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A.P.
वैसे तो तेरे फैशन का कोई जवाब नहीं, पर मेरी जान तो तुझे सादगी में देखकर भी निकल जाती है । उस समय भी क्या गजब का कहर ढा रही होती है, जब तू सिर पर वो लाल चुनरी वाला दुपट्टा डालती है ।। लाल चुनरी वाला दुपट्टा #Love
लाल चुनरी वाला दुपट्टा #Love
read moreNêhal Jêêt
शर्म-ए-हिजाब ओढ़ा था जैसे गुलाब ओढ़ा था सिर पर लाल चुनरी थी इक मेरा ख्बाव ओढ़ा था शर्म-ए-हिजाब ओढ़ा था जैसे गुलाब ओढ़ा था सिर पर लाल चुनरी थी इक मेरा ख्बाव ओढ़ा था #freebird
शर्म-ए-हिजाब ओढ़ा था जैसे गुलाब ओढ़ा था सिर पर लाल चुनरी थी इक मेरा ख्बाव ओढ़ा था #freebird
read moreDear diary
चुनरी सर पर लिए दबे पांव जब तू जाती है । घुघरू की खन खन से नींद मेरी उड जाती है ।। झट से उठ कर पांव मेरे, खिड़की तक आते है । और निहार आंखे तुझे स्तब्ध सी रह जाती है ।। सफेद सूट पर लाल चुनरी से , तेरी मुस्कान का रूप निराला होता है । और छम छम करती तेरी पायल का, दिल पर घाव बड़ा गहरा होता है ।। ❤️❤️❤️❤️ #Nature चुनरी सर पर लिए दबे पांव जब तू जाती है । घुघरू की खन खन से नींद मेरी उड जाती है ।। झट से उठ कर पांव मेरे, खिड़की तक आते है । और नि
#Nature चुनरी सर पर लिए दबे पांव जब तू जाती है । घुघरू की खन खन से नींद मेरी उड जाती है ।। झट से उठ कर पांव मेरे, खिड़की तक आते है । और नि
read moreDeepti Garg
आपका इतना सुंदर रूप है माता, कैसे करूं गुणगान तू है भाग्य विधाता। सर पर लाल चुनरी ओड़े हाथों में त्रिशूल, लाल लाल जोड़ा सोहे ,कर सोलह सिंगार। सिंह पर सवार आपका अद्भुत रूप है माता, राक्षसों का कर संघार चारों दिशाओं में हा हा, कार मचाता, आपका रूप ऐसा है माता। आपका इस अद्भुत रूप का वर्णन अपने शब्दों में, कैसे करूं, कुछ समझ नहीं आता ,माता। आपकी गले का हरवा मुझको बहुत सुहाता माता, आपके हाथों की लाल लाल चूड़ियां मुझको बहुत 👇👇👇👇 ©Deepti Garg आपका इतना सुंदर रूप है माता, कैसे करूं गुणगान तू है भाग्य विधाता। सर पर लाल चुनरी ओड़े हाथों में त्रिशूल, लाल लाल जोड़ा सोहे, कर सोलह सिंगा
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
मन हमारा सुनों यह भवन हो गया । शीश जब भी झुका तो नमन हो गया ।। जबसे मेरा तुम्हारा मिलन हो गया । दूर तबसे हमारा गगन हो गया ।। आस से साँस को रोकता मैं गया । एक दिन मातु से फिर मिलन हो गया ।। छू लिया जब चरण मैं वहां मातु के । फिर दुखो का हमारे हरन हो गया ।। दे रहा इम्तिहाँ इस तरह मातु को । दिल जला तो सुनों फिर हवन हो गया ।। भूख से मैं तडपता बिलखता रहा । मातु दर्शन दिए तो चमन हो गया ।। मातु की हाथ में लाल चुनरी लिए । पाँव फिसला वहीं तो कफ़न हो गया ।। धूल था ये प्रखर कल तलक पाँव की । अब वही मातु का सुन चरन हो गया ।। २४/०३/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मन हमारा सुनों यह भवन हो गया । शीश जब भी झुका तो नमन हो गया ।। जबसे मेरा तुम्हारा मिलन हो गया । दूर तबसे हमारा गगन हो ग
मन हमारा सुनों यह भवन हो गया । शीश जब भी झुका तो नमन हो गया ।। जबसे मेरा तुम्हारा मिलन हो गया । दूर तबसे हमारा गगन हो ग #शायरी
read moreAmit Mishra
◆अगली कविता◆ अगली पूर्णिमा को जब चाँद अपने पूरे रुआब में आसमान पर बैठा इतरा रहा होगा और टिमटिमाते तारे उसके सम्मान में ख़ुद को बिछा चुके होंगे। रात का व
N S Yadav GoldMine
