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Vineet Sharma
"कोरा पन्ना और इश्क़" मैं क्या कहूँ! पन्नों में पढ़लो है एक दौर लिखा, इन पन्नों में समेटी हुई है मुहब्बत की फिज़ा, जो कल तक था इश्क़ के जज़्बातों से भरा, रहता है अब कोरा और नहीं है उसकी कोई परवाह| कहते है, नहीं है मित्र कोई पन्नों सा, वो चुपचाप सुनती है चाहे जैसी हो दशा, मगर जब खुद सुनने का मन करे तो क्या करें बता, शायद इसलिए ही अब बेमानी है पन्नों से वफ़ा | कितना ही लिख लें इन पन्नों पे अपनी कहानी हम, इक दिन बस बनकर रह जाएँगे निशानी हम, वो निशानी भी या तो इन पन्नों संग धूल बन जाएगी, या फिर पोशीदा कहानी इन पन्नों की वजह से खुल जाएगी| ऐतबार नहीं इन पन्नों का ये कुछ न संभाल पाएगी, कोरा ही रहने दो इन्हे, लाल इश्क़ ये कैसे छीपाएगी , माना इसपे लिखी गई तो इतिहास बन जाएगी, रहने दो न, मेरा इश्क़ कोरा है, कोरे पन्ने पर दाग न झेल पाएगी| #कोरापन्ना #कोराइश्क़ #yqdidi #vineetvicky #maymoods #ufvoices #metaphorical
Vineet Sharma
"आदत सी हो गई है" रंग बिरंगे फूलों संग चहक जाने की, उनके संग हँसने-रोने-गाने की, बेबुनियाद बातों पर मुस्कुराने की, आदत सी हो गई है| वो कहते रहते है, मैं सुनता रहता हूँ, उनकी कहानियों को फिर गुनता रहता हूँ, उनको याद रख खुद को भूल जाने की, आदत सी हो गई है| स्याह सी काली रात में, उड़ते उस जुगनू के साथ में, तुमसे मिलकर आने की, आदत सी हो गई है| वो फूल जो रोज़ मिलते है सुबह, अकेला छोड़ जाने को शामों में, उनकी हँसी में तुम्हारी झलक पाने की, आदत सी हो गई है| बहती हवाओं संग खुद बह जाने की, आँखें बंद कर हर याद दोहराने की, पलकें खोल फिर सब में शामिल हो जाने की-मुस्कुराने की, आदत सी हो गई है| A metaphorical poem with lots of metaphors which are personified.. I know my readers will understand the hidden meaning of it...thanks for reading me.. #आदतसीहोगईहै #yqdidi #vineetvicky #maymoods #ufvoices #metaphorical
Vineet Sharma
बेहद आफरीन हो तुम, बेइंतहाँ हसीन हो तुम, हर नज़र को ख़्याल बस तुम्हारा है, हर अदा तुम्हारी बेमिसाल नज़ारा है, शिद्दत से पिरोया ख़ुदा ने तेरे हर अंश को है, तलब तेरी यहाँ मौजूद हर शख्स को है, जाने क्यूँ, तेरी आँखों से मगर दर्द झलकता है, तु मुझको मेरी ही तरह, टूटा हुआ लगता है| #आफरीनहोतुम #yqdidi #vineetvicky #maymoods #ufvoices #तुम
Vineet Sharma
बारिश जब आसमां से गिर, ज़मीं को गले लगाती है, दोनों हाथ में तुम समाते हो, धड़कने नृत्य करने लग जाती है, ख्वाबों को फ़िर गहरी नींद से, हक़ीक़त को देख उठना पड़ता है, भीग कर मतवाली बरसात में, आंसुओं को छिपा रोना पड़ता है |... जानते सब हैं मगर मानता कोई नहीं। आख़िर नतीजा - रोना पड़ता है। #रोनापड़ताहै #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #ufvoices #vineetvicky #maymoods #बारिश
Vineet Sharma
