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Mamta Singh
कन्या पुजन करने वालाें, कन्या का मान भी रखते हाे। या फिर मन मे रहता चाेर तुम्हारे सामने माला जपते हाे। ग्रस्ति करते त्रस्ति करे दमित उन्हें तुम करते हाे, वह करती विश्वास तुम्हारा भछित उन्हें तुम करते हाे। दुर्गा अष्टमी शरद नवरात्र की अष्टमी को कहते हैं । यह बहुत महत्वपूर्ण दिन होता है। इस दिन माँ दुर्गा के महागौरी रूप का पूजन होता है। महागौरी जिन्होंने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए घोर तपस्या की थी। कथा है कि भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए इन्होंने कठोर तपस्या की जिस से इनका शरीर काला पड़ गया। देवी की तपस्या से प्रसन्न हो कर भगवान इन्हें स्वीकार करते हैं और देवी के शरीर को गंगाजल से धोते हैं तब देवी कांतिमान गौर वर्ण की हो जाती हैं तभी से इनका नाम गौरा पड़ा। गौर का अर्थ होता है सफ़ेद, गोरा।
Soulmate (Yuhee)
पूर्णन्दु निभां गौरी सोमचक्रस्थितां अष्टमं महागौरी त्रिनेत्राम्। वराभीतिकरां त्रिशूल डमरूधरां महागौरी भजेम्॥ OPEN FOR COLLAB✨ #ATashtamispecial • A Challenge by Aesthetic Thoughts! 🌹 Adorn this Durga Ashtami special BG with your soulful words.✨ • Must use hashtag: #aestheticthoughts • Please maintain the aesthetics.
S. Bhaskar
जब माथे कलंक सजा हो, हाथों पे अटका काला ध्वजा हो, जब नारी का मिटता अभिमान हो, फिर बताओ कन्या का पूजन कैसे हो। यहां लोग कन्याओं से अपनी भूख मिटाते है, अपनी लिप्त वासनाओं में इनका निशान मिटाते है, ढोंग दुनिया के सामने क्यों देवी भक्त बनते हो, लूटते अस्मत को फिर कन्या पूजन कैसे हो। ममता का मोल चंद रुपयों मा लगाते हो, अपनी बहनों का सौदा सरे आम कर आते हो, दुर्गा के शक्ति के स्वरूप को आहत कर जाते हो, तोड़ के धागा विश्वास का कन्या पूजन कैसे हो। दुर्गा अष्टमी के दिन विशेष रूप से कन्या पूजन की प्रथा चली आ रही है। एक ओर जहां हम कन्याओं का पूजन करते हैं वहीं दूसरी ओर समाज में उन्हें समान अधिकार और सम्मान से वंचित भी रखा जाता है। इस विरोध की स्थिति में कन्या का पूजन कैसे हो। अपने विचार लिखें। Collab करें YQ DIDI के साथ। #दुर्गाअष्टमी #durgaashtami #yqdidi #कन्यापूजन
Ashish Mishra
तुम्हारी शक्ति का नहीं कोई पार है माँ , तुम्हारी महिमा अपरम्पार है माँ। तुम्हारे गुणों का क्या बखान करूँ माँ, सार विश्व ही करता तुम्हारा गुणगान है माँ। किसी के लिए तुम दुर्गा तो किसी, के लिए तुम काली हो माँ। मैं तो हूँ अज्ञानी बालक, तेरी ज्ञान का वर्णन मैं कैसे करूँ माँ। यह Collab के लिए खुला है 🤩🤩 कहते हैं माँ दुर्गा जब भी आती हैं हमारे सारे कष्टों का निवारण करके ही जाती हैं। उनको दिल से पुकारा जाए तो वो तुरंत ही हमारी सहायता करने आ जाती हैं।🙏🙏 तो आईए इस अष्टमी के इस शुभ अवसर पर अपने मन की बात को अपनी कलम से इस खूबसूरत पृष्ठभूमि पर लिखकर माता रानी तक पहुंँचाये।✒️✒️ #दुर्गाअष्टमी #महाअष्टमी #मातारानी #profoundwriters #yqbabaquotes #expresstoinspire #YourQuoteAndMine
Sunil itawadiya
राधे राधे की जपले तू माला मिलेंगे तुझे गोपाला 💓😊 राधे नाम की तू जपले माला मिलेंगे तुझे गोपाला OPEN FOR COLLAB✨ ATdurgamaaspecialbg • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ✨ #love #motivation Collab with your soulful words.✨ • Must use hashtag: aestheticthoughts
Sunil itawadiya
घर में बेटी होने पर एतराज है आज मोहल्ले में देखो नौ देवियों की तलाश है...! बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ उसे भी काबिल बनाओ आप सभी भाइयों बहनों और माताओं को नवरात्रि की हार्दिक-हार्दिक शुभकामनाएं और बधाइयां छोटों को प्यार और आशीर्वाद बड़ों को चरण स्पर्श OPEN FOR COLLAB✨ Tdurgamaaspecialbg • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ✨ #beti #behan #motivation #jaimatadi Collab with your soulful words.✨ • Must use hashtag: aestheticthoughts • Please maintain the aesthetics.
