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Suchita Pandey
// बड़ा धोखा हुआ..// उस एक दिन जब बातें शुरू हुई तुमसे, लगा कुछ तो अलग सा है तुममें ! बड़ा धोखा हुआ..!! फिर वही रोज़ की बातें होती गयी , मैं बिना सोचे पिघलती रही उनमें ! यूँ ही ऐसे ही आदत अपनी बनाकर , चल दिए छोड़कर एक मोड़ पे लाकर ! बड़ा धोखा हुआ..!! तुमने दिल की बात कह दी आज , ये चलो अच्छा हुआ ! जब भी हमने कुछ कहा उसका असर उल्टा हुआ ! बड़ा धोखा हुआ..!! वो हमें भूलते रहे हम उनमे खोते रहे , ग़लतफ़हमी मे जिए अब तक जितने जिए ! अब किसी से क्या कहें ये गिले शिक़वे , चलो जो भी हुआ सब अच्छा हुआ..!! हम तुम्हें अपना समझते थे, ये बड़ा धोखा हुआ..!!! - सुचिता पाण्डेय✍ #प्यारनहींथा #धोखा_ए_उल्फ़त // बड़ा धोखा हुआ..// उस एक दिन जब बातें शुरू हुई तुमसे, लगा कुछ तो अलग सा है तुममें ! बड़ा धोखा हुआ..!!
#प्यारनहींथा #धोखा_ए_उल्फ़त // बड़ा धोखा हुआ..// उस एक दिन जब बातें शुरू हुई तुमसे, लगा कुछ तो अलग सा है तुममें ! बड़ा धोखा हुआ..!!
read moreSuchita Pandey
हमने सोचा है अब, साथ होगा ना तेरा। दुनिया के रिश्तों में तो, ये होता ही रहा है। था प्यार तेरा तो झूठा, सच्चा मगर ये ख़ुदा है। तनहाइयों में हूँ रोयी, तब जाके मुझको मिला है। हाँ ख़ुश हैं अब हम तो, तुझसे कहाँ हम खफा हैं। तूने चुना है वो रास्ते, तेरे लिए जो बना है। "किसको मिला है संग, उम्र भर का यहाँ। वो ही रुलाये है, दिल चाहे जिसको सदा।" #रातकाअफ़साना #yqdidi #हमनेसोचाहैअब #ज़िन्दगीकादरवाज़ा #प्यारनहींथा #suchitapandey #yqquotes #सुचितापाण्डेय हमने सोचा है अब, साथ होगा ना तेरा, दुनिया के रिश्तों में तो, ये होता ही रहा है। था प्यार तेरा तो झूठा, सच्चा मगर ये ख़ुदा है।
#रातकाअफ़साना #yqdidi #हमनेसोचाहैअब #ज़िन्दगीकादरवाज़ा #प्यारनहींथा #suchitapandey #yqquotes #सुचितापाण्डेय हमने सोचा है अब, साथ होगा ना तेरा, दुनिया के रिश्तों में तो, ये होता ही रहा है। था प्यार तेरा तो झूठा, सच्चा मगर ये ख़ुदा है।
read morePoonam Bansal
वो एक मीठा सा एहसास था। वो एक अनकहे रिश्ते की शुरुआत था। वो खुद को भूलकर ,किसी और के लिए जीने का ख्वाब था। वो एक मीठा सा जहर था, जिसका असर उनसे दूर जाने के बाद था, या ये कहो फिर, खुद को बिखेर कर,खुद को समझने का सार था। न जाने वो प्यार था, या फिर खुद को आसमां पर, पहूंचाने का राज था।PiY@Poonamaggarwal प्रेम विडंबनाओं से भरा हुआ है। अपनी कहानी साझा करें। #प्यारनहींथा #collab #yqdidi ... * अपनी रचना को सफ़ाई से लिखें। टेक्स्ट को शीर्षक के नीचे से शुरू करें। #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi##PiY@Poonamaggarwal(3)
प्रेम विडंबनाओं से भरा हुआ है। अपनी कहानी साझा करें। #प्यारनहींथा #Collab #yqdidi ... * अपनी रचना को सफ़ाई से लिखें। टेक्स्ट को शीर्षक के नीचे से शुरू करें। #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi#PiY@Poonamaggarwal(3)
read moreNeetish Patel
मै साधारण सा लडका और वो चांद की चांदनी आंखो पर चश्मे का पर्दा और वो उनकी जुल्फें रेशमी उस तरफ थी वो बेखबर इस तरफ अल्फाजों की कमी मोहब्बत सामने खडी थी पर उसे खोने के डर से हमने ये प्यारी दोस्ती चुन ली #हमदोनों #अनकही_दास्तान #अधूरा_इश्क़ #दोस्ती_और_प्यार #yqbaba #yqhindi #yqdidi #प्यारनहींथा
