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Best “शरीर” Shayari, Status, Quotes, Stories

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Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“30/12/2021”*📚 🖋️ *“गुरुवार”* 🌟 *#“जीवन”* *#“अच्छा समय”* #Thoughts #“अच्छे #“शरीर” #“समय #“सुखी #“बुरा #“सत्ता” #“नश्वर”

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*✍🏻“सुविचार"*📝 
📘*“30/12/2021”*📚
🖋️*“गुरुवार”* 🌟

देखिए आपके “जीवन” में आज “समय” “अच्छा” है 
तो “कल” “बुरा” भी हो सकता है,
“सत्ता” (शासन) आज आपकी है तो “कल” 
आपसे “छीनी” भी जा सकती है,
और ये “शरीर” तो है ही “नश्वर” ,
जैसे जैसे आप “वृद्धावस्था” की ओर जाओगे,
“दुर्बल” भी होते जाओगे और “सुंदरता” भी ढलने लगेगी और “संपत्ति” जो आज आपकी है 
तो “कल” किसी और की होगी...
ये सब “नश्वर” है अगर आप इन सब पर अपना “ध्यान” केंद्रित करोगे तो आप वो सब “भूल” जाओगे वो सब “बातें” जो आपके साथ सदैव रहेगी,
आपके लिए “ढाल” बनेगी,आपके लिए “संबल” बनेगी,
और वो है आपका “स्वभाव”,
“समझदारी”,“सत्संग”और “अच्छे संबंध”,
अपने “स्वभाव” में “शीतलता” रखिए,“कर्मों में समझदारी” रखिए,“अच्छे लोगों” के साथ “समय व्यतीत” किजिए और “सच्चे संबंध” 
“सदैव निभाइए” ,“जीवन” में “सदैव सुखी” 
और “आनंदित” अवश्य रहेंगे...
*अतुल शर्मा*✍🏻

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 
📘 *“30/12/2021”*📚
🖋️ *“गुरुवार”* 🌟

*#“जीवन”* 

*#“अच्छा समय”*

Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“3/12/2021”*📚 🖋️ *“शुक्रवार”* 🌟 *#“बचपन”* *#“भोजन”* #“मन #“माता #“शरीर” #“सुखी #“अंग” #“स्वस्थ

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*✍🏻“सुविचार"*📝 
📘*“3/12/2021”*📚
🖋️*“शुक्रवार”* 🌟 

“बचपन” से लेकर अब तक 
आपका जो “भोजन” रहा है, जो आपका “आहार” रहा है, 
उसी के अनुसार आज आपका “शरीर” है,
ये “भोजन” अत्यंत आवश्यक है इसलिए 
इसके हरएक “अंग” को समझना आवश्यक है,
पहला अंग कि हम क्या “गृहण” कर रहे है ? 
ये “भोजन” आ किस स्थान से रहा है ?
दूसरा अंग कि ये “भोजन” बना कौन रहा है ?
“भोजन” तब श्रेष्ठ होता है जब
 वो “माता के हाथ” से बना हुआ होता है किंतु 
यदि “माता” के हाथ का “भोजन” आपको प्राप्त न भी हो,
तो उस “व्यक्ति” को “भोजन” बनाना चाहिए जो “सार्थक” हो, 
तीसरा अंग कि किस “स्थान” पर आप भोजन कर रहे है ? 
जिस स्थान पर आप भोजन कर रहे है 
वो “सात्विक” होना चाहिए,वो अत्यंत आवश्यक है, 
और चौथा और सबसे महत्वपूर्ण अंग ये “भोजन” जो आप 
कर रहे है अर्थात वो जहां से आपको प्राप्त हो रहा है
 जिस “किसान” से आपके प्राप्त हुआ है,
जिस स्थान पर बैठकर आप “भोजन” कर रहे है, 
उसका “आभार व्यक्त” किजिए और
 “भोजन पूर्ण” रूप से समाप्त किजिए तभी ये “भोजन” 
आपको “सुखी जीवन” देगा, “स्वस्थ शरीर” देगा और
 ये “मन” सदैव “प्रसन्न” भी अवश्य रहेगा...
*✍🏻“अतुल शर्मा*

