"तुझसे हूं मैं, तुझमें हूँ मैं"
तुम मन्नत मेरी मैं गरूर तुम्हारा , तुम हो जवाब तो मैं सवाल तुम्हारा।
तुम अगर बाती तो मैं दीया दीवाली का, तुम होली तो मैं गुलाल तुम्हारा।
तुम अगर मैंहदी तो मैं महावर, हो तुम आंख तो मैं काजल तुम्हारा।
तुम नींद तो मैं ख्वाब तुम्हारा , तुम अश्क तो मैं रूमाल तुम्हारा।
तुम अगर सीप तो मैं समन्दर, तुम हो बारिश तो मैं बादल तुम्हारा।
तुम अगर चांद तो मैं चकोर, तुम सोहनी तो मैं महिवाल तुम्हारा।
तुम अगर आग तो मैं भस्म , तुम करूणा तो मैं ह्रदय विशाल तुम्हारा। #दर्शनठाकुर
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दर्शन ठाकुर
"आज नहीं तो कल"
मुद्दतों से छलती आई किस्मत कभी साथ तेरा भी निभाएगी आज नहीं तो कल।
है मौसम शिशिर का उदास मत हो इन्हीं शाखों पर बसंत भी आएगी आज नहीं तो कल।
पंख नहीं तो क्या हुआ उड़ने की तू कोशिश कर उड़ान तेरी भी भर जाएगी आज नहीं तो कल।
है यकीन संघर्षों के समरांगण में विजय पताका तेरी भी लहरायेगी आज नहीं तो कल।
#दर्शनठाकुर
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दर्शन ठाकुर
"एक प्रेम कहानी ऐसी भी "
न रहने को मकान शहर अनजान लोग बेगाने,
किसी से कुछ पूछो तो कहे भाई हम क्या जाने।
घर फोन किया तो पापा पूछे पहुंच गया ठिकाने,
अब वहां बसकर के तो दिखा तो तुझे हम माने।
चारों तरफ देखा मगर ऐसा कोई न था जो मुझे पहचाने,
फिर क्या था लम्बी सी सांस भरी लगा खुद को रिझाने। #कविता#दर्शनठाकुर