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Kushal - कुशल
नहीं रुकती कहानी किसी के जाने से ना ही कभी कुछ ख़त्म होता है मैं क्यों करूँ नुमाईश अपने गम की दर्द बाँटने से कम थोड़े होता है ©Kushal #feelingsad नहीं रुकती कहानी किसी के जाने से ना ही कभी कुछ ख़त्म होता है मैं क्यों करूँ नुमाईश अपने गम की दर्द बाँटने से कम थोड़े होता है S
#काव्यार्पण
Mohanbhai आनंद
चरागे हुस्न फना हुं जिंदगी, मैं फकत नूर ए चमन ख्वाहिश है कहां है अंधेरा, बता तो सही तु, खुर्शीद ए दिल, एक गुजारिश है है तरो-ताजा,खिला हुआ मन, हरपल मुस्कुराहट नुमाईश है हाथ फैलाकर बुलाया है जिंदगी खुशहाली की एक आजमाइश है तितलियोंको तरह रंगीनियां बस, रंग ए नूर मुहब्बत फकत छाई है आनंद ©Mohanbhai आनंद #NightRoad चरागे हुस्न फना हुं जिंदगी, मैं फकत नूर ए चमन ख्वाहिश है कहां है अंधेरा, बता तो सही तु, खुर्शीद ए दिल, एक गुजारिश है
Bhupendra Rawat
रिश्ते जो खोखली दीवार से बनाये गए है अक़्सर वो ही महफिलों में सजाएं गए है छुपाए है झूठ जिसने अपने खज़ाने में रिश्ते वही नुमाईश के लिए बुलाए गए है ©Bhupendra Rawat रिश्ते जो खोखली दीवार से बनाये गए है अक़्सर वो ही महफिलों में सजाएं गए है छुपाए है झूठ जिसने अपने खज़ाने में रिश्ते वही नुमाईश के लिए बुलाए गए
himbhardwaj
सोचता हूँ, के कमी रह गई शायद कुछ या जितना था वो काफी ना था, नहीं समझ पाया तो समझा दिया होता या जितना समझ पाया वो काफी ना था, शिकायत थी तुम्हारी के तुम जताते नहीं प्यार है तो कभी जमाने को बताते क्यों नहीं, अरे मुह्हबत की क्या मैं नुमाईश करता मेरे आँखों में जितना तुम्हें नजर आया, क्या वो काफी नहीं था I सोचता हूँ के क्या कमी रह गई, क्या जितना था वो काफी नहीं था ©himbhardwaj #Aurora सोचता हूँ, के कमी रह गई शायद कुछ या जितना था वो काफी ना था, नहीं समझ पाया तो समझा दिया होता या जितना समझ पाया वो काफी ना था, शिकायत
Rudradeep
जो नुमाईश में हो पहरेदार तो मिल ही जाते हैं वर्ना कई कलियों का दम घुटना राहों में बिखरकर ©Deepnarayan Upadhyay #नुमाईश
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
तू किसी के लिए अब दुहाई न कर । वक्त के साथ चल औ भलाई न कर ।।१ और कोई नही है तुम्हारा यहाँ । तू अभी चीज अपनी पराई न कर ।।२ इस तरह से लुटाकर सुनो धन कभी । यार अपनी यहाँ तू नुमाई न कर ।।३ जीत कर तुम दिलो को रहो खुश सदा । पर किसी की किसी से बुराई न कर ।।४ भूल जा तू उसे और भी हैं हँसी । एक उसके लिए तू जग हँसाई न कर ।।५ इक नज़र तो इधर देख ले बेरहम । इन हसीनों कि खातिर कमाई न कर ।।६ हाल इनके घरों के सही कुछ नही । आज इनके लिए घर जवाई न कर ।।७ कर्द रिश्तों कि इनसे हुई ही नही । आज इनकी उन्हें तू लुगाई न कर ।।८ प्यास से यह मरेगा प्रखर एक दिन । तू जमीं की यहाँ पर खुदाई न कर ।।९ २२/०५/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR तू किसी के लिए अब दुहाई न कर । वक्त के साथ चल औ भलाई न कर ।।१ और कोई नही है तुम्हारा यहाँ । तू अभी चीज अपनी पराई न कर ।।२ इस तरह से लुटाकर
Imran Shekhani (Yours Buddy)
ना दुःख का मातम मनाओ और ना ही खुशियों की नुमाईश करो। हद में रहो। अपने emotions पर भी control रखो। Imran Shekhani ©Imran Shekhani (Yours Buddy) #Love ना दुःख का मातम मनाओ और ना ही खुशियों की नुमाईश करो। हद में रहो। अपने emotions पर भी control रखो। Imran Shekhani #original #fundaofl
Dharminder Dhiman
तुझ में जो मेरा है, उसकी कभी नुमाईश ना करना..! अगर दोस्त कहां है धर्मेंद्र को, तो कभी उसकी आजमाइश ना करना..! तुझ में जो मेरा है, उसकी कभी नुमाईश ना करना..!
Mayank Sharma
तब कि मैं ये बात सुनाऊँ A B C D सीखने के ज़ज्बात बताऊँ छोटे छोटे बच्चे हम, बड़े दिल से सीखते थे बात तब कि है जब हम पेन्सिल से लिखते थे.. पूरी कविता नीचे नासमझी से भरे पड़े खेल खेल में लड़ पड़े बचपन में सब होते बच्चे दिल से सच्चे, अकल के कच्चे तब कि मैं ये बात सुनाऊँ