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 
📘 *“3/12/2021”*📚
🖋️ *“शुक्रवार”* 🌟 

*#“बचपन”* 

*#“भोजन”*

Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*📝 🌫️*“2/8/2021”*🌫️ 🌧️ *“सोमवार”*🌧️ #“स्वच्छता” #“तन” #“मन” #“सकारात्मकता” #“शारीरिक #“शरीर” #“स्वस्थ” #“व्यायाम” #“चारित्रिक #“निवारण”

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*✍🏻“सुविचार"*📝 
🌫️*“2/8/2021”*🌫️
🌧️ *“सोमवार”*🌧️

“स्वच्छता” ...
यदि स्वच्छता इस “तन” में नहीं होगी तो व्यक्ति “शारीरिक रूप” से “पीड़ा” सहेगा,अब उसी प्रकार “अतिआवश्यक” है कि “स्वच्छता” मन में भी हो,
यदि ये स्वच्छता “मन” में न हुई
 तो व्यक्ति “चारित्रिक रूप” से पीड़ा सहता हैं...
अब इसका “निवारण” क्या हैं ? 
यदि रोग “तन” में हैं तो सर्वप्रथम “स्वच्छता” रखना सिखिए,इस “शरीर” को “स्वच्छ” रखना सिखिए,“समझदारी” के साथ डटकर इस “रोग का सामना” किजिए,“भयभीत” होने की आवश्यकता नहीं हैं,“व्यायाम” करते रहिए,
सब ठीक होगा...
अब उसी प्रकार ये रोग “मन” में हो तो क्या करें,
सर्वप्रथम “आधार” पर ध्यान दिजिए,
आपका आधार हैं आपका "आहार",
जैसा आप “खाओगे” वहीं आप बनोगे,उसी प्रकार जो आप सोचते हो वहीं आप बनते हो,
इसलिए इस सोच को “सकारात्मक” बनाइए,
सबकुछ ठीक होगा...
आपके,मेरे,हम सबके मन में एक “राक्षश” रहता हैं उसका “सामना” करे,उसे “परास्त” करे तो ये “रोग” चाहे “तन” का हो या “मन” का यदि उचित समय पर इसे नहीं रोका गया तो अनुचित समय पर ये “महामारी” बन सकता हैं...
इसलिए “सावधान” रहें “स्वस्थ” रहें...
 *“अतुल शर्मा 🖋️📝* *✍🏻“सुविचार"*📝 
🌫️*“2/8/2021”*🌫️
🌧️ *“सोमवार”*🌧️

#“स्वच्छता”

#“तन”

Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*📝 🌟*“17/6/2021”*🌟 🖋️ *“गुरुवार”*✨🖊️ #“सूर्य” #“उदित”(उदय) #“कर्म” #“सुख” #“शरीर” #“समय #“अनुचित” #“आलस्य”

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*✍🏻“सुविचार"*📝 
🌟*“17/6/2021”*🌟
🖋️ *“गुरुवार”*✨🖊️

सोचिए यदि “सूर्य” यह कहे कि कल “उदित”(उदय) नहीं होते कुछ दिनों पश्चात “उदित” होते है,
तब समस्त “पृथ्वी” का “नाश” हो जाएगा,
“आलस्य” “शरीर” के लिए “उचित” नहीं है, 
देखिए इस “आलस्य” पर एक बहुत अच्छी “कहावत” है 
“अलसस्य कुतो विद्या”
अर्थात जो “आलस” करता है 
उसे “विद्या” नहीं मिलती,“ज्ञान” नहीं मिलता,
अब जिसके पास “ज्ञान” नहीं वो “धन अर्जित” नहीं कर पाता,उसके “जीवन” में “सुख संसाधनों” का “अभाव” रहता है,“मित्रों का अभाव” रहता है,
जहां “सुख-संसाधन” नहीं,“मित्र” नहीं,“अपने लोग” नहीं,“ज्ञान” नहीं,वहां “आनंद” कैसे प्राप्त हो सकता है ? 
इसलिए कहते है कि जो “कर्म” करता है वो इस “संसार” का हर वो “सुख” प्राप्त कर सकता है,
इसलिए “कर्म” किजिए,“समय का सम्मान” किजिए और इस “आलस्य” पर “विजय” प्राप्त किजिए...
*🖊️“अतुल शर्मा🖋️📝✨*

