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poonam atrey
* श्रृंगार रस * मौन आँखों से ही सही ,कुछ बोल दो राधा, इन होंठो से तुम प्रेम रस घोल दो राधा, मेरी मुरली भी देख आज निःशब्द हो गई है, तेरी आँखों के समन्दर में,इसकी आवाज़ खो गई है, हृदय से धड़कने , आज निकलने को आतुर हैं, तेरे मौन होने से , ये साँझ भी ढलने को आतुर है, मेरी तो जीवन की , आधार हो तुम ही राधा, मैं देह मात्र हूँ नश्वर सी ,मेरे प्राण हो तुम ही राधा, हो गया है मिलन दो रूहों का, ये जिस्म भले मिट जाए, मिल जाये युगों युगों तक ,घड़ी अब विरह की न आये, अपने सुरों से इस निर्जीव सी , मुरली को तान दे दो , इस बाँसुरी की सरगम को , अपने अधरों का पान दे दो , युग युगान्तर तक प्रेम हमारा , इतिहास दोहराएगा, सच्ची प्रीत निभाने को ,फ़िर ना राधा आएगी,ना कृष्ण आएगा।। -पूनम आत्रेय ©poonam atrey #श्रृंगार_रस R K Mishra " सूर्य " @gyanendra pandey Puja Udeshi Mili Saha Anil Ray Payal Das Praveen Jain "पल्लव" SURAJ PAL SINGH Utkrisht Kalakaari शीतल चौधरी काव्यार्पण Anshu writer Poonam Suyal Ranjit Kumar भारत सोनी _इलेक्ट्रिशियन Kirti Pandey Raj Guru Rama Goswami कवि संतोष बड़कुर Urvashi Kapoor Balwinder Pal सचिन सारस्वत RUPENDRA SAHU "रूप" Meharban Singh Josan Saloni Khanna PRIYANK SHRIVASTAVA 'अरमान' Reema Mittal Ashutosh Mishra Sethi Ji Mukesh fan karoake singer अजनबी Sethi Ji Am
Author Munesh sharma 'Nirjhara'
चाहती हूँ कुछ इस तरह मिले मुझे तुम्हारा प्रेम जैसे सावन में धरा को मिलता है मेघों का पूर्ण समर्पण, तब निखर आता है एक नया सौंदर्य जलाच्छादित वसुंधरा का सागर न होकर भी अथाह जलराशि से भर इठलाती है अपने जलीय रूप पर, मैं भी चाहती हूँ वैसा ही गौरवमय क्षण समाकर तुम्हें स्वयं में सिमटकर तुम में...! 🌹 #mनिर्झरा 13/10/2020 #yqlove #feelings #kavita #love #श्रृंगार_रस #तुम्हारे_ख़्याल_और_मैं
Author Munesh sharma 'Nirjhara'
रह जाओ तुम मेरे पास चाहे थोड़े से ही सही पर... रह जाओ तुम मेरे पास रात के बाद पत्तों पर ओस की बूँद से, बारिश के बाद धरती पर गीली मिट्टी से, नींद से जगने पर हसीन ख़्वाब से, बंजर धरा पर उग आए नन्हे अंकुर से, नेह पगे चेहरे पर फैली स्मित मुस्कान से, प्रेम-पूरित नेत्रों में तैर आए लाल डोरे से, रह जाओ तुम मेरे पास... आलिंगन से प्रेरित तन में बसी सिहरन से, मेरी आँखों के किनारों पर बचे काजल से, मेरे अधरों की चिर-परिचित लाली से, रह जाओ तुम मेरे पास चाहे थोड़े-से ... 🌹 #mनिर्झरा 04/10/2020 Copyright protected ©️®️ #yqlove #yqlovequotes #yqhindi #yqdidi #prem
Author Munesh sharma 'Nirjhara'