नवरात्रि में आसानी से हर दिन कैसे करें पूजा? {Bolo Ji Radhey Radhey} नवरात्रि के समय पूरा माहौल भक्तिमय हो जाता है, लोग माता की आराधना में लीन हो जाते हैं और देवी जी सभी भक्तों पर अपनी असीम कृपा बरसाती हैं। इस दौरान कई लोग विधिवत रूप से माता की रोज़ पूजा करते हैं, कलश की स्थापना करते हैं, अखंड ज्योत जलाते हैं, हवन करते हैं और कन्या पूजन भी करते हैं। परंतु कई लोग ऐसे भी होते हैं, जो माता के आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए पूजा तो करना चाहते हैं, लेकिन उनके पास समय की काफी कमी होती है। ऐसे लोगों में विद्यार्थी, नौकरी पेशा, व्यापारी और कई अन्य लोग शामिल हैं। इसके अलावा कुछ लोग शारीरिक समस्याओं या किसी बीमारी के कारण भी विधि-विधान से पूजा करने में असमर्थ होते हैं। आज हम ऐसे सभी लोगों की नवरात्रि को अधिक शुभ बनाने के लिए यह खास जानकारी लेकर आए हैं। सबसे पहले हम लोग इस आसान पूजा में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री की बात कर लेते हैं- पूजा के लिए ज़रूरी सामग्री- एक चौकी, लाल कपड़ा, अक्षत, माता जी की प्रतिमा या चित्र, गणेश जी की प्रतिमा या चित्र, पीतल या तांबे का कलश/लोटा, सिक्का, पुष्प, लाल चुनरी, मौली, मिट्टी का बड़ा दीपक, लौंग, इलायची, ऋतु फल, बताशे या मिश्री और कपूर। यह सभी सामग्री पूजा से कुछ दिन पहले एकत्रित कर लें। नवरात्रि के प्रथम दिन आप प्रातःकाल उठकर स्नानादि कार्यों से निवृत हो जाएं और स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद ही पूजन विधि का प्रारंभ करें, चलिए अब हम लोग आसान पूजन विधि को विस्तारपूर्वक जान लेते हैं- इस प्रकार करें आसानी से पूजा- सबसे पहले पूजन स्थल पर चौकी लगा लें और इसपर लाल रंग का कपड़ा बिछा लें। अब इस चौकी पर कुछ अक्षत यानी बिना टूटे चावल रखें और इसपर देवी दुर्गा जी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। नोट: आप बिना अक्षत के भी देवी जी की प्रतिमा की स्थापना कर सकते हैं और अगर आप चौकी भी नहीं लगा सकते हैं तो घर के मंदिर को ही शुद्ध और स्वच्छ करके वहां पर देवी जी का पूजन करें। एक लोटे या कलश में शुद्ध जल भर लें। इसके अंदर एक सिक्का डालें। अब इसके ऊपर चावल से भरी एक प्लेट रख दें। इस कलश को माता की प्रतिमा के बाएं ओर 9 दिनों के लिए रख दें। इसे आपको रोज़ स्थापित नहीं करना है। इसके पश्चात् आप पूजन स्थल पर गणपति जी की प्रतिमा को विराजमान करें, अगर आपके पास प्रतिमा नहीं है तो सुपारी के रूप में भी बप्पा जी को विराजमान कर सकते हैं। भगवान गणेश और देवी दुर्गा जी पर पुष्प से शुद्ध जल का छिड़काव करें। अगर आप अखंड ज्योत नहीं जला पा रहे हैं तो आप केवल घी का दीपक जला लें। दीप प्रज्वलित करने के बाद गणेश जी, माता रानी, कलश और दीपक को हल्दी-कुमकुम का तिलक लगाएं। भगवान गणेश और देवी जी को वस्त्र स्वरूप कलावा या मौली अर्पित करें, साथ ही फूल भी अर्पित करें। वैसे तो माता दुर्गा को श्रृंगार की सामग्री भी चढ़ाई जाती है, लेकिन अगर ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है तो आप एक लाल चुनरी या लाल वस्त्र अवश्य माता को चढ़ाएं। भोग में बताशे, मिश्री, और फल अर्पित कर सकते हैं। हवन के स्थान पर आप एक मिट्टी के पात्र या बड़े दीपक में कपूर जला लें और इसमें लौंग का 1 जोड़ा ज़रूर रख दें। कुछ लोग लौंग के दो जोड़े भी अग्नि में डालते हैं। यह हवन माता को दिखाएं और पूरे घर में भी दिखाएं। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। यह 9 दिनों तक रोज़ जलाएं। आरती से पहले आप भगवान गणेश और माँ दुर्गा को समर्पित काफी आसान लेकिन प्रभावी मंत्रों का जाप कर सकते हैं- ‘वक्रतुण्ड महाकाय, सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देवसर्वकार्येषु सर्वदा॥’ ‘या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ या देवी सर्वभूतेषु मातृ-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ . या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभि-धीयते। