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वेदों की दिशा
।। ओ३म् ।। अविद्यायामन्तरे वर्तमानाः स्वयं धीराः पण्डितं मन्य७मानाः। जङ्घन्यमानाः परियन्ति मूढा अन्धेनैव नीयमाना यथान्धाः ॥ 'अविद्या' के अन्दर बन्द रहने वाले ये लोग जो स्वयं को विद्वान् मानकर सोचते हैː ''हम भी विद्वान् तथा पण्डित हैं'', वस्तुतः मूढ हैं, तथा वे उसी प्रकार चोटें तथा ठोकरें खाते हुए भटकते हैं जैसे अन्धे के द्वारा ले जाया गया अन्धा। They who dwell shut within the Ignorance and they hold themselves for learned men thinking “We, even we are the wise and the sages”-fools are they and they wander around beaten and stumbling like blind men led by the blind. ( मुण्डकोपनिषद् १.२.८ ) #मुण्डकोपनिषद् #मूर्ख #पाखंडी #छद्म #पंडित #पंडे #अवैदिक #दुष्ट
DR. LAVKESH GANDHI
मूर्ख और विद्वान में अंतर क्या है मूर्ख कहता हैं कि मैं सब कुछ जनता हूँ जबकि विद्वान कहता है कि मैं बहुत थोड़ा जनता हूँ और मुझे अभी जीवन भर सीखने की जरुरत पड़ेगी #मूर्ख # #मूर्ख कौन # #yqmurkh #yqvidwan #
गौरव गोरखपुरी
मेरे इंतज़ार में पलके बिछाते हो। मुझसे इश्क़ है कि नहीं ,पूछने पर मूझी से तुम छिपाते हो। ऐसा कर के तुम क्या पाते हो। मुझे सब पता है ,बताओ.. किसको मूर्ख बनाते हो! अकेले में ,मेरे नाम को ही गाते हो। जो मै सामने आ जाऊं तो तुम क्यों अकबकाते हो। एक बार ही सही हाल ए दिल क्यों नही सुनाते हो। मुझे सब पता है,बताओ .. किसको मूर्ख बनाते हो! मै दिख गई थी जिस मोड़ पर कल शाम हर शाम उस मोड़ पर क्यों जाते हो। मुझसे है मोहब्बत , मुझी से शरमाते हो और हजार बहाने बनाते हो। मुझे सब पता है, बताओ.. किसको मूर्ख बनाते हो!!!© गौरव पांडेय मूर्ख
Arsh Deep(੧੩ਸਾਇਰ)
हम तो गम के रास्ते पे दर्द भूलने जा रहे थे।। उसी रास्ते पे कुछ मूर्ख देखे हमने जो आग को जलाने का रहे थे।। १३ शायर दीप मूर्ख लोग
Surya Kant singh
#AprilFoolDay एक गदहा था... बिल्कुल गदहा था... एकदम गदहा था.... गदहो का गदहा था.. लेकिन घबराओ नहीं.. आपके सामने कुछ भी नहीं था। happy 1 april fool day Surya Kant singh मूर्ख दिवस
Amar Singh
मैं मूर्ख (अज्ञ) सही जमाने की नजरों में, फिर भी हर किसी के ह्रदय के उद्गारो,और भाव- बन्धो को समझने के लिए प्रयत्नशील रहता हूँ या (समझता हूँ) और एक वो जन है,जो किसी की भावनाओं की कद्र नहीं करते है। वही लोग शान से खुद को विद्वान और सुयोग्य कहते है। अमर'अरमान' लेखक विचारक मूर्ख कौन ?