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राजा पत्रकार
*किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर किसान यूनियन टिकैत पार्टी ने बुलंद की आवाज़* टाण्डा अम्बेडकरनगर। जिले में भारतीय किसान यूनियन टिकैत पार्टी का धरना फतेहपुर हाईवे पुल के नीचे बहलोलपुर मे जारी रहा। जिसमें किसानों के विभिन्न मुद्दों को लेकर बुलंद की आवाज। किसान यूनियन ने एनएच 233 से प्रभावित 43 ग्रामों के किसान जो बीते 2 से 3 साल से परेशान हैं। कई बार लड़ाई लड़ने के बाद बसखारी रोड हिंदुस्तान मैरिज हॉल में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के नेतृत्व में बैठक हुई थी जिसमें तय हुआ था कि 43 ग्रामों के किसानों को प्रत्येक गाटे में सहखातेदार 0.0 510 हेक्टेयर आवासीय दर से दिया जाएगा। लेकिन उसका पालन आज तक नहीं हो पाया । दूसरा मुद्दा तीन-तीन बार जमीन गजट की गई तमाम किसानों की जमीन अधिग्रहण हो चुकी है लेकिन गजट में उनका नाम नहीं आया। तीसरा मुद्दा गजट 10 जनवरी 2021 को हुआ आज तक किसानों को उसका बजट बना करके पैसा नहीं मिल पाया ।चौथा जिले में किसानों को मजदूरों को बिजली फ्री मिलनी चाहिए वह बिजली बकाया मुक्त किया जाए। पांचवा मुद्दा जिले में किसान को खाद एवं बीज भी समय-समय से उपलब्ध कराया जाए ।गेहूं क्रय समय से सुनिश्चित किया जाए और असमय बारिश से हुई फसलों के हुए नुकसान की छतपूर्ति कराई जाए ।इन्हीं सब मुद्दों को लेकर भारतीय किसान यूनियन टिकैत की बैठक धरना 20 मार्च 2023 से शुरू होकर आज दूसरा दिन धरना जारी है।धरने में जिलाध्यक्ष विनय वर्मा,जिला उपाध्यक्ष लक्षिराम राम ,तहसील अध्यक्ष मनोज कुमार बर्मा,तहसील उपाध्यक्ष रवीन्द्र कुमार वर्मा राम जनम वर्मा ,त्रिभुवन मौर्य, देवी प्रसाद वर्मा, कपिल देव, शहंशाह सहित इत्यादि लोग मौजूद रहे ©राजा पत्रकार #किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर किसान यूनियन टिकैत पार्टी ने बुलंद की आवाज़ टाण्डा अम्बेडकरनगर। जिले में भारतीय किसान यूनियन टिकैत पार्टी का धरना फतेहपुर हाईवे पुल के नीचे बहलोलपुर मे जारी रहा। जिसमें किसानों के विभिन्न मुद्दों को लेकर बुलंद की आवाज। किसान यूनियन ने एनएच 233 से प्रभावित 43 ग्रामों के किसान जो बीते 2 से 3 साल से परेशान हैं। कई बार लड़ाई लड़ने के बाद बसखारी रोड हिंदुस्तान मैरिज हॉल में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के नेतृत्व में बैठक हुई थी जिसमें तय हुआ था कि 43 ग्राम
I_surbhiladha
कदर में समझ गईं जब खाने को अन्न नहीं मिला था, किसी दिन मुझे तब जाकर एहसास हुआ मुझे, कितनी गलत थी मैं 👇👇 ©I_surbhiladha मेहनत पर उनकी मैं रोटी खा रही थी , वह फसलें काटते भी है , ओर उगते भी है।। वह कड़कड़ाती ठंड हो या जलती हुई धूप, वह श्रम रात-दिन करते हमे देखो रोटी मील तो रही है ।। दो वक्त की रोटी उनकों नहीं मिलती, एक वक़्त ही बेहद मुश्किल से मिलतीं है।। ... I have not done till today but many people not value food which they get🤗🤗🤗
Nishant Jha
*कड़कती धूप से आकर पेड़ की छांव में बैठा था,* *मायूस किसानों को देखकर लगा किसी गाँव में बैठा था।* *सौ बाल्टी से नहाने वाला शख्स,* *सूखी नदी में नाँव में बैठा था।* #कड़कती धूप से आकर पेड़ की छांव में बैठा था,* #मायूस #किसानों को देखकर लगा किसी गाँव में बैठा था।* *सौ बाल्टी से नहाने वाला शख्स , *सूखी नदी में नाँव में बैठा था।* #nishantjhashayri #nishantjha #yqbaba #yqhindi #yqshayri
