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sidpoetryclub
किसी की बुराई तलाश करने वाले इंसान की मिशाल उस मक्खी की तरह होती है जो सारे खूबसूरत जिस्म को छोड़कर केवल जख्म पर बैठती है ©sidpoetryclub बुराई ढूंढने वाला इंसान
Vijaya Singh
हम तो चले थे पाने इश्क़ का मुकाम.. बड़ी देर लगी समझने में कि, तुम नुक़्ता-चीं की बस्तियों में हमारा क्या काम..!! नुक़्ता चीं-अवगुण ढूंढने वाला #poetry #quotes #poem #shayari#nojoto#adhure_khyaal#nojotohindi #stories #Love #zindagi #writersofindia #word
Nisheeth pandey
मैं और मेरी चित्रण कला की यात्रा ............. मैं बहुत ख्यालों से खेलता हूँ, मेरे मन की यह उन्माद अच्छा लगता है, मेरे चित्रपटल में मेरे ख्याल वीचित्र हैं, रेखाओं के बीच तेजी से बहना, तुलिकाओं के माध्यम से यात्रा करना, यदि आप का ध्यान मेरी ओर ठहर जाए तो आप डूबने लगते हैं मेरे ख्यालों में , और यदि आप संमोहित हो जाते हैं मेरे रंगों में , तो आपकी व्यथा अवर्णनीय हो जाता है! आत्मा का रंग रेखाओं के बाहर एक कैनवास पर थम गया है, एक ख्यालों का किरदार जो अपने उचित स्थान से भटक गया है, अगर वो फिर मिल जाएं, यकीनन वो अपनी आत्मा में से कुछ फेंक देगा आकाश को समुंदर को जमीन को... मैं कैनवास में शब्दों को ढूंढने वाला रंगों को शब्दों में पिरोना पसंद करता हूँ, चित्र के बीच छुपा कविता, कल्पना और अनन्त आकाश की कल्पना में स्वंम को ढूंढना । जब कैनवास पर चित्रण कर पढ़ता हूँ , तो प्रेमिका सी उसकी सुंदरता बढ़ती है, बहते रंग मदिरा सी मदहोश करती है। और मेरी आत्मा आकृति बन नृत्य करती है, और उसकी चमक अलौकिक हो जाती है मुझे कोई प्रकृति की सुंदर संरचना सी प्रतीत होती है.... यकीनन सुनो आप भी ऐसे ही मुझे दिखते हो... #निशीथ ©Nisheeth pandey मैं और मेरी चित्रण कला की यात्रा ............. मैं बहुत ख्यालों से खेलता हूँ, मेरे मन की यह उन्माद अच्छा लगता है, मेरे चित्रपटल में मेरे
Dolly Singh
सुना है तुम फिर मेरे शहर आये हो नए चेहरे ढूंढने। ©Dolly Singh #ढूंढने
Harish Kumar
तुझे ढूंढने निकले है तेरे ही शहर में , ना कोई खबर तेरी ना कोई पता , दिल में यादों का सैलाब लिए , ढूंढ़ते है तुझको दर-बदर .....!!!! तू अजनबी है ,या है ये शहर , किस तरह करूंगा पता मैं तो हूं तेरे हालातों से भी बेखबर , ए बेखबर कुछ तो पता बता दें .....!!!! जाने क्यूं अजनबी तुम लगने लगे , दिल के ज़ख्म अब दुखने लगे , अनजान राहों पर चलते-चलते , अब हम थकने लगे है....!!!! दिल की आवाज क्यूं तुम्हें सुनाई नही देती , मेरे ज़ख्मों की करहा क्यूं दिखाई नही देती मैं कैसा मुसाफिर तेरी मंजिल का , तेरे दिल की राहों का कोई पता नही .....!!!! नज़रों को बस तेरी चाहत है , है फरियाद मेरे दिल की , ए हवाओं ! तुम ही पता बता दो , मेरे की यार गलियों तक मुझे पहुंचा दो .....!!!! ©Harish Kumar(Harsh) #ढूंढने #Balcony
Avinash Jha
राह लंबी है, मंजिल अभी थोड़ी दूर है, सफ़र पर हूँ मैं, कुछ और नहीं खुद को, ढूंढने निकले है. भीड़ की कवायत है, ग़ुम हो जाने की हमने देखी है, रिवाज़ ये तोड़नी है, पहचान अपनी अभी बनानी है, कुछ और नहीं खुद को, ढूंढने निकले है. ©avinashjha ढूंढने निकले है
Vibhooti Gondavi.
जो इंतजार कर रहे थे मेरे डूब जाने का फाखिर, वो आज किश्तियाँ लेकर निकले हैं ढूंढने मुझको.... ढूंढने मुझको #shabdanchal
Sarfaraj Ahmad
बुराई ढूंढने का शौक है तो शुरुआत खुद से कीजिए दूसरों से नहीं ©Sarfaraj Ahmad बुराई ढूंढने का