Suditi Jha
वो बस मुझसे ही बेरुखी से बात करता है वो झूठ कहता है वो मुझसे प्यार करता है। #qsstichonpic2049 #बेरुखी #sad #प्यारकापंचनामा #दर्द_ए_दिल #दर्दकीभाषा #प्यारनहींथा #yqquotes
SURAJ आफताबी
वो रोज तेरा किताबों में छुपा के गुलाब लाना वो रोज तेरी Scooty का मेरी bike से race लगाना उस दिन हजारों में मेरी नजरों का तेरे चेहरे पर पूर्ण विराम लग जाना हमें तो है खबर, परन्तु तुम बताओ वो प्यार नहीं तो क्या था..?? सुरमें से सजी तिरछी नजरो से रोज तीर लगाना मेरा ही इंतजार करना और सखियों को मुझे ही बेगाना बताना मेरी facebook पर आकर request भी भेजने की चाह रखना और attitude भी दिखाना हमें तो है खबर, परन्तु तुम बताओ वो प्यार नहीं तो क्या था..?? प्रेम विडंबनाओं से भरा हुआ है। अपनी कहानी साझा करें। #प्यारनहींथा #collab #yqdidi ... * अपनी रचना को सफ़ाई से लिखें। टेक्स्ट को शीर्षक के नीचे से शुरू करें। #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #yqbaba #love #college
प्रेम विडंबनाओं से भरा हुआ है। अपनी कहानी साझा करें। #प्यारनहींथा #Collab #yqdidi ... * अपनी रचना को सफ़ाई से लिखें। टेक्स्ट को शीर्षक के नीचे से शुरू करें। #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #yqbaba love #college
read moreSangeeta Singh
मेरी जुबां से अनकही बात तुम यूही समझ जाते थे , मेरी आँखों में अश्को को देखकर तुम सहम जाते थे , मेरे लिये जो तुम लोगो से लड़ जाते थे, मेरे दीदार को जो तुम तरस जाते थे, वो प्यार नहीं तो क्या था....? प्रेम विडंबनाओं से भरा हुआ है। अपनी कहानी साझा करें। #प्यारनहींथा #collab #yqdidi ... * अपनी रचना को सफ़ाई से लिखें। टेक्स्ट को शीर्षक के नीचे से शुरू करें। #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
प्रेम विडंबनाओं से भरा हुआ है। अपनी कहानी साझा करें। #प्यारनहींथा #Collab #yqdidi ... * अपनी रचना को सफ़ाई से लिखें। टेक्स्ट को शीर्षक के नीचे से शुरू करें। #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
read moreLOL
देखा है मैंने तुम पर कभी प्रेम रंग चढ़ा ही नहीं मैं घुला तुझमें जितना तू मुझ में घुला ही नहीं.. मैं पूरा ही तुम हो गया और तू मेरा जरा भी नहीं हाथ थामा तूने जरूर मगर संग कभी चला ही नहीं.. यह प्रेम कुछ ऐसा है जैसे एक झूठा खेल बचपन का जिसमें राजा हूँ मैं और हो रानी तुम! एक चेक जिसे होना है बाउंस बिना तुम्हारे दस्तखत के!! तुम्हें सच्ची मोहब्बत होने से पहले इश्क की एक ट्राय बॉल!!! ©KaushalAlmora #tryball #love #yqdidi #yqbaba #poetry #shayari #इश्क़ #प्यारनहींथा
#tryball love #yqdidi #yqbaba poetry shayari #इश्क़ #प्यारनहींथा
read moreDrg
याद है तुम्हें? रात में उदास होकर, जब मैं दस बजह ही, तुम्हें गुड़ नाईट कहकर फ़ोन का डेटा बंद कर देती थी। तुम झट से फ़ोन कॉल करते थे और कहानियाँ सुनाना शुरू कर देते थे। जान जाते थे कि मुझे दादी की बहुत याद आ रही है और जो ध्यान ना बटाया तो रोने लग जाऊंगी। और कहानियां सुनते सुनते, मैं किसी सहमी बच्ची सी, फ़ोन पर ही सो जाती थी। बिल्कुल उसी तरह जिस तरह से बचपन में दादी कहानियाँ सुनाया करतीं थीं और मैं निश्चिंत होकर, उनकी गोद में सिर रख कर सो जाया करती थी। याद है? कितनी फ़िक़्र किया करते