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 
🌟*“17/6/2021”*🌟
🖋️ *“गुरुवार”*✨🖊️

#“सूर्य” 

#“उदित”(उदय)

Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*📝 🌱 *“7/6/2021”*🪴 🌳 *“सोमवार”*🌴 #“वर्षा की बूंदें” #“शरीर” #“दुःख” #“अभिमान” #“शक्ति” #“हार” #“विपदा” #“सूर्य #“धूप”

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*✍🏻“सुविचार"*📝 
🌱 *“7/6/2021”*🪴
🌳*“सोमवार”*🌴

“वर्षा की बूंदें” जब “शरीर” पर गिरती है 
तो कैसा “अनुभव” होता है ? 
ये “सूरज की गर्मी”,ये “धूप” 
ये “सदा” के लिए नहीं बनी रहेगी,
“सूर्य की किरणों” में भले ही 
कितना ही “ताप” क्यों न हो,
“वर्षा” आएगी और उन “किरणों” 
को भी “शीतल” कर देगी,
आज मैं आपसे “दो प्रश्न” पूछता हूं,
जब “जीवन” में सदैव आपके साथ कुछ नहीं रहने वाला तो “अभिमान” किस बात का ?
और यदि “जीवन” में हर एक “दुःख”,हर एक “संकट”,हर एक “विपदा” एक “समय” के पश्चात आपको “छोड़कर” चले जाने वाले है 
तो “हार” क्यों मानना ?
इस “चिंता को त्याग” दिजिए,“अभिमान” को त्याग दिजिए और “अशक्ति” को त्याग दिजिए,
फिर देखिए “जीवन” कुछ अलग ही होगा,
 *“अतुल शर्मा”🖋️🌳*

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 
🌱 *“7/6/2021”*🪴
🌳 *“सोमवार”*🌴

#“वर्षा की बूंदें” 

#“शरीर”

Atul Sharma

*📝“सुविचार"*📝 🖊️*“9/3/2021”*🖋️ 📘✨ *“मंगलवार”*✨📙 #“बाहरी सुख” #“आंतरिक सुख” #“सुविधाएं” #“शरीर” #“आत्मा” #“सम्पन्नता”

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*📝“सुविचार"*📝 
🖊️*“9/3/2021”*🖋️
📘✨ *“मंगलवार”*✨📙

“बाहरी सुख” और “आंतरिक सुख” 
यदि बात कि जाए हमारे “शरीर” में रह रही 
इस “आत्मा” की तो ये कभी हमारा “साथ” नहीं छोड़ती,
सदैव हमारे साथ “जुड़ी” हुई रहती है
 ऐसा ही होता है “आंतरिक सुख”,
ये सदैव हमारे साथ रहता है “आंतरिक सुख” किसी की “सेवा”,आंतरिक सुख किसी की “सहायता” का,आंतरिक सुख “प्रेम” का ये कभी “साथ” नहीं छोड़ता,
और ये “बाहरी सुख” जबतक आपके पास कुछ “सम्पन्नता” है,कुछ “लोग” है,कुछ “सुविधाएं” है 
ये “बाहरी सुख” आपके साथ रहेगा,
“सम्पन्नता” चली गई,“लोग” चले गए और “सुविधाएं” चली गई ये बाहरी सुख भी चला जाएगा,
तो इसलिए इस आंतरिक सुख के स्वयं सुखी रहिए...
✨ *अतुल शर्मा🖋️📝📙* *📝“सुविचार"*📝 
🖊️*“9/3/2021”*🖋️
📘✨ *“मंगलवार”*✨📙

#“बाहरी सुख” 

#“आंतरिक सुख”


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