Find the Best GAURAVpandeyPoet Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about rilke letters to a young poet, john donne as a love poet, donne as a love poet, browning as a love poet, if i was a love poet,
गौरव गोरखपुरी
जो सपने बस सपने बन कर रह जाएं उम्मीद सपनों का गला घोट देती है बड़ी बेरहम सी होती है उम्मीद जहां दर्द हो , वहीं चोट देती है #GAURAVpandeyPoet चोट #nojotohindi
गौरव गोरखपुरी
इश्क़ की अर्जियां डाल दी ,तुम्हारे दिल में मैंने आंखो से लिख - लिख कर के बसा लो दिल में मुझे अब तुम मुस्कुराओ मुझे देख - देख कर के कभी जुल्फें सवारो ,कभी पल्लू सम्हालो गिराओ बिजलियां एक - एक कर के कर दो इशारे - कुछ आंखो से , कुछ ओंठो से तो लगे , मारती हो - फ्लाइंग किस फेंक - फेंक कर के गिर गई है मेरी कीमत , मोहब्बत के बाजारों में तुम्हारी एक अदा पर , कई दफा बिक - बिक के आती है कशिश ऐसी , बताओ कैसे आवाज़ों में आती हो कहां से , बताओ ये सब सीख - सिख कर के #poeticPandey #GAURAVpandeyPoet कैसे #nojotohindi
गौरव गोरखपुरी
मैंने कबूला , कि मुझे इश्क़ था तो मैंने इजहार कर दिया बस इसी सबूत पर ,उसने मुझे साबित गुनहगार कर दिया #poeticPandey #GAURAVpandeyPoet इश्क़ #nojotohindi
गौरव गोरखपुरी
मकानों के जंगल में (शहर) जब पहुंचा मै गांव से कदम रुक से गए नजर झुक सी गई मेरी अरे, यहां तो ना कोई दरिया है ना कुछ चलता है नांव सा देखो जरा, ना कोई पेड़ पालो है नहीं कुछ नीम की छाव सा सोच रहा हूं कि किसकी तरक्की हुई है इस बदलाव से गांव का सुकून याद कर,पहली बार खुश हुआ मै गांव और शहर के अलगाव से!! #GAURAVpandeyPoet #poeticPandey #MeraShehar 5
गौरव गोरखपुरी
तेरी बेवफाई की आहट आईं फिरसे मै इसे छुप के कैद कर पाऊं तो अच्छा है आओ हकीकत बन के कभी दरमिया मेरे मै नफ़रत को फ़िरसे मोहब्बत कर पाऊं तो अच्छा है तेरे बीना रहने की आदत हो गई है ख़ुश रह़ना भी सीख रहा हूं बहुत जिंदा रह लिया अब सुन तेरी बीना भी मै मर पाऊं तो अच्छा है फ़र्क नहीं पड़ता ,किसी के आने - किसी के जाने से अरसे बित गए , वो दिन मोहब्बत के बडा निडर रहने लगा हूं आज कल मै फिर किसी हसी सुरत से डर जाऊं तो अच्छा है घर कर गई थी जो बिमारी इश्क़ की निकल फेंका है मैंने उसे और..बहुत दुर निकल आया किसी की तलाश में कोइ पुछे जो मेरे पता , मै मेरे शहर को मेरा घर कह पाऊं तो अच्छा है #poeticPandey #GAURAVpandeyPoet #MeraShehar 4
गौरव गोरखपुरी
पैसों से ही नहीं होता शहर में सहर, शाम को दर पर दिया भी तो जले मेरे शहर में सिर्फ पैसे से , अब कोई ख़ुश- हाल भी नहीं रहा किसके इज्जत पर आंच आईं , किसके गिरेबान पर डांका पड़ा मेरे शहर में ऐसा पड़ोसी , अब कोई ऐसा कोतवाल भी नहीं रहा देख कर मुंह फेर लेते है , वक़्त से जूझ रहे मेरे रिश्तेदार शहरी मसला अजीब सा है शहर का , यहां गांव सा हालचाल भी नहीं रहा दीवारें ऊंची हो रही हैं, घर के चार - दिवारी की हर रोज बगल में कौन घूंट - घूंट के मर रहा है , मेरे शहर को ये ख्याल भी