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Sad_Say
👤💔 #SAD #alone #Heart #Broken #justfeelingsonlyfeelings #viral #viral_video #Thoughts
read more@ayush
बहुत बोलने वाला इंसान अगर चुप हो जाए तो समझ लेना चोट बहुत गहरी लगी है.... ©K@Anshu #just_a_thought #justfeelingsonlyfeelings #lovebreak #Brekupqueotes
हिंदीवाले
तेरे शहर को खूबसूरत बनाने में न जाने कितने गांव वीरान हो गए... @हिंदीवाले #justfeelingsonlyfeelings #Memeories #CityEvening
Aman Dhiman
ये कैसा रोग ज़माने को लगा है हर कोई अपने आका को बचाने में लगा है नाम, रंग, ज़ात, पहनावा चेहरे चुन चुन कर ढूंढ रहे है हर कोई एक दुझे की गलतियां गिनाने में लगा है ये कैसा रोग ज़माने को लगा है ग़रीब को दो वक्त का राशन देकर वीडियो बनाता है कोई फ़ोटो खिंचवाता है कोई टी वी पर, अखबार में ख़बर लगवाता है कोई मैं हूँ महान, हर शख़्स यहां मौका भुनाने में लगा है ये कैसा रोग ज़माने को लगा है हक़ीक़त है क्या, किस को खबर है जिसका है पैसा, उसकी ही कदर है जिस कलम में थी ताक़त अब वो भी बिक रही है बुरी है अपनी हाल, मगर किसे दिख रही है जिसे झूठ था मिटाना, वही सच छिपाने में लगा है ये कैसा रोग ज़माने को लगा है अमन कभी खुद के गुनाहों से भी पर्दा उठा ले अपने अंदर की बुराई को मिटा दे तूने देखा है खुद को आईने में कभी या सिर्फ दूसरों को आईना दिखाने में लगा है ये कैसा रोग ज़माने को लगा है #justfeelingsonlyfeelings ये कैसा रोग ज़माने को लगा है हर कोई अपने आका को बचाने में लगा है नाम, रंग, ज़ात, पहनावा चेहरे चुन चुन कर ढूंढ रहे है हर कोई एक दुझे की गलतियां गिनाने में लगा है ये कैसा रोग ज़माने को लगा है ग़रीब को दो वक्त का राशन देकर
ये कैसा रोग ज़माने को लगा है हर कोई अपने आका को बचाने में लगा है नाम, रंग, ज़ात, पहनावा चेहरे चुन चुन कर ढूंढ रहे है हर कोई एक दुझे की गलतियां गिनाने में लगा है ये कैसा रोग ज़माने को लगा है ग़रीब को दो वक्त का राशन देकर #justfeelingsonlyfeelings
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जब सभी चल दिए छोड़ कर साथ तू ने दिया ज़िन्दगी ख़ाब सब बेच कर बाप ने फिर सबर कर लिया ज़िन्दगी रात दिन झूमता ही रहा जाम ऐसा पिया ज़िन्दगी लिख लिया रो लिया सो गया रोज़ ऐसे जिया ज़िन्दगी नाम है शायरों में मिरा ये भला क्या किया ज़िन्दगी जब सभी चल दिए छोड़ कर साथ तू ने दिया ज़िन्दगी ख़ाब सब बेच कर बाप ने फिर सबर कर लिया ज़िन्दगी रात दिन झूमता ही रहा जाम ऐसा पिया ज़िन्दगी
Aman Dhiman
