 🌌 कहा जाता है कि श्रीराम ने मृत्यु के वक्त हनुमान को अलग करने के लिए अपनी अंगूठी को फर्श में आई दरार में डाल दिया था और हनुमान जी से उसे लाने के लिए कहा था। जब हनुमान नीचे गए तो वह नागों की भूमि में पहुंच गए और राजा वासुकी से राम की अंगूठी मांगी। राजा ने उन्हें एक अंगूठियों के विशाल पहाड़ को दिखाते हुए कहा कि वह अंगूठी ढूंढ लें। जब बजरंगबली ने पहली अंगूठी उठाई वह भी श्री राम की थी और बाकी सभी श्रीराम की ही थी। तब राजा वासुकी ने उन्हें समझाया कि जो भी पृथ्वीलोक पर आता है उसे एक दिन सबकुछ छोड़कर जाना ही पड़ता है। भगवान विष्णु के 1000 नामों में से 394वां नाम है:- राम. 🌌 भगवान राम का जन्म इक्ष्वाकु वंश में हुआ था, जिसकी स्थापना भगवान सूर्य के पुत्र राजा इक्ष्वाकु ने की थी। इसीलिए भगवान राम को सूर्यवंशी भी कहा जाता है। विष्णु सहस्रनाम नामक पुस्तक में भगवान विष्णु के एक हजार नामों को सूचीबद्ध किया गया है। इस सूची के अनुसार, राम भगवान विष्णु का 394 वां नाम है। 14 साल तक नहीं सोए थे लक्ष्मण:- 🌌 कहा जाता है कि राम और सीता की रक्षा के लिए, लक्ष्मण को 14 साल तक नींद नहीं आई! यही कारण है कि, वह गुदाकेश के रूप में जाने जाते हैं, जो कि नींद को हराने वाला व्यक्ति था। इसके बजाय, लक्ष्मण की पत्नी, उर्मिला जो अयोध्या में थी, 14 साल तक सोती रही, क्योंकि उन्होंने अपनी और लक्ष्मण के हिस्से की नींद को पूरा किया था। उर्मिला रामायण की कहानी में एक कम ज्ञात चरित्र थी। लंकापति रावण को मिला था श्राप:- 🌌 पौराणिक मान्यतानुसार, भगवान शिव के द्वारपाल नंदी ने रावण को एक बार भगवान शिव से मिलने से रोक दिया। रावण ने नंदी के प्रकट होने का मजाक उड़ाया और इससे नंदी नाराज हो गए। फिर उन्होंने रावण के राज्य को शाप दिया, लंका को बंदरों द्वारा नष्ट कर दिया जाएगा। यह शाप तब सच हुआ जब हनुमान ने लंका को जलाया। युद्ध जीतने के लिए रावण ने किया था यज्ञ:-🌌 कहा जाता है कि लंकापति रावण ने युद्ध जीतने के लिए एक यज्ञ का आयोजन किया। तब राम जी ने बाली के पुत्र अंगद की मदद मांगी और लंका में अराजकता पैदा करने की मांग की। लेकिन रावण तब भी टस से मस नहीं हुआ और यज्ञ करता रहा। फिर अंगद ने रावण की पत्नी मंदोदरी के बाल खींचने शुरु किए ताकि रावण यज्ञ से उठ जाए और यज्ञ अधूरा रह जाए। शुरुआत में रावण स्थिर रहा लेकिन जब मंदोदरी ने उससे मदद की गुहार लगाई तो उसे यज्ञ छोड़ दिया। एन एस यादव।। ©N S Yadav GoldMine #Holi भगवान राम को विष्णु के सबसे महत्वपूर्ण अवतारों में से एक माना जाता है:- जानिए और रोचक कथा !! 🌱🌱{Bolo Ji Radhey Radhey} मर्यादा पुरुषोत
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
🙋Womensday😏 "शमा"ये कैसा मुआश्रा है..? बेटी की विलादत पर मुंह बिचकाने वाले खुदके लिए खूबरू बीवी की हसरत लिए फिरते है.... बेशुमार लानत उस दरों दयार पर जिस घर में औरत खुश नही,के खामखां लोग उसकी झूठी मसर्रत लिए फिरते है... मुआश्र्रे की चाहते पिसर ने औरत को दोयम दर्जा है दिया ,और त ही वो हस्ती है बिन जिसके आदमजात वंश की फितरत लिए फिरते है... न दे सका ये मुआश्रा औरत को दर्जा ए ऊरूज,के ढालक र अपनी मन मर्जी के मुताबिक खुदकी सहूलत लिए फिरते है... हर दौर में बसाया गया औरत को किस्से में गजल मे,बहर में, रदीफ में,काफिया में,बस एक दिल में नहीं बसाने की हुज्जत लिए फिरते है.... #shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #womeninternation🙋Womensday😏 "शमा"ये कैसा मुआश्रा है..? बेटी की विलादत पर मुंह बिचकाने वाले खुदके लिए खूबरू बीवी की हसरत लिए फिरते है.... ब
