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CalmKazi
ओह ! आज फिर बदरा ने किवाड़ हटाया है, शायद चाँद दर पर आया है । #CalmKaziWrites #YQBaba #YQDidi #Hindi #चाँद #बदरा #किवाड़ #लुकाछुपी
Shweatnisha Singh🌸
"बदरा"... ©श्वेतनिशा सिंह🌸 (अनुशिर्षक में पढ़ें) "बदरा"... शाम सुहानी बदरा लाए, बूंदों ने भी शोर मचाए... पंछी चहककर घर को लौटे, हवा बहती मद्धम-मद्धम... मन को सुकून पहुँचाए,
✍️ # ASHISH GUPTA
#KisanDiwas #रूक रुक कर #बदरा बरसे। प्यासी #मिट्ठी बूंद को तरसे।। आस #नयन से देखे किसान। चारो पहर करे नभ का ध्यान।। सुन लो #बिनती करे किसान। अबकी देर न करियो भगवान।। ✍️ #आशीष_गुप्ता
Mo k sh K an
जाने कौन ये बदरा काले क्या क्या ले कर आए हैं उम्मीदों के पैर हवा हैं पानी के फाहे हैं जाने कौन ये करवट बदलें और तूफ़ाँ बन जाएँ थिरक थिरक कर आसमान पर ऐसे ही छन जाएँ मुट्ठी में हैं जब तक पासे, तब तक ही हमसाये हैं जाने कौन ये बदरा काले क्या क्या ले कर आए हैं #बदरा #tassavuf #skand #mera_aks_paraya_tha #मेरा_अक्स_पराया_था
Saurabh Verma
रिमझिम बरस रहे है, बदरा, हमारी प्यास बुझा रहे है, बदरा, किसानों के चेहरों पे, खुशियां ला रहे है, बदरा, गर्मी की तपिश को, दूर ले जा रहे है,बदरा, धरती को हरा-भरा, बना रहे है,बदरा, मौसम को खुशनुमा, बना रहे है,बदरा, आसमान से, अमृत, बरसा रहे है,बदरा, रिमझिम बरस रहे है,बदरा…..✍️
Sadashiv Yadav
बदरा बदरा सखि बरसत नाही उमस उदर सुख ई पावत नाही मुरझा तरू अरू ब्याकुल पंछी शीतल समीर मन भावत नाही
Anita Sudhir
वर्षा ऋतु *** दोहावली तपे दोपहर जेठ की ,व्याकुल सब नर नार। ऋतु बदले आषाढ़ में, दादुर रहे पुकार ।। श्वेत वसन धारण किये, नील गगन मुस्क़ाय। घिर घिर बदरा आय जब ,हिय हर्षित हो जाय।। कागज की किश्ती चले ,इस मौसम बरसात । उस निर्धन की झोपड़ी ,टपकी पूरी रात ।। please read in Caption *** #वर्षा ऋतु #दोहे#Nozoto hindi *** तपे दोपहर जेठ की ,व्याकुल सब नर नार। ऋतु बदले आषाढ़ में, दादुर रहे पुकार ।। श्वेत वसन धारण किये, नील गगन मुस्क़ाय। घिर घिर बदरा आय जब ,हिय हर्षित हो जाय।।
Lata Sharma सखी
जबसे ये बारिशों के दिन आये है, लगता है मन पर भी बदरा छाये हैं। जब कभी देखते हैं हम ये बारिशें, साथ में पलकों को भीगा पाये हैं। काले काले बदरा जो न भी बरसे, बाहर सूखे मगर अंदर नमी लाये हैं। घुमड़ घुमड़ करते हुए काले बदरा, अंदर अजब सी हलचल मचाये हैं। क्यों सखी बारिश के दिन हैं आते, ये बादल मन की प्यास जगाये हैं। ©सखी #baarish #बादल #दिल #
Abhishek Rajhans
ओ बदरा प्यारे मन के दुलारे कब बरसोगे तुम मेघ लिए आँगन हमारे धरा की प्यास अपने नैनो से बुझा रहे मनमोहिनी मोरनी के भाग्य जगा रे ओ बदरा प्यारे देख खेत में हल लिए किसान तेरी राह निहारे चिड़ियां चहकना भूल गए उनको जरा फिर से चहका रे तनिक तो मन को भींगा रे ओ बदरा बावरे पहले सावन की नई नवेली दुल्हन के जज्बातों को गले से लगा ले ओ बदरा प्यारे अब और ना तड़पा रे नभ के नयनो में बसे हो क्यों कुछ बूंदे तो जलते पथों पर उड़ेल रे ओ बदरा काले -कजरारे बरस जा रे ओ करुणा के रखवाले नैनो की प्यास बुझा रे----अभिषेक राजहंस ओ बदरा प्यारे #Nojoto #NojotoHindi