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Insprational Qoute
वो दिन भी क्या दिन थे,जिनका लौट कर आना नामुमकिन है, दिल के मनोभावों से सोचो तो मन बच्चा आज भी वही दिन है, प्रलग्भ,चतुराई सब उस बाल मन का सर्वनाशक बन जाती है, प्रमोद की जिंदगी जीता वही है जो मनमौजी का सुमिरिन है। 🌠💠𝐂𝐡𝐚𝐥𝐥𝐞𝐧𝐠𝐞 -𝟲💠🌠 #𝐜𝐨𝐥𝐥𝐚𝐛_𝐰𝐢𝐭𝐡_𝐚𝐚𝐩𝐤𝐢_𝐥𝐞𝐤𝐡𝐧𝐢 आज की रचना के लिए हमारा शब्द है 🎈📥 ⬇🔻⬇🔻⬇🔻 ⬇ 🔻⬇ 🔻⬇ 🎀वो दिन भी क्या दिन थे!🎀 🎗🎗🎗🎗🎗🎗🎗🎗
Insprational Qoute
जिंदगी की नाव डगमगाये तो हौसलों को पतवार बनाना, चीर अटल अडिग पर्वतों को कभी उन से भी टकरा जाना, सदैव ही खुशियों का ताना बाना मिले यह तो सम्भव नही, जुनूनी होते है वो जो ठान ले तो हार मानते कदापि नही, सृष्टि के कण कण से पढ़ लेना बुलन्द हौसलों का सरल पाठ, चींटी सिखाये साहस,तो बगुला धैर्य व मनोबल का नेक पाठ, कभी न स्वंय को निकृष्ट मानना,मानना तो मात्र एक शून्य, क्योंकि सर्वविदित है मिली जो शून्य से शून्य बनते है आठ, उठो अंतश्चेतना को कर जागृत, अपना मत ही सर्वश्रेष्ठ कर, न करो अति का मोह जीवन मे उतने लो जितना यथेष्ट हो। 🌠💠𝐂𝐡𝐚𝐥𝐥𝐞𝐧𝐠𝐞 -𝟒💠🌠 #𝐜𝐨𝐥𝐥𝐚𝐛_𝐰𝐢𝐭𝐡_𝐚𝐚𝐩𝐤𝐢_𝐥𝐞𝐤𝐡𝐧𝐢 आज की रचना के लिए हमारा शब्द है 🎈📥 ⬇🔻⬇🔻⬇🔻 ⬇ 🔻⬇ 🔻⬇ 🎀ज़िंदगी की नाव 🎀 🎗🎗🎗🎗🎗🎗🎗🎗
Insprational Qoute
जहाँ पचरंगी हो वेशभूषा और बोली में हो मिठास, भिन्न भोजन की थाली और प्यार का हो आभास, दिल से हो दिल ए हिंदुस्तान, यही हो मेरी पहचान, आन के खातिर जान गंवा दे,फिर मेरा भारत महान, शून्य से विमान अविष्कार कर नाम भारत ने कमाया, विदेशी निगाह चढ़ा, यही सोने की चिड़िया कहलाया, देवों ,ऋषियों मुनियों की भूमि यही देवलोक कहलाये, जगजाहिर है नवाचार इसके,इसको ही विश्व गुरु बुलाये, अतिभाव इतना कि अतिथि देवो भवः का सम्मान मिले, खिला सौरभ अपनत्व का वसुदेव कुटुम्बकम भी मिले। 🌠💠𝐂𝐡𝐚𝐥𝐥𝐞𝐧𝐠𝐞 -𝟑💠🌠 #𝐜𝐨𝐥𝐥𝐚𝐛_𝐰𝐢𝐭𝐡_𝐚𝐚𝐩𝐤𝐢_𝐥𝐞𝐤𝐡𝐧𝐢 आज की रचना के लिए हमारा शब्द है 🎈📥 ⬇🔻⬇🔻⬇🔻 ⬇ 🔻⬇ 🔻⬇ 🎀दिल ए हिन्दुस्तान 🎀 🎗🎗🎗🎗🎗🎗🎗🎗
Insprational Qoute
