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somnath gawade
साहेबांची 'उपद्रवी' कृती वाढली की, कर्मचारी 'विद्रोह' वृत्ती कडे वळू लागतात. #विद्रोह
PRAVEEN YADAV
क्रोध से उत्तपन्न होने वाले दुर्गुण - #चुगली करना #दूसरी स्त्री के साथ व्यभिचार करना #विद्रोह करना #ईर्ष्या करना #असहिष्णुता #दूसरे के धन का अपहरण करना #कठोर वचन बोलना #बिना अपराध दंड देना ©PRAVEEN YADAV क्रोध से उत्तपन दुर्गुण
Dhananjay(dhanuj) Sankpal
_#कवी'धनूज. वाटे विद्रोह करावा विद्रोह लिहावा समाजकंटक गोळा करोनी चौका-चौकात जाळावा भेदभाव जातीचा सांगणारा, करणारा जातीवंत जरूर निघावा वाटे विद्रोह करावा विद्रोह लिहावा अंधारात पाप, उजेडात पुण्य करणारा एका बापाचा ना निघावा विचार बलात्कारी, नजर बलात्कारी आजूबाजूला यांचा विसावा औलादी ओढ्या नाल्याच्या ओढ्या किनारी पुराव्या वाटे विद्रोह करावा विद्रोह लिहावा अंधश्रद्धा, जातीभेद माजवणारा रस्त्याला तानावा पाठीत दगड मारोनी दगडानी ठेचावा का भडकतोस मस्तकी? प्रश्न करोनी शिरा गळ्याच्या चाकू फिरवूनी तोडाव्या वाटे विद्रोह करावा विद्रोह लिहावा वाटे विद्रोह करावा विद्रोह लिहावा.......................... . ©Dhananjay(dhanuj) Sankpal #विद्रोह #धनूज #शायरी
Shankar kamble
शोषितांचा, उपेक्षितांचा हुंकार दबल्या वेदनांचा लेखणीने घडविली क्रांती सम्राट शोभे साहित्याचा घाव घातला अन्यायांवर थाप देवूनी अशी डफावर रान पेटले असे चेतले अंगार पेरले मनां-मनांवर उभारिला लढा चळवळीचा हक्क मागण्या श्रमिकांचा दुवा संयुक्त महाराष्ट्राचा मोडीला कणा प्रस्थापितांचा साहित्यातील चमकता हिरा तुम्ही प्रसवला तो फकिरा इतिहासाच्या पानोपानी अजरामर झाला वीर खरा बा भीमाच्या वारसदारा जग बदलण्या सज्ज हो क्रांतीची हाती मशाल घे शांती, समतेचा पाईक हो ©Shankar kamble #विद्रोह #लढा #जयंती #अण्णाभाऊ साठे #AWritersStory
Krishna B. Gautam
#बेरोज़गारी बेहतर होता सीख लेते वो हाथ का कोई हुनर पढ़ लिखकर मेरे बच्चे एकदम बेकार हो गए हैं बेरोज़गारी।।। #बेरोजगार #बेरोज़गारी #शिक्षा #स्टडी #भारत #india #युवा #जवान #पढ़ेलिखे #रोज़गार #सरकार #government #माहौल #विद्रोह #आन्दोलन #uneployment #मोदी #nmo #हिन्दुमुस्लिम priya puhup Amaya Agarwal miss jinu Avni Goyal
siddharath dinkar kharat
मला विद्रोह करायंचा !!! बेड्या बंधनाच्या तोडुन मला माणुस व्हायंच आहे किती अन्याय साहु मी मला विद्रोह करायचा आहे !!! भगंतसिग तो विद्रोही अजुन माझ्या रक्तात आहे संघर्षासाठी मला त्या फासावर चढायंच आहे !!! छाती मी मजबुत केली दाभोळकर ,पानसरे व्हायंच आहे सत्याच्या शोधासाठी आता गोळ्या छातीत झेलायाच्या आहे !!! नको चिगांरी ती छोटी क्रांन्तिची मशाल व्हायंच आहे नको मागे सरणे हे आता मला विद्रोह करायचा आहे !!! सिध्दार्थ दिनकर खरात मातृतिर्थ - सिदंखेडराजा 7544949787 मला विद्रोह करायचाय
