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Harsh Khanna
छोड़ दोगे जिस दिन इंतज़ार कभी वक़्त न देने वालो का, समझोगे ख़ुद के वक़्त की अहमियत व किरदार अपने अश्को का। #yqdidi #अश्को #lovequote #responsibility
Maneesh Ji
Read In Caption #Happy_Christmas 🎅 ........................................... 🥀 🥀 जों मनाते हैं उनकों भी जों नहीं मनाते उनकों भी .......................................... 🥀 🥀 ND
Kh_Nazim
एक तरफा प्यार.....! एक तरफा प्यार दुःख बहुत देता है कही हिम्मत को तोड़ देता है तो कही किसी अज़नबी से तार जोड़ देता है एक तरफा प्यार का रास्ता हर किसी को रास नहीं आता कोई ख़ामोश तो कोई गुमनाम होता है ऐसा एक तरफ प्यार होता । इरादे मजबूत करके, एक तरफा इज़हार कर भी दिया नाज़िम मैं जानती थी राज़-ए-दिल तुम्हारे दिल का इसलिए मैंने माना कर दिया आँख नम ना हुई हो भाले ही अश्को से मेरे पर दिल के टुकड़े हजार हुए है शब्दो से तेरे। टुटा बिखरा पड़ा जो दिल है मेरे एक तरफा मकान में, सोचता हूं कि गुमनाम हो जाऊ, नाज़िम गुमनामी के माखान में । एक तरफा प्यार.....! एक तरफा प्यार #दुःख बहुत देता है कही #हिम्मत को तोड़ देता है तो कही किसी #अज़नबी से #तार जोड़ देता है एक तरफा प्यार का रास्ता हर किसी को रास नहीं आता कोई ख़ामोश तो कोई #गुमनाम होता है ऐसा एक तरफ प्यार होता ।
Kh_Nazim
अजाब-ए-दस्ता में मोहब्बत-ए-गुन्हा कर लिया हमने, हारे है दिलो के हाथों,नैनो से अश्को को छूपा के देख लिया। बौखलाया दिल है ज़माने से क्या गिला करे गलती अपनी थी ,छुप कर अश्को को इसलिए विदा किया #अजाब-ए-दस्ता में #मोहब्बत-ए-गुन्हा कर लिया हमने, #हारे है दिलो के हाथों,#नैनो से अश्को को छूपा के देख लिया। #बौखलाया दिल है ज़माने से क्या गिला करे गलती अपनी थी , #छुप कर #अश्को को इसलिए #विदा किया
Dilip Makwana
अहसास क्या होते है सिर्फ शब्दो मे सुने थे ! मगर एहसासों का अहसास जिसने करवाया वो अहसास हो तुम..... तुम्हे महसूस करने के लिए तुम्हारी आवाज जो बेशक कोयल सी मधुर होगी की जरूरत ही नही पड़ी मुझे, क्योंकि तुम्हारे चांद से चेहरे की कुछ खूबसूरत तस्वीरों ने तुम्हारी खूबसूरती की एक किताब छोड़ रखी थी मेरे दिल मे ! उस किताब के हर पन्ने का अल्फाज जैसे बडी वादियों में सफेद पहाड़ी के बीच गिरते झरने की कुछ बूंदों का उड़ती हवा के झरोखे के साथ चेहरे पर गिरना लगता था !! इस किताब पर हक जताना मेंरे दायरों से काफी परे था मगर चंद पन्नो से चंद अल्फाजो को पढ़ पाना ही मेरे नसीब में था.....मगर इतने ही अल्फाज काफी थे तुमसे करीब होने के...बहुत करीब होने के लिए !! एक खूबसूरत प्राकृतिक दृश्य से तुम्हारी खूबसूरती की तुलना करना शायद मेरी गुस्ताखी थी क्योंकि उस प्राकृतिक नजारे का तुम्हारे मुकाबले निरंतर बौना होना...