अन्नदाता अनुदार हृदय, जगजीवन देयता सम विधाता, श्रम परिश्रम धीर वीर जब जग के लिए धन वो उगाता, हे हलदर के वीर,तुम ही देते समस्त जगत को प्राणदान हो, माटी का ज्ञान हृदय संग लगा अचेतन बीज को दिए जीव हो, कथा व्यथा तेरी अन्नदाता मन को करती अथाह आहत है, शरीर स्वेद सम नहाये,तपती धरा पर तेरा मन समाहत है, प्रकृति करे मेहनत बर्बाद,सपना जीवन का कभी न हुआ आबाद, मन विचलित करे न मिलता कोई साथ किससे करे किस्मत संवाद? अंत अंनत कर वो भूमिपुत्र फँस सूदखोर के चुंगुल में हार जाता है, दुख वेदना पीड़ा सुन उस कृषक की दिल करहा सा तब जाता है, अन्नदाता का धरा पर मान होना चाहिये, देते तुम्हें धान व प्राण है, किसान प्रधान देश ,इनके कर से उपजा वो बीज पता जीवन दान है। 🌠💠𝐂𝐡𝐚𝐥𝐥𝐞𝐧𝐠𝐞 - 𝟐💠🌠 #𝐜𝐨𝐥𝐥𝐚𝐛_𝐰𝐢𝐭𝐡_𝐚𝐚𝐩𝐤𝐢_𝐥𝐞𝐤𝐡𝐧𝐢 आज की रचना के लिए हमारा शब्द है 🎈📥 ⬇🔻⬇🔻⬇🔻 ⬇ 🔻⬇ 🔻⬇ 🎀किसानों की पीड़ा! 🎀 🎗🎗🎗🎗🎗🎗🎗🎗
Insprational Qoute
देखो इन सफ़हो पर तेरा नाम ये मेरी चाहत है,कोई मसौदा नही, ए संग ए दिल ये दिल्लगी,इश्क़ किया है तुमसे,कोई सौदा नही, दिल ए मुंतिजर तेरी राह निहारता रहा अंतिम सांसों के जाने तक, वस्ल ए यार करो भूल सब तमाजत,ये दिल है, कोई ओहदा नही। 🌠💠𝐂𝐡𝐚𝐥𝐥𝐞𝐧𝐠𝐞 - 𝟏💠🌠 #𝐜𝐨𝐥𝐥𝐚𝐛_𝐰𝐢𝐭𝐡_𝐚𝐚𝐩𝐤𝐢_𝐥𝐞𝐤𝐡𝐧𝐢 आज की रचना के लिए हमारा शब्द है 🎈📥 ⬇🔻⬇🔻⬇🔻 ⬇ 🔻⬇ 🔻⬇ 🎀इश्क़ किया था तुमसे,सौदा नहीं! 🎀 🎗🎗🎗🎗🎗🎗🎗🎗
kavi manish mann
जिंदगी की नाव पे सवार हो चले। हौसले मेरे ये पतवार हो चले। चल दिए भंवर से हमें डर नहीं रहा। इस नए दौर के हम ललकार हो चले। 🌠💠𝐂𝐡𝐚𝐥𝐥𝐞𝐧𝐠𝐞 -𝟒💠🌠 #𝐜𝐨𝐥𝐥𝐚𝐛_𝐰𝐢𝐭𝐡_𝐚𝐚𝐩𝐤𝐢_𝐥𝐞𝐤𝐡𝐧𝐢 आज की रचना के लिए हमारा शब्द है 🎈📥 ⬇🔻⬇🔻⬇🔻 ⬇ 🔻⬇ 🔻⬇ 🎀ज़िंदगी की नाव 🎀 🎗🎗🎗🎗🎗🎗🎗🎗
Neha Pathak
कितने खूबसूरत थे वो दिन और रात, दिन भर माँ का प्यार, साँझ ढ़लते पापा का दुलार! गड्ढों गुड़ियों सँग घर घर का खेल, दोस्तों सँग आंख-मिचौली, मन में ना कोई सवाल ना ही कोई भेदभाव! पलभर की नाराज़गी, फ़िर मीठी मुस्कान, खेल कर थकते हम,दर्द माँ महसूस करती चारों ओर बस मेरी आवाज़ ही गूँजती! छोटे छोटे हथेलियों से माँ की उँगलियों को पकड़ जब चलती, बड़े शान से वो घूमती फिरती! वो दिन भी क्या दिन थे "नेहा" ना बड़े होने की चिंता, ना कुछ खोने पाने की परवाह हुआ करती! 🌠💠𝐂𝐡𝐚𝐥𝐥𝐞𝐧𝐠𝐞 -𝟲💠🌠 #𝐜𝐨𝐥𝐥𝐚𝐛_𝐰𝐢𝐭𝐡_𝐚𝐚𝐩𝐤𝐢_𝐥𝐞𝐤𝐡𝐧𝐢 आज की रचना के लिए हमारा शब्द है 🎈📥 ⬇🔻⬇🔻⬇🔻 ⬇ 🔻⬇ 🔻⬇ 🎀वो दिन भी क्या दिन थे!🎀 🎗🎗🎗🎗🎗🎗🎗🎗
Divyanshu Pathak
