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Ark

#टिक टॉक वीडियो #मोटू पतलू वीडियो वीडियो भोजपुरी वीडियो'

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Dr.Preeti sen

#duniya

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Ruchi ki kalam se

#Poetry #Waqt Shikha Sharma tr.soumya chaudhary (madhubala) Sumati mishra sonam mishra (Youtuber) secret superstar Mr. MANEESH

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सचेती हूँ,,,,मै

उस घड़ी के बारे मे जो चली है,,,हमेशा ही यू टिक-टिक कभी रूकी ही नहीं,,,
काश चल पाती कभी पीछे तो ले जाती मुझे भी उन प्यारी यादो मे.!!

अजीब-सी कश्मकश मै सोचती हूँ मै...
ये चारो अोर की खामोशी और,,,.सुन रही कोई गीत हूँ मै.....!

ना जाने पुरा होगा के नही,,,,, फिर भी कोई ख्वाब बुन रही हूँ...

लिख कर कुछ शब्द मन के सोचती हूँ,,,, इतराके कोई कवि हूँ मै...!
जैसे की ये कहानी मेरी और इसकी छवि हूँ मै,,!!!! #poetry #waqt  Shikha Sharma tr.soumya chaudhary (madhubala) Sumati mishra sonam mishra (Youtuber) secret superstar  Mr. MANEESH

Pankaj Priyam

कवि की कलम

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कवि की कलम

जब आग दिलों में है जलती,
तब कलम कवि की है चलती।

हर रोज़ निशा भी सँग जगती,
हर बात की साक्षी वह बनती।
जब हृदय में पीर कोई पलती
तब कलम कवि की है चलती। 

जब सारा जग है सो जाता,
जब स्याह अँधेरा हो जाता।
जब रात घनेरी कुछ कहती,
तव कलम कवि की है चलती।

घड़ी भी टिक-टिक ये करती,
खुद से खुद वह बातें करती।
जब शाम सिन्दूरी बन ढलती,
तब कलम कवि की है चलती।

जब किरण सबेरे बिखराती,
सतरंगी छटाएँ निखारती।
जब खुशबू चमन में है घुलती,
तब कलम कवि की है चलती।

जब भूख से कोई यहाँ मरता,
जब भीड़ से कोई यहाँ डरता।
जब ज्वालामुखी बनके फटती,
तब कलम कवि की है चलती।

जब राह कोई भी भटकता है,
फाँसी पे किसान लटकता है।
जब सज़ा बिना कोई ग़लती,
तब कलम कवि की है चलती।

जब कानून ही अंधा हो जाता,
भ्रष्टाचार ही धँधा हो जाता।
जब पाप की गंगा है बहती,
तब कलम कवि की है चलती।
©पंकज प्रियम
03/10/2019 कवि की कलम

Anirudh Tiwary

Deepika Dubey Kajal Kapoor Sahiba Sridhar Navneet Sarada Shailja S

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मेरे घड़ी की टिक- टिक करती सुई हो तुम
मेरे दिल की  धक -धक करती धड़कन हो तुम
मेरे शायरी  के अल्फाजों को समझा करो
कैसे समझाऊं क्या- क्या हो तुम? Deepika Dubey Kajal Kapoor Sahiba Sridhar Navneet Sarada Shailja S

