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Ek villain
समान आचार संहिता राष्ट्रीय बहस का मुद्दा बन चुकी है भाजपा शासित उत्तराखंड हिमाचल गुजरात और गोवा में इस दिशा में सरकार कदम बढ़ा चुकी है चुनाव के इस माहौल में गुजरात और हिमाचल में भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में वायदा किया जिसका लाभ पार्टी को मिल सकता है यही कारण है कि इन राज्यों में विपक्षी खेमे में चिंता की लकीर भी साफ दिखाई दे रही है विपक्षी दलों ने इसका खुलेआम विरोध नहीं किया चुनावी राज्यों में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने भाजपा को ही इस मुद्दे पर गंभीर होने का आरोप लगाकर कटघरे में खड़ा कर दिया है ©Ek villain #delhiearthquake #समान आचार संहिता पर बहस हो रही है पार्टियों के बीच
Yashpal singh gusain badal'
जब किसी देश की सरकार फ्री देने के वादों से चुनकर आती है । विकास के कार्यों को प्राथमिकता नहीं देती और न ही उद्योगों का विकास करती और न ही जनता का स्किल डेवेलपमेंट को बढ़ाती है तो देश का यही हाल होता है ।विदेशी कर्जे लेकर यदि उस पैसे को सही ढंग से खर्च न किया जाए तो अन्ततः उसे चुकाना हमेशा मुश्किल होता है । आज श्रीलंका को अपनी कमाई का 70% कर्ज चुकाने में चला जा रहा है । सकल राजकोषीय घाटा नित नई ऊंचाईयां छू रहा है । इससे भारत ही नहीं बल्कि सभी विश्व के लोगों को सबक की तरह लेना चाहिए । पंजाब,दिल्ली,बंगाल,तेलंगाना,छत्तीसगढ़, राज्य भी भारी राजकोषीय घाटे की ओर बढ़ रहे हैं । चुनावों में लोकलुभावन फ्री के वादों के कारण सरकार विकास का कार्य नहीं कर पा रही हैं ।फ्री के चीजें पाकर व्यक्ति अकर्म की तरफ बढ़ता है जबकि कुछ सरकार फ्री स्कीम की जगह स्किल डेवेलपमेंट ,स्वरोजगार ,नए उद्योगों को लगाने ,उन्नत कृषि के प्रयास पर खर्च और कृषि प्रॉसेस यूनिट लगाने पर खर्च कर रही हैं। हम सबको फ्री के वादे करने वाली राजनीतिक पार्टियों का बहिष्कार करना चाहिए वर्ना हमारी स्थिति भी एक दिन श्रीलंका जैसे हो सकती है । ©Yashpal singh gusain badal' राजनीतिक पार्टियों के फ्री के वादे देश के लिए खतरा हैं । #waiting
Laddu ki lekhani Er.S.P Yadav
हमें विरोध नहीं करना है BJP और Congress के भेश में.. हमें तो विरोध करना है उसका जो सरकार है इस देश में.. विदेश में युवा के नाम पर हि देश का परिचय कराते हो.. ओए चच्चा देश के अंदर युवा से क्यों दुरियां बनाते हो.. ...laddu ki lekhani... .ek aawaj. #SpeakUpForSSCRailwayStudents हमें विरोध नहीं करना है किसी पार्टियों के भेश में ssc rrb cgl .....for students
Harshit Nautiyal / हर्षित नौटियाल
Aalim Ali Ali
Azad ताहिर তাহীৰ
खुदा ने बनाया हमें अपनी बंदगी ले लिए अफसोस हम जिंदगी बर्बाद करदी अपनी दूसरों की हाथ की कठपुतली बन के । अपनी सोच अपनी समझ को बर्बाद कर दी दूसरों के बहकावे में आ कर । नागरिक थे हम पहले अपने वतन के देश के हक में आवाज उठाते थे । अब राजनीतिक पार्टियों के समर्थ हो गए कठपुतली बन बैठे उन के हाथ के ।। - Azad ताहिर #kathputali #january #nojotoenglish #nojotohindi खुदा ने बनाया हमें अपनी बंदगी ले लिए अफसोस हम जिंदगी बर्बाद करदी अपनी दूसरों की हाथ की कठपु
अविनाश कुमार
वोट का ही खेल है सब, नोट सब पे भारी है भावनाएं शून्य है, दो दिनी देशभक्ति जारी है आज देश बहुत ही मुश्किल हालातों से गुजर रहा है। देशभक्ति और देश तो लोगों को गिने चुने दिन ही याद आते हैं। और राजनीति है कि संसद के गलियारों स
Anup Ranjan
मदरसे ने पढ़ाया झूठ या झूठी है ये ज़म्हूरियत ! मिल्क़ियत की कैद में है घुँट रही इंसानियत ! (*ज़म्हूरियत :- जनतंत्र, मिल्क़
SANTU KUMAR
यूपी का एग्जिट पोल और बिहार का चुनाव परिणाम अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव के लिए सबक है। दलित नेतृत्व को बेईज्जत कर, आप सत्ता का सुख नहीं भोग सकते। बात मांझी जी की हो या रावण की, दोनों का अपमान राजद और सपा ने किया। तो भुगतेगा कौन? 10 तारीख का चुनाव परिणाम अगर भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में आती है और भारतीय जनता पार्टी चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल कर सत्ता पर दोबारा बैठती है तब भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस और समाजवादी पार्टी तथा आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण इन सभी को 5 साल सरकार के जुल्म का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा, और भारतीय जनता पार्टी पूरी प्लानिंग के साथ इन तीनों पार्टियों के साथ जुल्म का एक लिस्ट तैयार किया है जिसका भुक्तभोगी वहां के सभी राजनीतिक दल होंगे.... SANTU KUMAR (MJMC ©SANTU KUMAR यूपी का एग्जिट पोल और बिहार का चुनाव परिणाम अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव के लिए सबक है। दलित नेतृत्व को बेईज्जत कर, आप सत्ता का सुख नहीं भोग
Aamir Qais AnZar
आज़ाद तो हैं, कुछ बंदिशे ही सही। कर्म किए तो नही, जज़्बात ही सही। गुमान तो है, कुछ निभाया न सही। मतलब ही बदल जाता है आज़ादी का; सभी का तो नही, चंद लोगों का सही। क्या सच में हमारी बेटियां आज़ाद हैं?? सिर्फ देर रात ही नहीं, बात है माँ के पेट की भी। लहरता आँचल जो है, तिरंगा ही सही। नेता की जुबां पर पड़ोसी आपस में लड़ पड़ते हैं। दुसरे धर्म का जो है, पुरानी दोस्ती ही सही। क्या कोई सच नहीं बोलेगा ? सब अपने अपने नेताओं को ईश्वरीय आज्ञा समझ कर केवल हाँ में हाँ मिलायेंगे ? दुर्भाग्यपूर्ण हैं कि पक्ष-प्रतिपक्ष क