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- राज नेता बना दूँ अगर तुम कहो । तख़्त ये भी दिला दूँ अगर तुम कहो ।। वंश हो तुम हमारा तुम्हारे लिए । जान अपनी लुटा दूँ अगर तुम कहो ।। लूटा कैसे है आवाम को मैं यहाँ । राज़ सारे बता दूँ अगर तुम कहो ।। वोट सारे मिलेंगे तुम्हें ही सुनों । बात लिख के दिला दूँ अगर तुम कहो ।। काम थोड़ा करूँ और चर्चा बहुत । नाम ऐसे उठा दूँ अगर तुम कहो ।। गाँव घर को जला सेंक दूँ रोटियां । स्वाद उनका चखा दूँ अगर तुम कहो ।। लड़ पड़ेंगे सभी मूर्ख है ये प्रखर । एक ट्रेलर दिखा दूँ अगर तुम कहो ।। ०३/०३/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- राज नेता बना दूँ अगर तुम कहो । तख़्त ये भी दिला दूँ अगर तुम कहो ।।
अदनासा-
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
दोहा :- राम-राम जपते रहो , मिलें सदा आराम । राम नाम के भक्त तो , करे नहीं विश्राम ।।१ कैसे कह दूँ मैं यहाँ , अलग-अलग है वंश । हमको सब में हैं मिलें , यहाँ राम के अंश ।।२ रघुवर ही घनश्याम है , कर ले अब पहचान । तुझमें भी तो हैं वही , क्या कहता इंसान ।।३ बाल काल्य पग चिन्ह तो , मिले अयोध्या धाम । तू छूकर अब स्पर्श कर , चरण वही श्री राम ।।४ आज अयोध्या के नगर , का दुल्हन सा रूप । जिसके राजा राम जी , कहलाते है भूप ।।५ राम लला के नाम से , सजा अयोध्या धाम । जहाँ वनों के वृक्ष भी , सुनो उकेरे राम ।।६ सूरत खुशियों की कभी , बड़ी नहीं है देख । छोटी खुशियाँ दे बदल , सुन किस्मत की रेख ।।७ २८/१२/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- राम-राम जपते रहो , मिलें सदा आराम । राम नाम के भक्त तो , करे नहीं विश्राम ।।१
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत :- नेह विलुप्त मुझे अब दिखता , देखो चारों ओर । डरकर रहते रिश्ते सारे , लिए स्वार्थ की डोर ।। नेह विलुप्त मुझे अब दिखता ... मातु-पिता का प्रेम अनूठा , कल तक जिस संसार । वंश प्रेम में अब वह खोकर , भूले सब संस्कार ।। अब तो डरते मातु-पिता हैं , देख तनय के कोर । नेह विलुप्त मुझे अब दिखता... भेदभाव की गठरी बाँधी , औ सिकहर दी टाँग । आज वही डसते हैं देखो , बनके काले नाग ।। इस जग का रखवाला लगता , छोड़े बैठा छोर । नेह विलुप्त मुझे अब दिखता... दुनिया के इस मेले में सब , बैठे है कंगाल । दीदी जीजा साला साली , की अब बने मिसाल ।। बाकी रिश्तों में तो दिखता , छाया कलयुग घोर । नेह विलुप्त मुझे अब दिखता .. दादी नानी काकी मौसी , की किसको परवाह । नहीं किसी को भी रिश्तों में , दिखती थोड़ी चाह ।। मरघट तक है सूना-सूना , है माया का जोर । नेह विलुप्त मुझे अब दिखता ... नेह विलुप्त मुझे अब दिखता , देखो चारों ओर । डर कर रहते रिश्ते सारे ,लिए स्वार्थ की डोर ।। २२/०८/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :- नेह विलुप्त मुझे अब दिखता , देखो चारों ओर । डरकर रहते रिश्ते सारे , लिए स्वार्थ की डोर ।। नेह विलुप्त मुझे अब दिखता ... मातु-पिता का
Ravi Shankar Kumar Akela
भारतीय पितृसत्तात्मक व्यवस्था में ‘नाम और मान’ का केंद्र पुरुषों को माना जाता है। परिवार को आगे नाम देने का काम पुरुष का होता है। ऐसे में बेटे को ही वारिस माना जाता है। बेटियां तो पराया धन होती हैं और उनका अपना घर ससुराल होता है। यदि परिवार और खानदान का नाम, वंश बढ़ाना है तो संतान के रूप में बेटा होना बहुत आवश्यक है। ©Ravi Shankar Kumar Akela #talaash भारतीय पितृसत्तात्मक व्यवस्था में ‘नाम और मान’ का केंद्र पुरुषों को माना जाता है। परिवार को आगे नाम देने का काम पुरुष का होता है। ऐ