मुझे देखा नही जा रहा था !! कभी कभी पूर्णिमा की रात में, चांद की हल्की सी रौशनी में,छत पर अकेला बैठ कर...सुन्न से पड़े मौहल्ले में....जहाँ सिर्फ पेड़ों के कुछ पत्तो के हिलने की आवाज महज मेरे कानों में स्पष्टत: आ रही थी और वही कुछ पक्षियों के चहचहाने की....... वहां उस नजारे में सिर्फ मैं ,मेरा सुन्न पड़ा मौहल्ला,पूर्णिमा की रात, हल्की सी चांदनी,पत्तो की आवाज,पक्षियों की चहचाहट और मेरी ""प्यारी सी कल्पना"""...... वहाँ खुली आँखों से कल्पना करना शायद मेरी ज़िंदगी के सबसे खूबसूरत लम्हो में से एक था !! "तुम्हारे अश्को से जब कुछ अश्रु भौहें को स्पर्श करते हुए गालों से चिपक कर सूखते होंगे तो मैं सफेद वादियों में दो पहाड़ी के बीच झरने से बह रहे पानी को महसूस कर लेता था ! ऐसी ही होगी उसकी अश्रुधारा.. ठीक इस खूबसूरत झरने की तरह !! "तुम जब चलती होगी तो तुम्हारे पैरों में बंधी पायल से निकली चन्न-चन्न की आवाज ठीक वैसी ही होगी जैसे किसी नन्ही सी जान का जन्म होते ही उसके मुख से पहली ही दफा निकली "खूबसूरत किलकारियां" जो पूरे प्राँगण में महक भर देती हो ! कल्पना ही कल्पना में जब रात मेरा साथ दे रही थी मगर स्पष्ट देख पा रहा था कि कही न कही से चाँद मुझे एकनजर से घूर रहा है ......पूछ रहा हो जैसे " कौन है वो जिस कारण तुम मुझे ही फीका महसूस कर रहे हो " मेने भी कह दिया " अच्छा है छुपी हुई है वो , वरना पूरी कायनात जुट जाएगी उसे तेरी जगह बिठाने को" !! तुम बोलती होगी तो कैसे बोलती होगी ? बड़ा उत्सुक हुए जा रहा था हर बार.....सोचता था कितने खुशनसीब होंगे वो अल्फाज जो तुम्हारी जिव्हा और होंठो को निहारते....निहारते निकलते होंगे ! कितनी खुशनसीब होगी वो मेहन्दी जो तुम्हारी हथेली पर सज कर उत्सुक हो रही होगी , और कितने खुशनसीब होंगे तुम्हारे वो हाथ जो किसी न किसी बहाने तुम्हारे गालों को चूमते होंगे !! कोसो दूर था मगर बहुत करीब आ गया था तुम्हारे, तुम्हे पाने के लिए बढ़ती रौशनी मेरा हौसला बढ़ाए जा रही थी ! मैं तुमसे कह भी देता कि "इस चाँद की रौशनी हमेशा के लिए मेरी हो" "पूरी ज़िंदगी इसी रौशनी के सामने बैठा गुजारूं" "सोच रहा था...ज़िन्दगी भर के लिए तुम्हारे अश्को को,तुम्हारे अल्फाजो को,तुम्हारे हाथों को छुट्टी पर भेज दु और ज़िन्दगी भर के लिए मैं मजदूर बन जाऊं तुम्हे निहारने के लिए" ! मगर ये सब आसान कहा था कह भी नही सकता था...."आत्मविश्वास "? आत्मविश्वास की कमी नही थी मुझमे मगर डर सा लग रहा था कि कही बहुत दूर न हो जाऊं तुमसे !! वो सब खो दूंगा जो महसूस करता हूँ ! जो सब गवा दूंगा जो सोचा भी नही हूं ! सोचता हूँ... कैसे बनाया होगा खुदा ने तुम्हे !! शायद नूर के बने तालाब में डुबोकर बाहर निकाला होगा ! खुदा की कलाकृति पर नाज है मुझे...