थे तुम? कैसे तुम मेरी उदासी भाँप लिया करते थे। तुम्हारी कहानियाँ, मेरा सुकूँ थीं। (शेष अनुशीर्षक में पढ़ें) याद है तुम्हें? रात में उदास होकर, जब मैं दस बजह ही, तुम्हें गुड़ नाईट कहकर फ़ोन का डेटा बंद कर देती थी। तुम झट से फ़ोन कॉल करते थे और कहानियाँ सुनाना शुरू कर देते थे। जान जाते थे कि मुझे दादी की बहुत याद आ रही है और जो ध्यान ना बटाया तो रोने लग जाऊंगी। और कहानियां सुनते सुनते, मैं किसी सहमी बच्ची सी, फ़ोन पर ही सो जाती थी। बिल्कुल उसी तरह जिस तरह से बचपन में दादी कहानियाँ सुनाया करतीं थीं और मैं निश्चिंत होकर, उनकी गोद में सिर रख कर सो जाया करती थी। याद है? कितनी फ़िक़्र किया करते थे तुम? कैसे
याद है तुम्हें? रात में उदास होकर, जब मैं दस बजह ही, तुम्हें गुड़ नाईट कहकर फ़ोन का डेटा बंद कर देती थी। तुम झट से फ़ोन कॉल करते थे और कहानियाँ सुनाना शुरू कर देते थे। जान जाते थे कि मुझे दादी की बहुत याद आ रही है और जो ध्यान ना बटाया तो रोने लग जाऊंगी। और कहानियां सुनते सुनते, मैं किसी सहमी बच्ची सी, फ़ोन पर ही सो जाती थी। बिल्कुल उसी तरह जिस तरह से बचपन में दादी कहानियाँ सुनाया करतीं थीं और मैं निश्चिंत होकर, उनकी गोद में सिर रख कर सो जाया करती थी। याद है? कितनी फ़िक़्र किया करते थे तुम? कैसे
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याद है तुम्हें? रात में उदास होकर, जब मैं दस बजह ही, तुम्हें गुड़ नाईट कहकर फ़ोन का डेटा बंद कर देती थी। तुम झट से फ़ोन कॉल करते थे और कहानियाँ सुनाना शुरू कर देते थे। जान जाते थे कि मुझे दादी की बहुत याद आ रही है और जो ध्यान ना बटाया तो रोने लग जाऊंगी। और कहानियां सुनते सुनते, मैं किसी सहमी बच्ची सी, फ़ोन पर ही सो जाती थी। बिल्कुल उसी तरह जिस तरह से बचपन में दादी कहानियाँ सुनाया करतीं थीं और मैं निश्चिंत होकर, उनकी गोद में सिर रख कर सो जाया करती थी। याद है? कितनी फ़िक़्र किया करते थे तुम? कैसे तुम मेरी उदासी भाँप लिया करते थे। तुम्हारी कहानियाँ, मेरा सुकूँ थीं। (शेष अनुशीर्षक में पढ़ें) याद है तुम्हें? रात में उदास होकर, जब मैं दस बजह ही, तुम्हें गुड़ नाईट कहकर फ़ोन का डेटा बंद कर देती थी। तुम झट से फ़ोन कॉल करते थे और कहानियाँ सुनाना शुरू कर देते थे। जान जाते थे कि मुझे दादी की बहुत याद आ रही है और जो ध्यान ना बटाया तो रोने लग जाऊंगी। और कहानियां सुनते सुनते, मैं किसी सहमी बच्ची सी, फ़ोन पर ही सो जाती थी। बिल्कुल उसी तरह जिस तरह से बचपन में दादी कहानियाँ सुनाया करतीं थीं और मैं निश्चिंत होकर, उनकी गोद में सिर रख कर सो जाया करती थी। याद है? कितनी फ़िक़्र किया करते थे तुम? कैसे
याद है तुम्हें? रात में उदास होकर, जब मैं दस बजह ही, तुम्हें गुड़ नाईट कहकर फ़ोन का डेटा बंद कर देती थी। तुम झट से फ़ोन कॉल करते थे और कहानियाँ सुनाना शुरू कर देते थे। जान जाते थे कि मुझे दादी की बहुत याद आ रही है और जो ध्यान ना बटाया तो रोने लग जाऊंगी। और कहानियां सुनते सुनते, मैं किसी सहमी बच्ची सी, फ़ोन पर ही सो जाती थी। बिल्कुल उसी तरह जिस तरह से बचपन में दादी कहानियाँ सुनाया करतीं थीं और मैं निश्चिंत होकर, उनकी गोद में सिर रख कर सो जाया करती थी। याद है? कितनी फ़िक़्र किया करते थे तुम? कैसे
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