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Nishtha Rishi
तकदीरें बदलेंगी, समय बदलेगा भाग्य के किताब में एक नया पन्ना जुड़ेगा क्योंकि जो कभी नीच हुआ करता था सबकी नजरों में उसका औदा बढ़ेगा, वह शहेंशाह बन बैठेगा। #yqbaba #yqdidi #भाग्य_की_कलम_से #abhineet #nishtharishi #yourquoteandnishtha Collaborating with Abhineet Mishra
भाग्य श्री बैरागी
तुम्हारी नज़रों की गिरफ़्तारी आफ़त हो गई है, मेरा तुमपे मरना ही मेरी अब ताकत हो गई है। मैंने सोचा क्यों इश्क की ऐसे गलियाॅं मशहूर हैं? हर गली में देख,आख़िरी में तेरी इनायत हो गई है। खोज अधूरी रही, एक नज़र देखते ही मर रहे थे, जान जाते² कहती गई तुझे तो मोहब्बत हो गई है। हम पतझड़ प्रेमी,तुमने सावन का अंधा बना दिया, न शायर होके,प्यार की शायरियाँ लियाकत हो गई हैं। पूरा जहां दिया था, ख़ुद खुदा ने तेरे सिवाय मुझको, इसीलिए तेरे दर पे दुआ माॅंगना हिमाक़त हो गई है। तुम गुलाब हो हम काॅंटों को देख शर्माना छोड़ दो, तुम्हारे हुस्न से शर्मसार गुलों की नज़ाकत हो गई है। बेशकीमती नगों में पहला नाम हो, तुम कोहिनूर, तुम्हारे होने से मतलब की सब रिवायत हो गई हैं। नज़रे उठाकर मेरे दिल को थोड़ा आराम दे 'भाग्य', तेरी मुस्कान मैं देखुँ, तू ऐसे मेरी अमानत हो गई है। #cinemagraph #yqdidi #yqhindi #एक_और_ग़ज़ल #भाग्य_की_कलम_से #मेरी_बै_रा_गी_कलम छाेटी भीम thanku for missing.....
भाग्य श्री बैरागी
मुझ श्यामपट पर सफेदी की सीधी लकीर हो तुम, मैं माॅंग लूॅं जिससे सारी दुआएँ वो फ़कीर हो तुम। Open for Collab,,,, #yqdidi #twoliner #yqhindi #भाग्य_की_कलम_से #Bhagya_श्री #yqbaba
भाग्य श्री बैरागी
"माना कि वक्त में घुमाव हैं, उतार हैं तो कई चढ़ाव हैं। अल्फाज़ भी, ख़ामोशी भी, स्थिरता और सही सुझाव हैं। चंचल मन सा, कोमल भी, सत्य जैसा विपरीत बहाव हैं। वक्त सा भी है, कहाॅं शिक्षक? वक्त पर किसका रहा प्रभाव है? "कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें" 🌸🌸🌸🌸02/15🌸🌸🌸🌸🌸 "उम्र के शुरुवात होने से लेकर आज तक, वक्त बहता ही रहा है नदी सा।" तब मेरी कहानियों के किरदार मेरे नायक नायिकाएं मेरे सोचने के तरीके को हर बार बदलते आए, मैं किसी के लिए भी एक दम कांच सा मन लेकर सामने न आई जो की असल में कोई आता ही नहीं, बस कुछ लोग अपने व्यवहार और बोल चाल में दो चीज़ रखते आए हैं, एक वह मन जो केवल हम जानते हैं और एक वह मन जो सबको दिखाना है। मुझसे ये दोमुहा व्यवहार किसी के साथ नहीं हो सका शायद यही वजह रही कि मैं बड़बोली केवल मेरे जानने वालों के साथ रही। इसी कारण आज जब मैं सच के लिए दो शब्द कहती हूॅं तो सबको चुभता है। शायद मेरी चुप्पी ही ठीक है, यदि मैं चुप रही और कुछ ज़िंदगियाॅं बिगड़ गई, या मैंने सोचा की वक्त सारे घाव पर एक दम उचित मरहम लगाएगा तो क्या यह सोचना गलत है? या सर्वथा उचित। यदि मैं सोचूँ कि वक्त सब ठीक करेगा तो हम कर्म छोड़ दें???