Chandrika Lodhi
जश्न मना रहे थे जश्न हम सब आजादी का आत्मा मेरी कहकर यह चीत्कार उठी आजाद कहा हूँ मैं? मैं विद्रोह करने को तैयार बैठी न खाने की आजादी न पहनने की न उठने की आजादी न बैठने तालीमो की खान हूँ मैं आज भी गुलाम हूँ अपना अनकहा गुस्सा दिखा रही थी मैं पास में बैठी एक अम्मा मेरी बातो से मुस्कुरा रही थी मैंने वेबाकी से कहा हुआ क्या जो इतरा रही हो आप अजीब सी हंसी क्यो हंसे जा रहे हो थोड़ा सौम्य और सहजता से वो बोली तू अभी नदान है इसलिए इन बातो को गुलामी बोली मेट्रिक पास मैं उस उम्र की हूँ मैं आज आजाद हूँ इसलिए गुलामी नही भूली वो बुरका मेरी अम्मी की पहचान थी वो घूघट मेरे ससुर की शान थी वो जड़ो में सब्जी खुद ही सुबह लाते थे परेशान न हूँ मैं इसलिए खुद बच्चो को स्कूल छोड़ आते थे उनकी दासी होना सौभाग्य समझती हूँ मैं आज भी इस आजादी में उनकी प्रेम कैद को तरसती हूँ अब्बा मेरे मुझे उठने बैठने के साथ तरीका भावनाओ का सीखाते थे मैं सुंदर लगी इसलिए माँ से गोटे वाली चुनर मगवाते थे उनकी लाड़ली बनकर मैं सबकी जान थी अगर बात मनना है गुलामी तो उस गुलामी के हम भी गुलाम थे माथे पर माँग टीका सजाकर जब सास मेरी दुआओ देकर मुस्कुराती थी उनकी दी वो साड़ी मेरी मान कहलाती थी वो राखी पर आये न आये पर ज्नमदिन पर तोहफा जूरूर लाते थे भाई मुझे गुलाम बनाकर ही इतराते थे वो सुनाने हर किस्सा मुझे दफ्तर का जब जल्दी घर आते थे यही सोचकर मेरे कदम चाय बनाने किचन तक अपने आप चले जाते थे उनके सपनो को इंसान बनाने मैं सपनो को क्या खुद को भी छोड़कर मुस्कुराती हूँ उनकी बच्चो की माँ बनकर मैंअफसर होने से ज्यादा धौक जमाती हूँ आज भी अपने पौधो की साख पर मुस्कुराती हूँ मैं गुलाम बनकल आज अपनी भावनाओं की ठगी सी रह जाती हूँ तामीजो और संस्कारो से गुलाम होना बड़प्पन है आजाद होना है खुदगर्जी से आजाद हो जाओ तुम ज्येठ के टिसु बन जाओ विद्रोह करना है तो अन्याय का करो भवनाओ का नही मचलते समाज की नींव वना सकती हो तुम इस गुलामी में जीकर बिना विद्रोह के क्रांति ला सकती हो जो आजाद होकर दिन भर तुम्हारे प्रेम की आह भरते है क्या वो चेहरे तुमको आजाद दीखते है #NojotoQuote
Rajesh Nagar Nagar
विद्रोह को क्रांति नही कहा जा सकता है, यह तो हो सकता है कि विद्रोह का अंतिम परिणाम क्रांति हो ।। #भगतसिंह
अशोक द्विवेदी "दिव्य"
जो भी करो बेहद करो, इश्क़ करो या विद्रोह करो, क्योंकि अंजाम दोनो के एक है। #इश्क़ #विद्रोह