prabhat kumar
डी.पी. पर तिरंगा लगानें की जरूरत उनको है जिनके पुरखे अंग्रेजों के लिए जासूसी किया करतें थे। जिन्होंने आजादी के बाद 52 सालों तक अपनें कार्यालयों/मुख्यालय पर तिरंगा नहीं फहराया। वो हमें न बताएं कि देशभक्ति का पैमाना क्या है। हमारे तो खून के कतरे कतरे में देश बसता है। जय जवान- जय किसान जवान हैं तो देश और देश की सीमा है, किसान हैं तो ही दूध-दही की नदियां और संम्पन्नता-खुशहाली से सबका जीना है।। #किसानों की मांगें पूरी करो #सेना में प्राइवेटाइजेशन(अग्निवीर) वापस लो #सरकारी संम्पत्ति को बेचना बन्द करो ©prabhat kumar
Ek villain
झारखंड सरकार के एजेंडे में गिरती सबसे ऊपर है यह किसानों के लिए अच्छी बात है और राज्य के विकास के लिए भी राज्य बजट और कृषि में ग्रामीण विकास के लिए शीघ्र ही भारी-भरकम राशि के प्रधान को एक नजर देखने से यह साफ पता चलता है कि राज्य सरकार ने इसकी जरूरत शिद्दत से महसूस किया है सरकार का स्पष्ट हो सके जीएसडीपी में कांग्रेस के योगदान के साथ-साथ किसानों का जीवन स्तर बदले हुए आधुनिक खेती से जुड़े और उनकी आय बढ़े इस सोच में सीमेंट की खामी अक्सर बड़ा भारी पड़ती है बजट घोषणा के जमीन पर उतरने वक्त लगता है कि और कुछ काम में आती है ऐसा ही होता है कि नहीं कर सकते लेकर आगे बढ़ रही है राज्य सरकार की खेती की लागत कम करने और किसानों को आधुनिक खेती से जोड़ने का और राज्य सरकार पिछले कई वर्षों को संचालित कर रही ©Ek villain #किसानों के हित में झारखंड सरकार #Love
Ek villain
देश में किसानों की आमदनी बढ़ाने के तौर-तरीके पर बहस छिड़ी हुई है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि खेती और बाजार के सुधारों को अपनाने में 2022 तक किसानों की आय दुगनी हो जाएगी स्वामीनाथ आयोग की रिपोर्ट को लागू किया जाएगा किसान काफी हद तक परंपरा खेती के दौरे से बाहर निकल चुके हैं और कुछ निकलने की कोशिश कर रहे हैं स्वामीनाथ आयोग की रिपोर्ट को एकदम जोकर तो लागू करने के बजाय सरकार ने इस कृषि सुधार को अपनाते हुए चरणबद्ध तरीके से लागू किया है हाल ही में किसान ने 1 साल तक आंदोलन करते हुए जिन तीन कांग्रेश कानूनों को वापस कराया उसमें बाजार के सुधार को एक दिशा नजर आ रही है लेकिन तीनों ही कानून राजनीतिक आंदोलन की भेंट चढ़ गए हालांकि अभी तक कुछ नहीं बिगड़ा अब केंद्र सरकार ने कृषि और बाजार सुधारों को की तरफ अपना कदम बढ़ाते हुए समूचे देश के किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने की शुरुआत की है केंद्रीय बजट में प्राकृतिक खेती को अपनाने पर पूरा जोर दिया है कि शायद इस फार्मूले को अपना ले तो ना केवल उनकी आय में कोई बढ़ोतरी होगी बल्कि देश के लोगों के स्वास्थ्य में भी आश्चर्यजनक रूप से सुधार हो सकेगा प्राकृतिक खेती खेती खेती के रूप में परिभाषित किया जाता है देश की शुरुआत करने दो लोगों को जाता है हरियाणा के पानीपत जिले के सपा ने गुजरात के राज्यपाल और महाराष्ट्र में सुभाष पालेकर दोनों की खेती को जोड़ने में कोई कसर नहीं जोड़ी आचार्य देवव्रत ने अपनी यह मुहिम गुरुकुल कुरुक्षेत्र के प्राचार्य रहते हुए शुरू की थी ©Ek villain #किसानों की बढ़ेगी आए देश के सुधरेंगे सेहत #promiseday
Ek villain