मैं अपनो के दोष छिपाता हूँ मैं गैरों पे लांछन लगाता हूँ जब उँगली मुझ पर उठने लगे चुपचाप वहाँ से खिसक जाता हूँ मेरी बुद्धि बहुत ही छोटी है मैं किसी के भी पीछे लग जाता हूँ मैं धर्म के नाम पर बँटता हूँ मैं अक्सर दंगों में कटता हूँ मुझे आग लगानी आती है अपनी इज़्ज़त बचानी आती है मैं ये भी हूँ मैं वो भी हूँ मैं भीड़ का हर एक चेहरा हूँ मुझको ही ये मालूम नही मैं इक प्यादा हूँ इक मोहरा हूँ मुझे कल वालों ने लूटा था मैं आज भी लूटा जाता हूँ ये मेरे बस की बात नही मैं सियासत कहाँ समझ पाता हूँ जिसने मुझे बनाया है वो बेबस है लाचार है बहुत मुझे रक्षा उसकी करनी है मुझको ही उसे बचाना है वो नादाँ है वो तो पगला है बस अमन ही एकलौता सियाना है मैं अपनो के दोष छिपाता हूँ मैं गैरों पे लांछन लगाता हूँ जब उँगली मुझ पर उठने लगे चुपचाप वहाँ से खिसक जाता हूँ मेरी बुद्धि बहुत ही छोटी है मैं किसी के भी पीछे लग जाता हूँ मैं धर्म के नाम पर बँटता हूँ मैं अक्सर दंगों में कटता हूँ
मैं अपनो के दोष छिपाता हूँ मैं गैरों पे लांछन लगाता हूँ जब उँगली मुझ पर उठने लगे चुपचाप वहाँ से खिसक जाता हूँ मेरी बुद्धि बहुत ही छोटी है मैं किसी के भी पीछे लग जाता हूँ मैं धर्म के नाम पर बँटता हूँ मैं अक्सर दंगों में कटता हूँ #Poetry #poem #kavita #nazm #justfeelingsonlyfeelings
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कल ज़िंदगी ने है बुलाया कुछ दिखाने के लिए चल देखते है यार ये हमको दिखाएगी क्या मैं सुन रहा हूँ तू सुना अपना फसाना ज़िंदगी अपनी कहानी के सभी किस्से सुनाएगी क्या तू इक इशारा कर ज़रा मैं रोक लूँगा मौत को इस रात से पहले बता तू लौट आएगी क्या इन सरहदों ने तो जुदा अब कर रखे है घर कई हाँ ये नई सरकार सब बिछड़े मिलाएगी क्या चुपचाप मेरे सामने अब यूँ खड़ी खामोश सी सच बोल दे ये आज तू भी रूठ जाएगी क्या जो भी मिला मुझको सबक बन के मिला है अब तलक तू भी ज़ख़्म देकर मुझे मरहम लगाएगी क्या सब कुछ गवा कर मैं तुझे अब हूँ मिला इस मोड़ पर तेरे सिवा कुछ भी नही खुद को चुराएगी क्या उसने बुलाया है मुझे कुछ बात करने के लिए सब कह दिया था तब मुझे अब वो बताएगी क्या नासाज़ है तेरी तबीयत कह रहे थे वैद जी माँ सच बता अब और तू मुझसे छिपाएगी क्या सब हार कर आया अमन कुछ जीतना बाकी नही जो जीत कर हारा यहाँ उसको हराएगी क्या कल ज़िंदगी ने है बुलाया कुछ दिखाने के लिए चल देखते है यार ये हमको दिखाएगी क्या मैं सुन रहा हूँ तू सुना अपना फसाना ज़िंदगी अपनी कहानी के सभी किस्से सुनाएगी क्या तू इक इशारा कर ज़रा मैं रोक लूँगा मौत को इस रात से पहले बता तू लौट आएगी क्या
कल ज़िंदगी ने है बुलाया कुछ दिखाने के लिए चल देखते है यार ये हमको दिखाएगी क्या मैं सुन रहा हूँ तू सुना अपना फसाना ज़िंदगी अपनी कहानी के सभी किस्से सुनाएगी क्या तू इक इशारा कर ज़रा मैं रोक लूँगा मौत को इस रात से पहले बता तू लौट आएगी क्या #Poetry #Love #ghazal #maa #poem #Shayari #justfeelingsonlyfeelings
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