वक़्त तो आने दो वो पल तो आने दो कह दूँगी मैं प्रेम है तुमसे वो घड़ी तो आने दो खिल आयें पलाश मनमोहक वो ऋतु तो आने दो बरखा से जब महक उठे धरा का कण-कण वो फुहार तो होने दो होने लगे हृदय में क्षण-क्षण हलचल वो एहसास तो जगने दो कह दूँगी मैं प्रेम है तुमसे वो सुरमयी संध्या तो आने दो..! 🌹 Copyright protected ©️®️ #mनिर्झरा 26/09/2020 #प्रेम #श्रृंगार_रस #yqdidi #yqhindi #yqquotes
Author Munesh sharma 'Nirjhara'
आँखें बन्द कर देख लेती हूँ उसे मैं जिसको नहीं देख पाती खुले नेत्रों से, महसूस कर लेती हूँ उसके स्पर्श को जिसे छू नहीं पाती लाख प्रयत्न के बाद भी, प्रेम भी जता देती हूँ उससे जिससे कह नहीं पाती 'प्रेम है तुमसे...' 🌹 Copyright protected ©️®️ #mनिर्झरा 24/09/2020 #क्षणिकाएं #yqdidi #yqhindi #bestyqhindiquotes #love
Author Munesh sharma 'Nirjhara'
नेहा #mनिर्झरा मैं कहूँगी कुछ तुमसे तुम मान लेना मेरी वो बात ऐसे ही कुछ निभा देना तुम आज के समय में प्यार के जज़्बात मैं बह पडूँ अगर कभी लेकर आँखों में आँसुओं का सैलाब
Author Munesh sharma 'Nirjhara'
रह जाओ तुम मेरे पास... चाहे थोड़े से ही सही पर... रह जाओ बस मेरे पास... रात के बाद पत्तों पर ओस की बूँद से, बारिश के बाद धरती पर गीली मिट्टी से, नींद से जगने पर हसीन ख़्वाब से, बंजर धरा पर उग आए नन्हे अंकुर से, नेह पगे चेहरे पर फैली स्मित मुस्कान से, प्रेम-पूरित नेत्रों में तैर आए लाल डोरे से, आलिंगन से प्रेरित तन में बसी सिहरन से, रह जाओ तुम मेरे पास बस थोड़े से... मेरी आँखों के किनारों पर बचे काजल से... मेरे अधरों की चिर-परिचित लाली से.... 🌹 #mनिर्झरा रह जाओ तुम मेरे पास चाहे थोड़े से ही सही रह जाओ बस मेरे पास रात के बाद पत्तों पर ओस की बूँद से बारिश के बाद
Abhay Bhadouriya
।।श्रृंगार।। यू सताओ ना हमको, तुम्हें चुम लेंगें । नजर जो बचाओगे, नजर चूम लेंगे। आई है रात जो प्रीत के मिलन की जुल्फें खोल दोगी, तो जिगर चूम लेंगे । शरारत कोई अब... हमसे ना करना इधर चूम लेंगें , उधर चूम लेंगे । अब जिस्म और रूह में दूरी रहे ना आज हम तेरी धड़कन चूम लेंगे । ।।श्रृंगार।। यू सताओ ना हमको, तुम्हें चुम लेंगें । नजर जो बचाओगे, नजर चूम लेंगे। आई है रात जो प्रीत के मिलन की जुल्फें खोल दोगी, तो जिगर चूम लेंगे ।
Nidhi Agrawal
मेरी चूड़ी की खनक सजधज के तैयार है मेरी पाज़ेब भी इतराने को बेकरार है इन आंखों में मेघों को रोका है मैंने अब तक तेरे नाम की मेहंदी को पिया तेरा इंतजार है ★★ सभी रचनाकारों से अनुरोध है कि लिखने से पूर्व कैप्शन भली भांति पढ़े...💐💐 ★ आज का विषय :- 'मेरी पाज़ेब' ❤️ ★इस विषय पर सुंदर अक्षरों में श्रृंगार रस पर आधारित कविता लिखने का प्रयास करें। ★ इस कोलाब को पूर्ण कीजिये एवं तस्वीर के सम्मुख खाली जगह पर ही लिखने का प्रयास करें। ★ तस्वीर के ऊपर अगर शब्द आते हैं तो आपकी रचना को प्रतियोगिता में शामिल नहीं किया जायेगा।