यकीन नही हो रहा है, कोई कीसी को ऐसा कैसे बना सकता है ? यकीनन ऐसा बनाया है इसलिए तो खुदा कहते है तुझे !! मगर सुन लो खुदा.....तुम्हारे दी हुई इक इक खूबसूरती को संभाल रखा है मेरी उसने...... जितनी कशमकश खुदा ने तुझे बनाने में की है उतनी ही तूने उसे संभालने में की है ! इसलिए किसी शायर का एक शेर याद आ गया तुम्हारे लिए "मैं मानता हूँ तुम खुदा नही हो" "मगर खुदा से कम भी तो नही हो" तुम वो खूबसूरत पुष्प हो जिसके इर्द-गिर्द मेरे जैसे अनगिनत भँवरे गुनगुनाते फिरते है मगर खिलना,महकना तेरी फितरत है !! दिलीप मकवाना
Mukesh Ojha
.........अभिव्यक्ति........ . तुम्हारे अश्को के मोतियो में ,मेरी मोहब्बत अमर हुई हैं फिर से जो तु आ जाए , मेरी धड़कन धड़क रही हैं | तुम्हारे अश्को के .......... तुम्हारे संग गुजरे पलो में , न जाने कितने दर्द पड़े हैं आज जो तु आबाद है ,न जाने कितने बर्बाद पड़े हैं | तु ज़हा भी हो इस जहां में ,बस आस एक बनी हुई हैं तुम्हारे अश्को के .......... ख्वाबो की इस महफिल में ,किरदार कितने बैठ पड़े हैं सपनो की इस झड़ी में , हकदार कितने बैठ पड़े हैं | फिर दुनिया को है ये बताना,दर्द दिलों में पड़ी हुई हैं तुम्हारे अश्को के .......... जीते जी इस कड़ी में ,ज़िन्दगी बंजर सी हो पड़ी हैं बेइन्तहां मोहब्बत में , आसो का आस सो पड़ी हैं| देखेगा दुनिया इस पागलपन को,दिल में जो आग सुलगी हुई हैं तुम्हारे अश्को के .......... #### मुकेश ओझा #### love effect
Abhishek Sonwani
मैं आज भी तेरे अश्को में डूबा हूँ तेरे जाने के बाद, तुझे मेरे अश्को का एहसास होगा मेरे जाने के बाद।।
Dr. Nishi Ras (Nawabi kudi)
Dr. Nishi Ras (Nawabi kudi)
Book - "शुक्रिया ज़िन्दगी " पलकों के बदल से अश्को को बहने दो, लबों को थाम लो और धड़कन को कहने दो, खुद को बना ले तू इट या फिर पत्थर, या मोम की तरह हर दर्द को पिघलने दो, जुल्फ़ो के चिलमन से छिपा रखा है जो नूर, उस नूर को चमकने दो या जुल्फ़ो को उड़ने दो! © निशि की कलम से!! जुल्फ़ो मे नूर..देखो जरा.. #bookशुक्रियाज़िन्दगी #books #शुक्रियाज़िन्दगी #शुक्रिया #ज़िन्दगी #Nojotohindi #मेरेअल्फ़ाज़ #Nojotovoice #Nojotolove #Nojotoenglish #Nojotopost #नूर #चिलमन #आशिक #आशिकी #बादल #अश्को #अश्क #ईट #पत्थर #मोम #दर्द #चेहरा #nishithenavabikudhi #post #poet #मेरेजज़्बात #author #लेखक #writter #जुल्फ़ #तुम #खो #lost
@shinu
अपने अश्को की छाव में मैं भीगी पलको सा नम हो गया... आदत से बन गए मेरे अश्क, जिस दिन न आये ये मेरी आँखों मे एक भरम सा हो गया मेरे ज़िंदा रहने पर.. मेरे अश्को से अब एक नाता सा हो गया है,मुझे लगता है वो मेरे और मैं उसका वजूद से बन गया हूं.... तू सच बता ये सागर तेरे अंदर इतना नमक किसने पिरोया है... जरूर तेरे साहिल पर भी बैठकर कोई खूब रोया है..... #अश्क़....@shinu