Tum Bin
હે માડી ગરબે ઘુમે સજી સોળ શણગાર, માડી તારા પગલા થી પાવન મન થાય....🙏 OPEN FOR COLLAB✨ #ATdurgamaaspecialbg • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ✨ Collab with your soulful words.✨ • Must use hashtag: #aestheticthoughts • Please maintain the aesthetics.
Dr Upama Singh
हे जगदम्बे! हे मांँ अम्बे! जगतजननी मांँ भवानी बिगड़े सारे काम बनाने वाली भक्ति का दिया हृदय में जगाने वाली मांँ तेरे चरणों में शीश नवाते हम सब मिल दुर्गा अष्टमी मानते ♥️ दुर्गा अष्टमी ♥️ #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ दुर्गा अष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ! 💐💐 ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ अपने मित्रों के साथ कोलाब करें।
Dr Upama Singh
मांँ महागौरी की कृपा आप सब पर बनी रहे दुर्गाष्टमी की शुभकामनाएंँ ♥️ दुर्गा अष्टमी ♥️ #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ अपने मित्रों के साथ कोलाब करें। ♥️ कोलाब करने के बाद "Done" काॅमेंट करें।
Divyanshu Pathak
अंक -2 और दुर्गाष्टमी ------ ब्रह्माण्ड में जीवन का आधार ही 2 है। प्रकृति और पुरूष। परमात्मा और आत्मा। अभाव और भाव। भाव भी 2 ही हैं एक स्त्रैण और दूसरा पौरुष। धरा और गगन। नर और नारायण। दिन और रात। ग्यारहवीं शताब्दी में रामानुज' जो कि तमिलनाडु में पैदा हुए 'विशिष्टताद्वेत' का सिद्धांत दिया। वे कहते हैं कि आत्मा परमात्मा से जुड़ने के बाद भी अपनी अलग सत्ता बनाए रखता है। उनके सिद्धांत से उत्तर भारत में भक्ति की एक नई धारा सगुण भक्ति का विकास हुआ। आगे चलकर भक्ति सगुण और निर्गुण 2 रूपों में हुई साकार और निराकार भी यही 2 रूप हैं।निम्बार्काचार्य का दर्शन भी द्वेताद्वेत' राधा जी को कृष्ण की शक्ति मानते हैं। 1199 ईस्वी कन्नड़ जिले के उडुपी नगर में जन्मे मधवाचार्य जी ने द्वेतवात' नाम का दर्शन प्रतिपादित किया। इन सभी से पहले शिव' और शक्ति का अस्तित्व है। शक्ति का ही साकार स्वरूप महागौरी' है। माता महागौरी'------ गौरी' स्त्रैण भाव का शुद्ध रुप है। वे नारी की शक्ति और गरिमा हैं। डमरू उनके प्रेम और मृदुलता का भाव है तो त्रिशूल संसार मे व्याप्त तीन तरह की पीड़ाओं का तोड़ जिन्हें हम आधिदैविक, अधिभौतिक, अधिदैहिक, ताप कहते हैं। वे सुंदरता और भव्यता के साथ समृद्धि को दर्शाती हैं। उनके स्वरूप से प्रकट होता है कि नारी की प्रसन्नता जीवन को सुख और शांति से भर देती है। संसार की सम्पूर्ण माया का मूल वही हैं। वे ही योगमाया है। योगमाया संसार के बन्धनों में डालने वाली और उनसे मुक्ति प्रदान करने वाली होती है। माता गौरी'