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Best क़दम Shayari, Status, Quotes, Stories

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बेजुबान शायर shivkumar

#relaxation #हक़ीक़त को तुम और न हम जानते हैं । #मोहब्बत को बस एक भरम जानते हैं । मैं क्या इसके बारे में #मंज़िल से पूछूँ , #थकान मेरी , मेरे #क़दम जानते हैं ।

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पाण्डेय ख़ुशबू

DR. SANJU TRIPATHI


इस जिंदगी में उलझनें है बहुत, हम खुद ही सुलझा लिया करते हैं।
अपनी उलझनों से ही हम मुश्किलों के हल निकाल किया करते हैं।

जिंदगी की कुछ उलझनों को तो हम वक्त पर छोड़ दिया करते हैं।
उलझनें सुलझाने में हम अपना कभी भी वक्त जाया नहीं करते हैं।

गमों को छुपाकर हम अपने माथे की शिकन को हटा लिया करते हैं।
अपने माथे की सिकन से हम अपने गमों की नुमाइश नहीं करते हैं।

चलते वक्त के साथ-साथ हम भी चलने की कोशिश किया करते हैं
वक्त को रोक कर हम उसे कभी समेटने की कोशिश नहीं करते हैं।

खुली हवाओं में खुलकर साँस लेने को हम अपने हाथ फैला लेते हैं।
अंदर ही अंदर घुटकर हम अपनी जिंदगी को गमगीन नहीं करते हैं।

क़दम-क़दम पर इम्तिहान है घबराते नहीं, हम हंसकर सामना करते हैं।
जिंदगी जिंदादिली से जीते हैं ज्यादा पाने की ख्वाहिश नहीं करते हैं।
-"Ek Soch"


 #क़दम-क़दमपरइम्तिहान 
#कोराक़ागज़ 
#कोराक़ागज़_pst_2
#विशेषप्रतियोगिता 
#collabwithकोराकागज
#yqbaba
#yqdidi

Bhardwaj Only Budana

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क़दम क़दम पे बड़ी तन्हाई देखी है मेरे पाँव भी डगमगाने लगे थे l
     तेरी मंज़िल बड़ी दूर है रुक जा रास्ते भी मुझे यूँ समझाने लगे थे l
    कभी हार कर नही डरा मेरा वजूद मैं ख़ुद ही हैरान हूँ मेरे हौसलों 
    से जिन्दगी में कामयाबी के मिटे हुए निशान भी दिखने लगे थे l

Bhardwaj Only Budana

ਮਨਪ੍ਰੀਤ ਬੈਂਸ

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बरसों तड़पकर तुम्हारे लिए
मैं भूल गया हूँ कब से, अपनी आवाज़ की पहचान
भाषा जो मैंने सीखी थी, मनुष्य जैसा लगने के लिए
मैं उसके सारे अक्षर जोड़कर भी
मुश्किल से तुम्हारा नाम ही बन सका
मेरे लिए वर्ण अपनी ध्वनि खो बैठे हैं बहुत देर से
मैं अब लिखता नहीं- तुम्हारे धूपिया अंगों की सिर्फ़
परछाईं पकड़ता हूँ ।

कभी तुमने देखा है- लकीरों को बगावत करते ?
कोई भी अक्षर मेरे हाथों से
तुम्हारी तस्वीर बन कर ही निकलता है
तुम मुझे हासिल हो (लेकिन) क़दम-भर की दूरी से
शायद यह क़दम मेरी उम्र से ही नहीं
मेरे कई जन्मों से भी बड़ा है
यह क़दम फैलते हुए लगातार
रोक लेगा मेरी पूरी धरती को
यह क़दम माप लेगा मृत आकाशों को
तुम देश में ही रहना
मैं कभी लौटूँगा विजेता की तरह तुम्हारे आँगन में
इस क़दम या मुझे
ज़रूर दोनों में से किसी को क़त्ल होना होगा ( pash )

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