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M.k.kanaujiya
White ओ चाहत,मोहब्बत,तड़प ओ बेकरारी,बेताबी,बेचैनी ओ रातें, बातें, मुलाकातें सब कुछ तो है एक तेरे के सिवा ।। ©M.k.kanaujiya #ओ चाहत,मोहब्बत,तड़प ओ बेकरारी,बेताबी,बेचैनी ओ रातें, बातें, मुलाकातें सब कुछ तो है एक तेरी याद के सिवा ।।GoodMorning
दूध नाथ वरुण
White जिसे जाना था ओ चले गए, हमे इसका कोई अफसोस नहीं। हम रह लेंगे उसके बिन अब, हमे उसपे कोई अब रोष नही।। ©दूध नाथ वरुण #जिसे #जाना #था#ओ #चले #गए
दूध नाथ वरुण
ओ मां मत जा हमे छोड़कर, तेरे भक्तों से यूं रूठकर। बिन तेरे अब ओ मैया,जायेंगें बिखर हम टूटकर।। ©दूध नाथ वरुण #ओ #मां #मत #जा
AD Kiran
White अमुल्य इज्जत को मात्र चार रुपए में निलाम करने वाली कुछ तो सर्म कर लो ! किसी घर की बहु किसी मेहनती की पत्नी होकर खुद को तबायफ का नाम मत दो !! ©AD Kiran #ओ समझा करो....
दूध नाथ वरुण
ओ शेरोवाली मैया, तू शेर पे चढ़के आजा। मेरी बीच भंवर में नैया,तू आके पार लगाजा।। ©दूध नाथ वरुण #ओ #शेरोवाली#मैया
दूध नाथ वरुण
Life Like जैसे ये पत्ती टूटकर, डाली से अलग हुई। वैसे ही मुझसे रूठकर,ओ मुझसे अलग हुए।। ©दूध नाथ वरुण #ओ अलग हुए
Er.Mahesh
हो हंसा संभल संभल क्यों फुर्र उड़ जाए मेरे जीवन को क्यों मिट्टी बनाए मिट्टी बनाए तेरे रहते मेने देखे नित सपने क्यों अब तू इन्हे मिट्टी बनाए हो हंसा संभल संभल क्यों फुर्र उड़ जाए मेरे जीवन को क्यों मिट्टी बनाए तेरे ही रहते मेने देखे नित अपने क्यों तू अब इन्हें सपने बनाए ओ हंसा संभल संभल क्यों उड़ता ही जाए मेरे इस जीवन को क्यों मिट्टी बनाए तेरे ही रहते मेने सुख दुःख पाए अब क्यों तू इन्हे मुझसे भगाए ए ए ओ हंसा संभल संभल क्यों फुर्र उड़ जाए तेरे ही रहते मैने पाई उपलब्धि नित मेने नए नए रिश्ते बनाए फिर क्यों इन्हे पल में मिटाए ओ हंसा संभल संभल क्यों उड़ता तू जाए,उड़ता तू जाए मेरे इस जीवन को ,क्यों मिट्टी बनाए ओ हंसा संभल संभल क्यों उड़ता तू जाए मेरे इस जीवन की हस्ती मिटाए मेरे इस जीवन की हस्ती मिटाए ©Er.Mahesh #ओ हंसा संभल संभल क्यों उड़ता तू जाए
pramod malakar
((((( ओ मेरी जान ))))) ओ मेरी जान तुमसे बनाकर मैं पहचान, तुझे सपनों में भरकर ले आऊंगा, अगर तुम नजर लड़ाना छोड़ दो। दिल के आगोश में तुम्हें भर लूंगा मैं अगर दिल लगाना तुम छोड़ दो।। नजरे मेरी भी थोड़ी तिरछी हो जाती है, मिलती है जब नजरे,आंखें मेरी शर्मा जाती है।। ओ मेरी जान तुमसे बढ़ाकर मैं पहचान, मैं भी आंखें मिलाना छोड़ दूंगा, अगर तुम नजर मिलाना छोड़ दो।। तमन्नाओं की आग तुम्हारे ख्वाबों को, सुलगती राख बना देगी। दिल में है अगर रिश्तो में प्यार, उगते सूरज भी तुम्हें बाहों में भर लेगी।। निकल आओ मन के भंवर से तुम बाहर।। बेचैन बैठा हूं मैं तन्हाई में अकेला, उम्र में भी अब छा रहा है अंधेरा, हो जाने दो तुम अभी भी सवेरा। ओ मेरी जान तुमसे बनाकर मैं पहचान, मैं भी भंवर में फंसना छोड़ दूंगा, अगर तुम नजर लड़ाना छोड़ दो।। &&&&&&&&&&&&&&&&& प्रमोद मालाकार कि पेशकश 31.12.23 ©pramod malakar #ओ मेरी जान......