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दिनेश कुशभुवनपुरी
मनोज मानव
तेरा प्यार सूर्य के जैसा, चमक स्वयं की बिखराता है। मेरा प्यार चमकता चंदा, ऊर्जा तक तुमसे पाता है। कमी रोशनी की है मुझमें, इसमें कुछ दोराय नहीं पर, अंधकार में साथ निभाना , मुझको अच्छे से आता है। ©मनोज मानव #Shiva&Isha दिनेश कुशभुवनपुरी Karan Dheeraj Srivastava RJ राहुल द्विवेदी 'स्मित' अलका गुप्ता 'भारती'
#Shiva&Isha दिनेश कुशभुवनपुरी Karan Dheeraj Srivastava RJ राहुल द्विवेदी 'स्मित' अलका गुप्ता 'भारती'
read moreसुनील 'विचित्र'
#मुक्तक_विचित्र दिनेश कुशभुवनपुरी मनोज मानव Dheeraj Srivastava Karan gaTTubaba #कविता
read moreRJ राहुल द्विवेदी 'स्मित'
मिले जो' तुम तो' प्रीत की, बयार गुनगुना उठी । यों' रोम-रोम खिल उठे, नजर-नजर लजा उठी । हजार स्वप्न जी उठे, हजार मौन गा उठे । अगेय छंद हो गये, अजेय पंथ पा उठे । गए तो श्वांस-श्वांस में, अचेतना बिखर गयी । जिसे न खो सका कभी, वो' वेदना भी' मर गयी । प्रशस्ति जीव तत्व की, स्वयं को' ही जला उठी । असंख्य मौन रो उठे, नजर भी' डबडबा उठी । अमर्त्य भाव जीव का जगा, प्रसून धुल गये । यों पाँखुरी स्वरुप में, त्रिनेत्र सुप्त खुल गए । न जीत कुछ न हार कुछ, हृदय में निर्विवाद है । समस्त लोक आज भी, प्रिये तुम्हारे' बाद है ।। ©RJ राहुल द्विवेदी 'स्मित' #प्रिये_तुम्हारे_बाद_है #कविता #पञ्चचामर_छंद दिनेश कुशभुवनपुरी मनोज मानव Dheeraj Srivastava Karan सूर्यप्रताप सिंह चौहान (स्वतंत्र) वरुण
#प्रिये_तुम्हारे_बाद_है #कविता #पञ्चचामर_छंद दिनेश कुशभुवनपुरी मनोज मानव Dheeraj Srivastava Karan सूर्यप्रताप सिंह चौहान (स्वतंत्र) वरुण
read moreमनोज मानव
rajhans ramesh Maheshwari दिनेश कुशभुवनपुरी RJ राहुल द्विवेदी 'स्मित' Dheeraj Srivastava Karan #कविता
read moreदिनेश कुशभुवनपुरी
मनोज मानव
हरियाली तीज Asthana Mahesh Prakash Babli BhatiBaisla Chetan Chavan Dheeraj Srivastava Gayatri Kamale @risingladybird
read moreसुनील 'विचित्र'
#दोहा_विचित्र RJ राहुल द्विवेदी 'स्मित' करन सिंह परिहार दिनेश कुशभुवनपुरी Dheeraj Srivastava सूर्यप्रताप सिंह चौहान (स्वतंत्र) #कविता
read moreकरन सिंह परिहार
दूर गगन के क्षितिज बिन्दु तक, आओ मिलकर ध्वज फहराएं। वीर सपूतों की धरती पर, स्वतंत्रता का दिवस मनाएं। घनें अँधेरों की छाती में, सूर्य किरण की कीलें ठोकें। भाग्य भरोसे बैठे मन को ,कर्मठ युग में चलकर झोकें। अलसायी आँखों में घुसकर, लक्ष्य प्राप्ति का पथ दिखलाएं। स्वतंत्रता---------------------(१) हम नव युग के भावी भारत, अनुशीलन से नहीं डरेंगे। स्वाध्यायों के हर पृष्ठों को,पलभर में कंठस्थ करेंगे। मेहनत और लगन से पढ़कर,चलो नया इतिहास रचाएं। स्वतंत्रता---------------------(२) सीमाओं पर ड़टे हुए उन,वीर जवानों से कुछ सीखें। सबकी भूख मिटाने वाले,धीर किसानों से कुछ सीखें। इनके पद चिन्हों की माटी,से हम अपना भाल सजाएं। स्वतंत्रता---------------------(३) बटुकेश्वर, आजाद, भगत की,भूल न जाएं हम कुर्बानी। लक्ष्मी और महाराणा के,पराक्रमों की अमर कहानी। भारत माँ के अमर शहीदों,की समाधि पर दीप जलाएं। स्वतंत्रता-----------------(४) ©करन सिंह परिहार #IndependenceDay RJ राहुल द्विवेदी 'स्मित' मनोज मानव सुनील 'विचित्र' Monika दिनेश कुशभुवनपुरी अmit कोठारी "राही" सूर्यप्रताप सिंह चौहान (स
#IndependenceDay RJ राहुल द्विवेदी 'स्मित' मनोज मानव सुनील 'विचित्र' Monika दिनेश कुशभुवनपुरी अmit कोठारी "राही" सूर्यप्रताप सिंह चौहान (स #कविता
read moreRJ राहुल द्विवेदी 'स्मित'
मन तुम्हारा रोज बदले लाख कपड़े, ख्वाहिशों का तन छुपाये या सजाये। हम तुम्हारे दर्द में शामिल रहे थे, हम तुम्हारे दर्द में शामिल रहेंगे।। लादकर सपनों की दुनिया चल पड़े हैं, इस धरा से उस गगन को जोड़ना है। एक झोंका सा उठा है आज मन में, रुख हवाओं का हमें ही मोड़ना है। आज कितनी भी विरोधी कोशिशें हों, या चुनौती दें हमारी वेदनाएँ बह चले हैं जिस दिशा में प्राण सत्वर, उस दिशा में हम निरन्तर ही बहेंगे।। हाथ में लेकर तुम्हारा हाथ हमने, प्रेम के पन्ने हजारों पढ़ लिये थे। भावना की तान में अनुरक्त मन ने, छंद स्वप्नों के मनोहर गढ़ लिये थे। तुम भले कर दो उपेक्षित उन पलों को, अनसुनी कर दो हृदय की याचनाएँ किन्तु हम सम्भावना के गाँव जाकर, प्रश्न जो मन में पड़े हैं, सब कहेंगे।। कुछ समय ने फाड़ डाले थे अचानक, कुछ टॅगे सुधियों की झोली में दिखे थे। खो गये वे पृष्ठ जीवन के कहाँ पर, कल जो हमने साथ में मिलकर लिखे थे। प्रेम के अवशेष भी अब क्या मिलेंगे, किन्तु यदि तुम चाहते हो तो नियत है हम समय की लाख परतें भी पलटकर, उन फटे पृष्ठों को चुनकर जोड़ देंगे। ©RJ राहुल द्विवेदी 'स्मित' #दर्द_में_शामिल_रहेंगे #कविता #गीत मनोज मानव दिनेश कुशभुवनपुरी Dheeraj Srivastava Karan सूर्यप्रताप सिंह चौहान (स्वतंत्र) Sircastic Saurab
#दर्द_में_शामिल_रहेंगे #कविता #गीत मनोज मानव दिनेश कुशभुवनपुरी Dheeraj Srivastava Karan सूर्यप्रताप सिंह चौहान (स्वतंत्र) Sircastic Saurab #Poetry
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