इश्क़ किया था तुमसे,कोई सौदा नहीं! मुस्कुराहट बांटी तमाज़त मसौदा नहीं। टूटकर फ़ौलाद से आँसू बह निकले तो! दिल में आपके हमारा वह अहोदा नहीं। 🌠💠𝐂𝐡𝐚𝐥𝐥𝐞𝐧𝐠𝐞 - 𝟏💠🌠 #𝐜𝐨𝐥𝐥𝐚𝐛_𝐰𝐢𝐭𝐡_𝐚𝐚𝐩𝐤𝐢_𝐥𝐞𝐤𝐡𝐧𝐢 आज की रचना के लिए हमारा शब्द है 🎈📥 ⬇🔻⬇🔻⬇🔻 ⬇ 🔻⬇ 🔻⬇ 🎀इश्क़ किया था तुमसे,सौदा नहीं! 🎀 🎗🎗🎗🎗🎗🎗🎗🎗
DR. SANJU TRIPATHI
दुनियां के हर कोने में रोज न जाने कितनी ही बहू, बेटियों की आबरू लुटती रहती है। होती हैं बेशर्मी और दरिंदगी की हदें पार तब होने लगती है सारी इंसानियत शर्मसार। इंसान बनके करते हैं हैवानियत, इंसानियत भूल दुष्कर्म करते रिश्तों को भूल जाते हैं। जाने कैसे हो जाते हैं इतने दरिंदे कि किसी मजबूर, लाचार की आवाज न सुन पाते हैं। कहीं भी सुरक्षित नहीं है बहू बेटियाँ हर दम ही अनजाने डर के साये में जीती रहती हैं। शर्मसार इंसानियत को करते जरा सी मौज मस्ती खातिर इज्जत को कौड़ियों में तौलते। बलात्कार जैसी घिनौनी घटनाओं पर अंकुश लगा रोकने के कठोरतम प्रयास करने होंगे। बलात्कारियों और इंसानियत को शर्मसार करने वालों को सरेआम फाँसी चढ़ाना होगा। बहुत बना लिये कागजी, खोखले, दिखावटी खानापूर्ति करने वाले कानून और नियम। नियमों का सख्ती से हक़ीक़त में पालन कर नयी निर्भया, प्रियँका बनाने से रोकने होगा। -"Ek Soch" 🌠💠𝐂𝐡𝐚𝐥𝐥𝐞𝐧𝐠𝐞-𝟕💠🌠 #𝐜𝐨𝐥𝐥𝐚𝐛_𝐰𝐢𝐭𝐡_𝐚𝐚𝐩𝐤𝐢_𝐥𝐞𝐤𝐡𝐧𝐢 आज की रचना के लिए हमारा शब्द है 🎈📥 ⬇🔻⬇🔻⬇🔻 ⬇ 🔻⬇ 🔻⬇ 🎀बलात्कार!🎀 🎗🎗🎗🎗🎗🎗🎗🎗
DR. SANJU TRIPATHI
बचपन की यादों में खोकर, मेरा मन आज भी बच्चे जैसा ही बन जाता है। याद करता है वह शैतानियां, वह नादानियां फिर उसी में खोकर रह जाता है। बारिश में भीग कर नहाना, वह मां-पापा की डांट खाना बड़ा याद आता है। वो दिन भी क्या दिन थे! दादी-नानी से किस्से-कहानियां सुनना ही भाता था। खेलने-कूदने के लिए, पढ़ाई से जी चुराना, वो बहाने बना घूमना याद आता है। स्कूल ना जाने के लिए पेट दर्द का बहाना बनाना, फिर समोसे खाना भाता था। क्लास से बाहर बैठने के लिए होमवर्क ना करके ले जाना बैठ कर गप्पे लड़ाना, दोस्तों की टोली संग मौज-मस्ती करना समय बिताना, बड़ा ही सुहाता था। भेदभाव रीति-रिवाजों से अलग, अपनी छोटी सी दुनियां में खोये रहना सुहाता था। चेहरे पर मासूमियत थी, दिल में ना कोई बैर था, बस केवल दोस्ती निभाना आता था। -"Ek Soch" 🌠💠𝐂𝐡𝐚𝐥𝐥𝐞𝐧𝐠𝐞 -𝟲💠🌠 #𝐜𝐨𝐥𝐥𝐚𝐛_𝐰𝐢𝐭𝐡_𝐚𝐚𝐩𝐤𝐢_𝐥𝐞𝐤𝐡𝐧𝐢 आज की रचना के लिए हमारा शब्द है 🎈📥 ⬇🔻⬇🔻⬇🔻 ⬇ 🔻⬇ 🔻⬇ 🎀वो दिन भी क्या दिन थे!🎀 🎗🎗🎗🎗🎗🎗🎗🎗