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rajkumar
विचार अपना अपना ©rajkumar खुद को हीन भावना से ग्रसित ना होने दें|| एक बार की बात है। जंगल में एक बारहसिंगा रहता था। उसको अपने खूबसूरत सींगों पर बहुत ही गर्व था। जब भ
Kulbhushan Arora
महिला दिवस पर, महिला की सबसे छुटकी प्रतिनिधि बिटिया के लिए मेले प्याल की प्यारी पाती चॉकलेट इसे बहुत ही भाती, लोज़ लात सपने में आती, टांगे रात भर खूब चलाती, रूठ जाती है पल भर में, 😘 कर दो खुश हो जाती
kumaarkikalamse
कुर्सी चार टांगे नहीं होती इसकी, चार स्तम्भ है सच्चे, झूठों को बिठाने का रखती दम है! इसे पाने की लालच कौन नहीं करता बोलो नेता पाने को इसको झूठ बोलता हरदम है! ऐसा नहीं कि सिर्फ मक्कारों को बिठाती, अतिथि का आतिथ्य भी ना करती कम है! #ऐसा_भी_है New Series after long time #kumaarsthought #kumaaraisabhihai #कुर्सी #नेता #अतिथि कुर्सी चार टांगे नहीं होती इसकी, चार स्तम
sanjana Bhardwaj
फ़िर ना कहना कि तेरी मोहब्बत में टांगे भी ना रही हमारी...🤨😡😠 यूं ना आया करो #सपने में हमारे वरना टांगे तोड़ देंगे तुम्हारी #yqquotes #sumitchoudharyquote #yqhindi #funny #YourQuoteAndMine Collaboratin
Vandana
अक्सर शाम के वक़्त छत पर अकेले में आसमां को देखती रहती हूँ एक टक,,, तन को को छू के गुजर जाती पवन को महसूस करती हूं,,, शाम को रात में बदलते देखती हूँ अंधेरा होते ही तारों को टिमटिमाते देखती हूँ,,, मैं इतनी मौन हो जाती हूं कि पृथ्वी की गति को महसूस करती हूं,,, मैं और प्रकृति एक हो जाते हैं फिर हमारे बीच कोई अंतर नहीं बचता,,,, सूफी बोलो या सूफियाना मौन बोलो या वीराना,,, शांति बोलो या निर्वाणा संत बोलो या ज्ञानी,,,, किसी नदी किनारे पत्थर पर ध्यान करते हुए मौन में,
Gumnaam
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सुनील मिश्रा
सर्दी आ गयी है एक पार्टी में खाना खा रहे थे तभी पड़ोस की भाभी ने एक लेग उठा कर दी खाना-पीना खत्म हो गया फिर चलते समय एक सज्जन ने पूछा खाना पीना हो गया तो मैंने कहा यार मजा आ गया पूछा कैसे यार भाभी जी ने जो टांग उठा कर दी थी मजा आ गया समझने वाले समझ गए होंगे ©सुनील मिश्रा टांगे
Tushar Jangid
आज कुछ बड़ा पाया था उसने... कैप्शन... आज कुछ बड़ा पाया था उसने, जो रात भी गुनगुनाए जा रहीं थीं चेहरे पर खुशी छलक रही थी सबके, बस मेरी पलकें भीगी जा रहीं थीं चेहरा खिलता देखा था
AB
" यह पत्र विशेष तुम्हें ",. प्रिय.,. हमेशा ही अपने मस्तिष्क की खूंटी पर टांगे रखना अपनी प्राथमिक-ताओं के पट्ट को ताकि वह दिख सके तुम्हें हमेशा समक्ष प्रत्यक्ष, चुभ
Pankaj Singh Chawla
सुनो! क्या आज मैं तुम्हें डिनर पर ले जा सकता हूँ... (Read Full Story in Caption) सुनो! क्या आज मैं तुम्हें डिनर पर ले जा सकता हूँ, ह्म्म्म, एक बात बताओ मैं दोस्त तो हूँ न तुम्हारी, या तुम ऐसे ही कहते रहते हो... अरे! बाब