Akram Qumar

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The three magical words सुनो,
जानती हो ,
रोज़ सोचता हूँ एक ख़त लिखूँ तुमको, वही ख़त जो मैंने अपने इश्क़ के पहले दिन से लिखना चाहा था। लेकिन कभी लिख नहीं पाया लेकिन सोच रहा हूँ आज लिखूँ, फिर अगले ही पल सोचता हूँ कि क्या महसूस कर पाओगी उनको क्योंकि शब्दों को पढ़ा नही महसूस किया जाता है। क्या तुम महसूस कर पाओगी कि कितना अकेला हो गया हूँ मैं?
तुम जो खो गयी हो ना, जानती हो दिन बहुत उदास रहने लगे है मेरे और रात मुझे घूरती है हर रोज़ बुझने तक। छत मेरी सबसे पसंदीदा जगह हो गयी है, कभी-कभी तो पूरी रात वहाँ बीत जाती है। हाँ, सच मे पूरी रात !
कभी कभी तो लैम्पपोस्ट के इन लाइटों से भी चिढ़ होती है, जी करता है कि फोड़ दूँ इनको। कभी मन करता है रोड पर चल रहे या आसपास रह रहे हर किसी से बात करूं और कभी सोचता हूँ कि इतना शांत हो जाऊं कि किसी की आवाज़ ही ना सुनाई दे, और सुनूँ तुम्हारी साथ की गयी हर बात को।
मुझे अपने आस पास की हर चीज़ महसूस होती है। नल से टिप-टिप रिसता पानी, घड़ी की टिक-टिक करती आवाज़, पंखे का शोर, अगर कुुछ नहींं सुनाई देती हैै तो तुम्हारे लौट आने की उम्मीद।
और भी बहुत कुछ है लिखने को जो मेरे शब्द समेट नहीं पा रहे, और कलम लिख नहीं पा रही, सो बस।
हाँ कभी कभी रो भी लेता हूँ, ( लड़के भी रोते हैं )
आज अकेलापन सारी सीमाएं पार कर रहा है।
सुनो ना! 
अगर हो सके तो लौट आओ मैं ये तो नहीं कहूंगा कि मैं दुनिया मे सबसे ज़्यादा प्यार दूंगा तुमको, लेकिन ये वादा है तुमसे कि मेरी दुनिया के सारे प्यार पर सिर्फ तुम्हारा हक़ होगा।
लौट आओ ना प्लीज़....😢

रजां इन मूड...

Mohammad Ibraheem Sultan Mirza

घड़ी की टिक टिक को मामूली न समझो, बस यूँ समझ लीजिये, ज़िन्दगी के पेड़ पर कुल्हाड़ी के वार है, . #मौहम्मद_इब्राहीम_सुल्तान_मिर्जा,

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घड़ी की टिक टिक को मामूली न समझो,

बस यूँ समझ लीजिये,

ज़िन्दगी के पेड़ पर कुल्हाड़ी के वार है,
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मौहम्मद इब्राहीम सुल्तान मिर्जा,, घड़ी की टिक टिक को मामूली न समझो,

बस यूँ समझ लीजिये,

ज़िन्दगी के पेड़ पर कुल्हाड़ी के वार है,
.
#मौहम्मद_इब्राहीम_सुल्तान_मिर्जा,

अभिषेक सिंह

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जब घड़ियां टिक टिक करती है,

रात हमे समझाती है,

हम निपट अकेले कमरे में

गुम सुम सा हो जाते है,

जब सारी दुनिया का समझाना 

बेईमानी सा लगता है,

तब हमें बस रोना ही अच्छा लगता है

Kiran Bala

जानते सभी पर कोई नहीं समझता 
 चक्र ये किसी के लिए नहीं पलटता  
कोई अतीत के लिए रोता-बिलखता 
  कोई भविष्य के सजीले स्वप्न बुनता   
वक्त की टिक-टिक कोई नहीं सुनता 
बस यहीं वर्तमान हाथ से फिसलता #nojoto #nojotohindi  #gif #CTL #time #life #truth #वक्त #कविता #विचार #tst #kiranbala

Saurabh Singhal

😄😄😄😄😄😄

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#OpenPoetry खाली तालाब में कैसे तर रहा हूँ मैं
जब सांसें चल रही है तो कैसे मर रहा हूँ मैं
ये टिक टिक टिक टिक टिक टिक आवाजें कानों को सुनाई देती हैं
जब धड़कने चल रही है तो कैसे डर रहा हूँ मैं
अरे! डर किस बात का क्या उस्से डर जाऊँगा 
इतना कमज़ोर हूँ क्या जो उसकी बेवफाई पर मर जाऊँगा 😄😄😄😄😄😄
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