"आखिर चुप क्यूँ रहते हो" तुम---- चहकती है चिरय्या, हवाएँ भी सांय-सांय आवाज़ करती है, पानी बहता है कलकल, बारिश भी टप-टप आहट करती है, तुम क्यूँ अपने मन के घोड़ों को थामे रहते हो?, बताओ न, आखिर चुप क्यूँ रहते हो? मैं----- आसपास देखो तुम कौलाहल की स्थिति है, चिल्ला रहे है सब पर कहाँ किसी की ध्वनि सुनती है?, कहने वाले है कितने, सुनने की क्या क्षमता दिखती है?, ये जो उड़ती चिरय्या है, तुम्हें क्या गुमसुम नहीं लगती है?, मैं मन से इन सबको सुनता रहता हूँ, बस इसलिए, मैं चुप ही रहता हूँ| तुम--- इस भीड़ में गुम हो जाओगे, क्या डर नहीं लगता है?, सुनते-सुनते ही मर जाओगे, क्या फर्क नहीं पड़ता है?, मैं---- अरे!, जिनको सुनना नहीं उन्हें सुनाना क्यूँ है, जो राग न बैठे उस राग को गाना क्यूँ है!, तुम क्यूँ इतने सवाल करते रहते हो?, तुम---- क्यूँकी तुम बताते नहीं, आखिर चुप क्यूँ रहते हो?... Hello reader, , this is a try to write a conversational poem.. So after reading do give your comments and your opinions regarding the experiment... Your views are important for me to grow.. #चुपक्यूँरहतेहो #conversationalpoem #तुमऔरमैं #yqdidi #हिन्दीकविता #ufvoices #maymoods
Vineet Sharma
"मतलबी हूँ मैं" राग है मुझमें, द्वेष है मुझमें, लोभ है मुझमें, क्रोध है मुझमें, जाने कितने ही अपराध बोध से भरा हूँ मैं, "मतलबी हूँ मैं" बस स्वार्थ से ही सबसे जुड़ा हूँ मैं| उजाला तुम, अंधेरा हूँ मैं, सत्य तुम, मिथ्या हूँ मैं, पुण्य तुम, पाप हूँ मैं, शांत तुम, दुर्दांत हूँ मैं, जाने कितने ही लालसाओं के भोग में जड़ा हूँ मैं, "मतलबी हूँ मैं" बस स्वयं के इश्क़ में पड़ा हूँ मैं| प्रेम में उपजी वो घृणा हूँ मैं, मुहब्बत की हवस में रमा हूँ मैं, चाहत में जुनून का गुनाह हूँ मैं, अभिलाषाओं में रहने वाली वासना हूँ मैं, क्या करूँ!, इंसानी फितरत में रचा-बसा इंसान हूँ मैं, "मतलबी हूँ मैं" बस मतलब से ही ज़िन्दा प्राण हूँ मैं| #मतलबीहूँमैं #ज़िंदा #ufvoices #हिंदीकविता #vineetvicky #maymoods #मैं
Vineet Sharma
"इंतज़ार" रात की बेला और पंखे की आवाज़, ये छोटा सा बल्ब देता मंद प्रकाश, ताकती छत को मेरी आँखें नासाज़, इंतज़ार में बीत रहे ये पल भी है खास| When you are waiting at night... #इंतज़ार #yqdidi #पल #ufvoices #vineetvicky #maymoods #collabchallenge
Vineet Sharma
"तुम बस खुश रहना" सौ तरह की बातों को सह लेना, आँख उठाकर, आवाज़ चढाकर कुछ न कहना, हवस का पुजारी जो हाथ थाम ले तो रो लेना, तमाचा जड़ने की सोच को वहीं दफन कर देना| अत्याचार हुआ तुमपर तो क्या हुआ!, हर रोज़ कहीं न कहीं तो होता ही है ये गुनाह, सब से छुपाकर, दिल में दबाकर रख लेना, सुनी सी रातों में जख्मों पर मरहम कर लेना| तू न्याय की चाह में जो मूह खोल जाएगी, खुद पर ही तु देखना लांछन पाएगी, तेरे कपड़ों पर, तेरी चाल-ढाल पर बातें बनाई जाएगी, तेरे अपनो के बीच भी तु खुद को अकेला पाएगी| तो सुनो, चुपचाप सह लेना, जो तुझे कोई छेड़े तो रास्ता बदल लेना, मुट्ठी बाँध अपने गुस्से को पी लेना, किसी से कुछ न कहना| अपनी आज़ादी से वरना हाथ पड़ेगा धोना, घर में बैठे