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madhukvi

#GUMNAAM BABA

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#GUMNAAM BABA

#Dreams #my_pillow #SAD #Love #बात #प्रेम #nadan#online_poetry Nitul Nath भोले बाबा Nk Nikhil Rahul Jha Rajdeep Goala Prakash Narayan

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इन तन्हा बेबस रातों में,बस तकिया साथ निभाती है।
आंखों से झरना बहता है , वो सिर-माथे से चिपकी रहती है।
इन तन्हा बेबस रातों में.......
मैं याद करुं किसी और को, फिर भी  गले लगाती है। 
मैं तो रोता रहता हूं,कम्बख्त वो भी साथ निभाती है।
#GUMNAAM BABA #Dreams #my_pillow #SAD #Love #बात #प्रेम #nadan#online_poetry Nitul Nath भोले बाबा  Nk Nikhil Rahul Jha Rajdeep Goala  Prakash Narayan

Vikas Kumar Yadav

Dreamz21

Dreamz21

#GUMNAAM BABA

यह कितना अजीब दौर है जहां:-
दो चार रूपए की खातिर, मानुष भी बिक जाता है। 
छोड़ अपना धर्म ईमान,अधर्म को अपनाता है।. 
दो चार रूपए की खातिर, मानुष भी बिक जाता है.....
कल युग के इस अंध युग में,मोल सबका लग जाता है।
धरती से अम्बर सभी ,देखो  यहां बिक जाता है।
दो चार रूपए की खातिर,ईमान को भूल जाता है। 
चंद पैसों की खातिर , इंसान भी बिक जाता है।
मानुष ने कर लिया प्रगति, चन्द्रमा पर भी जाता है,
फिर भी इस कलयुग में देखो ,पानी ना मुफ्त पी पाता है, 
पानी भी बिक जाता है।
दो चार रूपए की खातिर ,मानुष भी बिक जाता है। 
छोड़ अपना धर्म ईमान ,अधर्म को अपनाता है।
जिसने उसको जन्म दिया,पाल पोष के बड़ा किया,
 उनको ही वो रूलाता है।चन्द पैसों की खातिर ,
ईमान भी भूल जाता है, मानुष भी बिक जाता है,
 मानुष भी बिक जाता है।......२

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#GUMNAAM BABA

शायद अब ये हमारी आखिरी मुलाकात की घड़ी थी
 और इस मुलाकात की घड़ी में भी तुम्हें जल्दी पड़ी थी।
मेरे दिल ने चाहा तुझको रोकूं, तुझसे बात करूं
अपने दिल के सारे राज़ तुझसे साझेदार करूं।
पर तुझे तो हर बार की तरह जल्दी पड़ी थी
क्योंकि तुझे नहीं पता था कि ये आखिरी मुलाकात की घड़ी थी।
                              :-GUMNAAM BABA #online_poetry, #online_talk
#shaayrinama, #love_poetry,#love

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