नहीं रहा उलझे हुए है सब के सब , सोशल साइट्स की जाल में अब चौराहे पर ठहाके सुनाई नहीं देते , अब कोई कोलाहल भी नहीं रहा मुश्किल से देखने को मिलती है , माटी में खेलते बच्चे शहर में बच्चो की कहानियों में , अब विक्रम - बैताल भी नहीं रहा पुराने घर में ही पुराने , मां- बाप को छोड़ आए हैं इस पाप का मेरे शहर को , अब मलाल भी नहीं रहा रिश्ता तोड़ देते है , चंद नोक - झोंक में भावनाएं और वादे इस शहर में , अब कोई सम्हाल भी नहीं रहा निकलते है नाश्ता कर के , खाने के वक़्त पर लौट आते है गर्मी की छुट्टियों वाला , शहर में ननिहाल भी नहीं रहा गांव को देहात कह हसने वाले , क्या यही तरक्की है मेरे शहर की शहर वालो को शहरी कहने का , अब बचा कोई मिसाल भी नहीं रहा पेशा मोहब्बत था, शौक नहीं मेरा , ऐसे पेशवाई से लाचार मेरे सिवा मेरे शहर में, अब कोई बदहाल भी नहीं रहा #poeticPandey #GAURAVpandeyPoet #MeraShehar 2 पैसों से ही नहीं होता शहर में सहर, शाम को दर पर दिया भी तो जले मेरे शहर में सिर्फ पैसे से , अब कोई ख़ुश- हाल नहीं रहा किसके इज्जत पर आंच आईं , किसके गिरेबान पर डांका पड़ा मेरे शहर में ऐसा पड़ोसी , अब कोई ऐसा कोतवाल भी नहीं रहा देख कर मुंह फेर लेते है , वक़्त से जूझ रहे मेरे रिश्तेदार शहरी
गौरव गोरखपुरी
मै मदमस्त मौसम की मिजाजी से राजी होकर शीतल हवा से अपने मोहब्बत का इजहार कर रहा था और मौसम ने भी "हां" करने में देर नहीं की उसने मुझे सीने से लगा लिया और मुझे मौसम के इस मोहब्बत का अंदाजा तब हुआ जब उसी शाम मुझे उस शीतल हवा ने सर्दी - जुकाम बन कर जकड़ लिया #poeticPandey #GAURAVpandeyPoet मौसम #nojotohindi
गौरव गोरखपुरी
बदनसीबों के नसीब में बदनसीबों के नसीब में , मेहनत कब बड़ा हुआ बेरोजगार है युवा , कितना लिखा - पढ़ा हुआ मुद्रा स्फीति भी गिर रही , कैसा बुरा आंकड़ा हुआ डॉलर - युरो मौज में हैं, रुपया लाचार सा है पड़ा हुआ कश्मीर वाली खबर, कब तक देगी खुशी हमे जो महगांई बढ़ती गई ,जो घर वालो का मुंह है उखड़ा हुआ सांस लेने के तकलीफ से, जूझ रही है जीडीपी अर्थव्यवस्था को कफ ने , बुरी तरह है जकड़ा हुआ अभी कुछ पल पहले ही, चलना तो हमने सीखा था पाव उसका भी तोड़ दिया , जो अपने पाव पर था खड़ा हुआ! #poeticPandey #GAURAVpandeyPoet ये क्या हुआ #nojotohindi
गौरव गोरखपुरी
चांद से कह दो मुझे उसके दाग से दिक्कत नहीं मुझे तो उसके रोज बदल जाने से गम है #GAURAVpandeyPoet चांद
गौरव गोरखपुरी
जिस ओर कदम बढ़ाया बंद हर दरवाजा है जब मेहनत रंग नहीं लाती तो उठता उम्मीदों का जनाजा है जो कह कर गुजर जाते है कि कोई बात नहीं उन्हें दर्द ए दिल का कहां कोई अंदाज़ा है जेब फटी है तो क्या फटे हाल नहीं है हम कितने जुबानों ने हमें उस्ताद कह के नवाजा है हार जीत ,खुशी गम ये सब आने जाने है इन्हे यू ग़ज़ल बना देना बस जिंदगी का तकाजा है जियो आखिरी सांस समझ के शुरुआत बड़ी मीठी है इश्क़ की तो क्या हुआ जो अंत में भुगतना खामियाजा है #GAURAVpandeyPoet (YouTube) #poeticPandey इश्क़ #nojotohindi