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Niaz (Harf)
ANOOP PANDEY
मैं हीं मैं (ईश्वर ) --------------------- रहता हूँ मैं कण -कण में झरने की निर्झर सी धारा में रहता चहुँ ओर दिशाओं में मैं ही मैं हूँ हर इक ओर बसा फूलों में मैं और काँटों में मैं तुम देखो जाकर कहीं यार मैं रहता हूँ हर -धड़कन में नहीं है कुछ भी छूटा मुझसे हर कली पुष्प और उपवन में तुम देखो जाकर कहीं यार मिल -जाऊँगा इक मैं हीं मैं तुममें भी बसता मैं ही इक हूँ रहता खुद में मैं ही मैं हूँ..... तुम ले लो दरिया यार समंदर हर -इक तरफ मैं हीं मैं हूँ.... देता हूँ सबको ही मैं जीवन इक सबको मौत भी देता हूँ मैं ही हूँ करता पालन सबका मैं हीं इक जीवन हरता हूँ .... सब भला -बुरा मुझमें ही है हर इक भले -बुरे में रहता हूँ दुनियाँ में जो जो भी यार रहे मैं सबके अंदर ही रहता हूँ.... तुम जो भी पढ़ते हो मंत्र यार मैं उन मंत्रों में भी रहता हूँ .... मैं हूँ शस्त्रों में ,मैं ही हूँ शास्त्रों में भी तुम देखो जाकर जल ,वायु अग्नि मैं तो उन सब हीं तत्वों में हूँ तुम देख लो जाकर कहीं यार मैं हर इक तरफ हर दिशा में हूँ ©ANOOP PANDEY pramodini mohapatra Kajal Singh [ ज़िंदगी ] Kanak Tiwari J. Chandravanshi Anshu writer Nishant Patel "Devil" पूजा उदेशी NIRMAL PANDEY स्वच्
Niaz (Harf)
तुम किसी और का, घर बसा रहे हो। तुम किसी और का, घर बसा रहे हो। और दिल मुझसे लगा रहे हो । तुम हो बेवफा , या वफादार।। तुम हो बेवफा , या वफादार , एक ही वक्त दोनो क़िरदार निभा रहे हो ©Niaz (Harf) तुम किसी और का, घर बसा रहे हो। तुम किसी और का, घर बसा रहे हो। और दिल मुझसे लगा रहे हो । तुम हो बेवफा , या वफादार।। तुम हो बेवफा , या वफादार
ANOOP PANDEY
विषकन्या पर स्पेशल कविता 💥💥💥💥🔥🔥🔥🔥🔥 -------------------------------- करते हो तुम बात ओ उलझी क्या सच में कोई संकट आया है क्या सच में कोई संकट आया है करते हो तुम अब बात बेहूदी क्या सच में कोई आफत आई है क्या सच में कोई आफत आई है दिया तेरा जब सँग था मैंने बिल्कुल ना तू बदला था.... अजी बिल्कुल ना तू बदला था थी सौम्य सुशील अगुणित सी छवि तब हर इक को तू हीं जँचता था तब हर इक को तू हीं जँचता था जानें फ़िर इक कैसी आई लहर सब कुछ ही यारा खाक हुआ थी सौम्य सुशील अगुणित सी छवि उसमें विषकन्या का वास हुआ उसमें विषकन्या का वास हुआ ना साथ दिया ना वार किया ना हीं कोई मैंने उपचार किया है उसका नतीजा अब है मिला कि तूने मुझ पर ही वार किया जो जहर बसा था नस नस में उसको है मुझी पर उड़ेल दिया उसको हैं मुझी पर उड़ेल दिया ना माफ करूँ ना फिकर करूँ अब क्यों मैं तेरा जिकर करूँ जब नहीं वास्ता कोई तुझसे क्यों फ़िर मैं तुझ पर लफ्ज़ लिखूँ तो क्यों मैं तुझ पर लफ्ज़ लिखूँ ©ANOOP PANDEY पूजा उदेशी pramodini mohapatra J. Chandravanshi Rajat Bhardwaj Anshu priya Kajal Singh [ ज़िंदगी ] @#विषकन्या_स्पेशल करते हो तुम बात ओ उ
Praveen Das Vaishnav
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
Dil galti kr baitha h
मेरी मोहब्बत है वो कोई मज़बूरी तो नही वो मुझे चाहे या मिल जाये जरूरी तो नही ये कुछ कम है कि बसा है मेरी साँसों में वो सामने हो मेरी आँखों के जरूरी तो नही 😭😭 ©Dil galti kr baitha h मेरी मोहब्बत है वो कोई मज़बूरी तो नही वो मुझे चाहे या मिल जाये जरूरी तो नही ये कुछ कम है कि बसा है मेरी साँसों में वो सामने हो मेरी आँखो
Arshad Mirza
Dil galti kr baitha h
मेरी मोहब्बत है वो कोई मज़बूरी तो नही वो मुझे चाहे या मिल जाये जरूरी तो नही ये कुछ कम है कि बसा है मेरी साँसों में वो सामने हो मेरी आँखों के जरूरी तो नही 😭😭 ©Dil galti kr baitha h मेरी मोहब्बत है वो कोई मज़बूरी तो नही वो मुझे चाहे या मिल जाये जरूरी तो नही ये कुछ कम है कि बसा है मेरी साँसों में वो सामने हो मेरी आँखो