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Parul (kiran)Yadav
" सूखकर भी नही टूटती कभी ये पेड़ो की डालिया... ऐ इंसा तू भी मत घबरा आई दुखो की भीड़ से .. हर पतझर के बाद बहार आएगी , इसी उम्मीद पर खड़ा ये सूखा पेड़ है ..... तेरा भी समय कट जायेगा ... काली रात के बाद जब उजला सवेरा आएगा.. ©Parul Yadav #Sukha #पेड़ #सुखदुख #स्ट्रीक्स Sethi Ji AD Grk ram singh yadav udass Afzal khan Anshu writer SIDDHARTH.SHENDE.sid
Shikha Srivastava
दुनियाँ को बचाने का एक तरीका अपनाते है चलो ना हम सब मिल एक एक-कर वृक्ष लगाते हैं ©Shikha Srivastava #पर्यावरण #जीवन #पेड़ #पेड़_ही_जीवन_है
vs raj
"रिश्ते भी इस सूखे पेड़ की तरह होते है, ज़ब हरा भरा और फल फूल देता है सब देखभाल करते है, ज़ब सुख जाता है छोड़ देते है, लेकिन लोग भूल जाते है की चाहे अब इस पेड़ में फल फूल देने की ताकत ना हो पर तुम्हें छाया अभी भी दे सकता है,, ©vs raj #alone #रिश्ते #बूढा #पेड़ #
@Sushilkumar_Sushil
पेड़ के अगर पँख होते तो वह छान मरता सारि धरती सारा आसमान उस चिड़ियाँ के लिए जो शाम को घोंसले में नही लोटी ! //कृष्ण कबीर // ©@Sushilkumar_Sushil #पेड़ और #पँछी #कृष्ण_कबीर
CM Chaitanyaa
कुछ कह रहे हैं हमसे, क्यों इनकी सुनना अब हमें गँवारा भी नहीं ? 38/365 सुप्रभात। जीवन धारा बहा रहे हैं अपनी धुन में गा रहे हैं सदा ज़िंदा रहें ये लहलहाते हुए पेड़
khusi
तुम हमारी जिंदगी हो, तुम ही खुशी हो, पर अफ़सोस की तुम्हारी कोई कद्र ना करता है, बस तुमको काट कर , अपना आस्याना बनाता है।। #yolewrimo में आज पर्यावरण दिवस के मौक़े पर #पेड़ के नाम एक पत्र लिखें। #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #ankitaguptamusings
RAHUL VERMA
कटी हुई टहनियां भी कहां पर छांव देती हैं। हद से ज्यादा उम्मीदें हमेशा घाव ही देती है _Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "दरख़्त" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,, जो सबसे पहला विजेता होगा उनको testimonial दिया जाएगा ! और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा। Example:
RituRaj Gupta
पेड़ गवाह है मेरे बचपन के, जिस पर झूला करते थे, कभी फलों को तोड़ा करते थे, वो तने, डालें और उनका स्पर्श, ज़ेहन में जिंदा है मेरे, वो पेड़ गवाह है मेरी जवानी के, जवानी की दहलीज़ जब मचलने लगी, वो पेड़ ही था, जहाँ मोहब्बत परवान चढ़ने लगी, टूटा था दिल, तब पेड़ ही था जिसके पत्तों ने आँसू पोंछे थे मेरे, वो पेड़ गवाह है मेरे बुढ़ापे का, जिसकी छांया में बैठ कर, हम दोनों, घंटों तक, यादों को याद किया करते थे, वो पेड़ ही था, जो अच्छा दोस्त था मेरा !! पेड़ गवाह है मेरे बचपन के, जिस पर झूला करते थे, कभी फलों को तोड़ा करते थे, वो तने, डालें और उनका स्पर्श, ज़ेहन में जिंदा है मेरे, वो पेड़ गवाह है मेरी जवानी के, जवानी की दहलीज़ जब मचलने लगी,