भाग्य श्री बैरागी
उस रोज़, जब थामा था तुमने हाथ, यूॅं न जानती थी, प्रेम के नए रंगो में रंगूॅंगी, यूॅं न जानती थी। नाम तुम्हारा मेरी किस्मत की लकीरों में तुमने ही पढ़ा, मैं भी मानूॅंगी मन्नतें, यूॅं न जानती थी। तुम संग अपने, ब्याह की कुछ हसीं यादें, मैं बटोर ही रही थी, कुछ पल का है साथ, यूॅं न जानती थी। यूॅं तो हूॅं देशप्रेमी भी, पर तुम्हारा प्रेम मेरी आँखों में, तुम्हारे जाने के ख़्याल से, छलकेंगी नदी भी, यूॅं न जानती थी। "कृपया अधिक अनुशीर्षक में पढ़ें।" 01/15 उस रोज़, जब थामा था तुमने हाथ, यूॅं न जानती थी, प्रेम के नए रंगो में रंगूॅंगी, यूॅं न जानती थी।
भाग्य श्री बैरागी
बेशक कुछ तज़ुर्बों की ही मोहताज है ये ग़ज़ल, नज़रें उठा कर भी तुमने देखा तो ये लिख जाया करेंगी। ख़्वाबों की तश्तरी में कलम और तुम्हें रखूॅंगी, तुम्हारे नाम के गुलाबों से, तश्तरी सज जाया करेंगी। बनाते होंगे शायर इश्क में अश्कों के समंदर, जज़्बाती बूॅंदों से, मेरी चश्म-ए-झील भर जाया करेंगी। इश्क में लैला-मजनू एक शायर की करामात है, कहो तो ग़ज़ल भी आसमां हरा,ज़मीं नीली कह जाया करेंगी। तुम गुनगुना दो जो मिसरा मेरी ग़ज़ल का, कमबख्त़ सबके होंठों पर सदियों तक बैठ जाया करेंगी। ख़ुदा की इनायतों से अब किस्मतवार कहलाते हैं, ये ग़ज़ल मुझ बैरागी का 'भाग्य' भी रच जाया करेंगी। #भाग्य_ग़ज़ल #एक_और_ग़ज़ल #भाग्य_की_कलम_से #yqdidi #yqhindi #मेरी_बै_रा_गी_कलम
भाग्य श्री बैरागी
"नेताजी" 'कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें' "नेताजी" मुर्गे जैसे बाँग लगाए गली गली मे नेताजी, चुनाव आते ही सक्रिय हो जाते सबके प्रिय नेताजी। मेंढक जैसे कूद पड़ते हैं हर सभा में नेताजी, जहाँ विपदा आए गधे के सर से सींग जैसे गायब होते नेताजी।
भाग्य श्री बैरागी
नित नया बस सीख रहे हैं, लेखनी चलाना हमे नहीं आती हैं, कलम ख़ुद चुनती है अपने सिपाही, हम कहाँ कोरे काग़ज़ के दीया-बाती हैं। सुप्रभात,,, #cinemagraph #भाग्य_की_कलम_से #yqdidi #yqhindi #मेरी_बै_रा_गी_कलम
भाग्य श्री बैरागी
कभी नाज़ुक गुलाब सा कभी हुस्न धारदार तेग़ है तुम्हारा, जब तक जान ना ले लो, दिन बनता नहीं शायद तुम्हारा। तेग़- तलवार #collabwithकोराकाग़ज़ #yqhindi #yqdidi #भाग्य_की_कलम_से #मेरी_बै_रा_गी_कलम
भाग्य श्री बैरागी
तुम जिस तरह से जुड़े हो, मेरे दिल की तह से जुड़े हो। मै जो सोचूँ वो तुम्हारे दिल में, मै जो कहना चाहूँ वो तुम्हारी ज़ुबाँ पर, मेरे जज़्बात तुम्हारे ज़हन में, मेरे अरमाँ तुम्हारे दिमाग-ए-आसमाँ पर। Sketch by my friend Sonali Jatt... Open for Collab.. #भाग्य_की_कलम_से #yqhindi #yqhindi