ही फिर पढ़ते रहना, बाहर की दुनिया को पड़ेगा अलविदा कहना, नहीं चाहती न तु ये सब सहना| तो "जहाँ रहो खुश रहो या वहाँ रहो जहाँ खुश रहो", मगर मान के मेरी बात, "चुप रहो", और जैसे भी हो हालात जाने देना, चुपचाप रहकर, सहकर, "तुम बस खुश रहना"|... This poem is about the life of girls to whom we as a society always say "खुश रहना" but we certainly take a lot of freedom from them in the name of safety and other things.... बाकी आप पढ़के अपनी राय जरूर बताना.. Coz this is something different I have written.. Your comments are welcomed, and do let me know that have you understood the irony in the poem.. #खुशरहना #yqdidi #maymoods #ufvoices #vineetvicky #हिंदीकविता #जहाँरहोखुशरहो #satisfaction
Vineet Sharma
"सबके दिलों को छूकर" कितने ही रंगों के आलिंगन में समा, मैं खुद के रंग को समझ सका हूँ, मैं अकेला दुनिया से लड़ सकता हूँ, मगर क्यूँ जब मैं तुम सब को जीत चुका हूँ| हिमालय के सामने किसी पहाड़ की क्या औकात है, गुलाब के सामने किसी और फूल की क्या बिसात है, तिनके का सहारा डूबते के लिए कूदरती सौगात है, तुम सब का होना मेरे लिए रब के होने का एहसास है| जानता हूँ मुमकिन नहीं ज़िन्दगी भर का साथ है, तुम्हारे जाने से पहले होगा मेरा जाना मुझे विश्वास है, तुम सब मुस्कुराते रहना बस यही मेरा ख़्वाब है, "सबके दिलों को छूकर" अब गुजर भी जाऊँ तो अंत लाजवाब है| ये कविता हर उस इंसान के लिए जिनके दिलों को कहीं ना कहीं मैंने छुआ हो, आप पूछोगे आपके दिल का क्या? मेरे दिल को छू कर आप लोगो ने ही अपनी जगह हमेशा के लिए स्थापित कर ली है.. अब मैं कहीं भी जाऊँ आप की यादों का समागम मेरे साथ हमेशा रहेगा... Thanks अफसूँ for giving me such a beautiful topic to write on.. #सबकेदिलोंकोछूकर #yqdidi #maymoods #ufvoices #vineetvicky #hindipoetry
Vineet Sharma
"Sinking & Drowning" Deep are you, Wanted to sink but drown in you, It was a free fall in your eyes, Engulfed with so many memories is this device, I tried to flutter, But it got tougher, Then somehow I realize, To live, for me your eyes are suffice. After I drowned, I there found, A drop of tear, Which didn't come out of fear, The fear that the world will know, The pain behind the smile & glow, Though I wanted to sink, But drowning has provided the link. The link to why you are so deep? Why you never let your heart speak? Why you always smile and ask others too? Why you say others to not be you? But oh! dear how can I let you go? Without you I'll say this life, No!, I was sinking so deep in you, That tear drop after drowning taught me how to flow!... "Sinking & Drowning" Deep are you, Wanted to sink but drown in you, It was a free fall in your eyes, Engulfed with so many memories is this device, I tried to flutter, But it got tougher,