बजट से ठीक पहले टीवी चैनलों पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि बढ़ाने की खबर का अनुमान अधिकतर विश्लेषण करने लगे थे इसलिए शक बता रहे थे कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से नाराज किसानों को संतुष्ट करने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ऐसा कर सकती है हालांकि मुझे पर पूरा भरोसा था कि मोदी सरकार के बजट में ऐसे लोगों की भावनाएं वैष्णो होने वाली है मेरा मन है कि अर्थव्यवस्था के लिहाज से बेहद खराब होता है इससे राजनीतिक लाभ भी मुश्किल मिलता है अच्छा हुआ कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मल सीतामढ़ी ऋण चुकाना लाभ के में नहीं फसी और किसानों के हाथ में जाने वाली रकम बढ़ने के लिए किसानों को मजबूत करने वाले निर्णय लिए कृषि कानून को वापस लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए बड़ी चुनौती है कि किस तरह से देश के 90% से अधिक छोटे किसानों के हित वाले कानून को लागू कर रहे हैं सीधे तौर पर उन कानूनों को लागू करना जोखिम भरा है इसलिए प्रधानमंत्री उसी रास्ते पर चले जिसके लिए उन्होंने पहचान है परिणाम देने वाले निर्णय को लागू करना है और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में बढ़ोतरी जैसे सुनने को नहीं मिले तो किसानों ने कहा कि मोदी सरकार ने उन्हें आंदोलन का बदला लिया है अब सवाल यही है कि क्या इस बजट में किसानों के लिए कुछ भी नहीं है और प्रधानमंत्री ने किसानों से आंदोलन करने का बदला लिया है ©Ek villain #किसानों की प्रगति के लिए स्पष्ट संदेश #roseday
MD Muzaffar Alam
Rakesh frnds4ever
भारत को शिक्षा की जरूरत है education की नहीं भारत को विज्ञान /प्रकृति की जरूरत है science की नहीं भारत को स्वदेशी की जरूरत है modern होने की नहीं भारत को किसानों की जरूरत है factories की नहीं भारत को आयुर्वेद की जरूरत है medicines की नहीं भारत को वेदों उपनिषदों की जरूरत है english की नहीं भारत को धरती मां की जरूरत है buldings की नहीं भारत को भारतीयता की जरूरत है westernity की नहीं भारत को भारतीयों की जरूरत है अंग्रजियत की नहीं, भारत को पहले वाले भारत की जरूरत है बाकी दुनिया की नहीं क्यूंकि भारत ही दुनिया का स्वर्ग था ,,, #भारत को #शिक्षा की जरूरत है #Education की नहीं भारत को विज्ञान /प्रकृति की जरूरत है #Science की नहीं भारत को #स्वदेशी की जरूरत है modern होने की नहीं भारत को #किसानों की जरूरत है factories की नहीं
Ashish Deshmukh
शेतकर्यांच्या नशीबी फुटके कौलं अंधार दाटुन आलाय किमया काळ्या मेघांची... आशांना मोहोर आलाय दुनिया वेड्या मनांची... वर्षाविना आठवडा गेला फजिती पिवळ्या रानांची... इंद्राला घ्यावी वाटली परीक्षा भोळ्या जनांची... अचानक महापूर आला जळली कोवळी रोपं... शेतकर्यांच्या माथी डोळी केवळ उघडी झोप... हा महीनाभर चालला होता सृष्टीचा प्रकोप... कोरडवाहू शेतकऱ्यांच्या आशा पावल्या लोप... राबून दिवसभर तो गाळतोया घाम... जागुन रातभर त्याचं चालतया काम... मार्केटमध्ये बुद्धी तवा होतया जाम... जवा मिठभाकरी पुरताच मिळतोया दाम... सावकाराचे कर्ज मी आता कसे फेडू... पुढचे पेरणे करायला दमडी कशी जोडू... झाडाखाली एकटा फुंडसू-फुंडसू रडू... की मन हलके करायला हंबरडा फोडू... या उदासीन जीवनाचे आता काय करू... परवडेल विष घ्यायला की फाशी लाऊन मरू... संघर्षी जीवनाला का इतक्या लवकर हरू... आयुष्याचे कौलं आपण पुन्हा एकदा फेरू... ©Ashish Deshmukh #farmer #Suicide #शेतकरी #किसान #किसानों #खेत #बारीश #farmersprotest