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥’ अंत में भगवान जी से अपनी भूल-चूक के लिए क्षमा ज़रूर मांगे। इस प्रकार आपकी पूजा संपन्न हो जाएगी, आप इस प्रकार 9 दिनों तक माता की पूजा अर्चना आसानी से कर सकते हैं। हर रोज़ आप चौकी को साफ अवश्य करें और पूजा से पहले वहां गंगाजल का छिड़काव करें। चलिए अब जान लेते हैं कि अगर आप विधि-विधान से कन्या पूजन नहीं कर सकते हैं तो आपको क्या करना चाहिए- आप विधिवत कन्या पूजन की जगह छोटी कन्याओं को घर पर बुलाकर फल, दक्षिणा, माता को चढ़ाया गया प्रसाद, मिठाई, या दही-जलेबी खिला सकते हैं। आपको जितनी कन्याएं मिलें, उनको अपनी श्रद्धा और क्षमता के अनुसार दान-दक्षिणा दें। आपको बता दें, कन्यापूजन के बिना भी आप यह पूजा कर सकते हैं। दोस्तों, पूजा में सबसे महत्वपूर्ण देवी जी के प्रति आपकी सच्ची आस्था होती है। अगर आप सच्चे मन से ध्यान लगाकर देवी जी की आराधना करते हैं, तो उनकी कृपा आपको निश्चित् रूप से मिलती है। * दुर्गा माता जी की आरती * जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी, तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी। ॥ॐ जय अम्बे गौरी…॥ मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को, उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रबदन नीको॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी…॥ कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै, रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी…॥ केहरि वाहन राजत, खड़ग खप्पर धारी, सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुखहारी॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी…॥ कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती, कोटिक चंद्र दिवाकर, सम राजत ज्योती॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी…॥ शुंभ-निशुंभ विडारे, महिषासुर घाती, धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी…॥ चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे, मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी…॥ ब्रह्माणी, रूद्राणी, तुम कमला रानी, आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी…॥ चौंसठ योगिनी गावत, नृत्य करत भैरों, बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू ॥ ॐ जय अम्बे गौरी…॥ तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता, भक्तन की दुख हरता, सुख संपति करता ॥ ॐ जय अम्बे गौरी…॥ भुजा चार अति शोभित, वर मुद्रा धारी, मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी ॥ ॐ जय अम्बे गौरी…॥ कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती, श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योती ॥ ॐ जय अम्बे गौरी…॥ श्री अंबेजी की आरति, जो कोइ नर गावे, कहत शिवानंद स्वामी, सुख-संपति पावे ॥ ॐ जय अम्बे गौरी…॥ ©N S Yadav GoldMine नवरात्रि में आसानी से हर दिन कैसे करें पूजा? {Bolo Ji Radhey Radhey} नवरात्रि के समय पूरा माहौल भक्तिमय हो जाता है, लोग माता की आराधना में ल
नवरात्रि में आसानी से हर दिन कैसे करें पूजा? {Bolo Ji Radhey Radhey} नवरात्रि के समय पूरा माहौल भक्तिमय हो जाता है, लोग माता की आराधना में ल #alone #पौराणिककथा
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अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती। तेरे भक्त जनो पर माता भीर पड़ी है भार
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती। तेरे भक्त जनो पर माता भीर पड़ी है भार #nojotophoto
read moreकवि मनीष
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