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Best ऐनक Shayari, Status, Quotes, Stories

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Mayank Sharma

सुनो..
क्यूँ ना मैं ऐनक लगाऊँ
और तुम अखबार हो जाओ
क्यूँ ना मैं फुर्सत में आऊँ
और तुम रविवार हो जाओ  #yqbaba #yqdidi #yqtales #sunday #akhbaar #malang #ऐनक #fursat

Deepak Pandey

वो ऐनक आज भी नहीं जुड़ा पाया हूं
जेब में सूई धागा लिए फिरता हूं
रोड़ी और पत्थर बहुत समेट लिए हैं
आशियाना आज भी नही बना पाया हूं !!!! #yqdidihindi
#yqdidi
#ऐनक
#सूई
#आशियाना

Vidhi

#आम #औरत #सांवली #ऐनक #किचन #yqdidi मैं एक आम सी औरत हूँ रंग की सांवली, कद की छोटी हूँ सड़कों पे डर कर चलती हुई

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मैं एक आम सी औरत हूँ

रंग की सांवली, कद की छोटी हूँ

सड़कों पे डर कर चलती हुई

हर दो घड़ी बाद ऐनक पे हाथ रखती हूँ

ना कोई शौक़ ख़ास हैं, किताबें ही मेरी यार हैं

किचन से मेरा कमरा बस जरा पास है...

 #आम #औरत #सांवली #ऐनक #किचन #YQdidi

मैं एक आम सी औरत हूँ

रंग की सांवली, कद की छोटी हूँ

सड़कों पे डर कर चलती हुई

Anamika

        माना दूर से पहचानने लगे हैं तुझे,
नजदीकियों के लिए , नज़र की ऐनक लगानी होगी  #ऐनक 
#नजरें 
#यूंहीएकख्याल

R G Rahi

नज़दीक की ऐनक से उसे  कैसे मैं ढूंढू..
जो दूर की ऐनक है कहीं दूर पड़ी है....!

Jahnvee

कोई छोड़ गया ऐनक
और लिख कर गया समंदर की रेत पर
तजुर्बे से कह रहा हूँ
ज़माने को एक नई नज़र से देखने के लिए 
ज़रूरी है
पहन लेना
शायद कुछ लोगों की फ़ितरत 
साफ़ दिखाई दे जाए #ऐनक #फ़ितरत #ज़माना #nojotohindi #nojotourdu #nojoto

Rajni Bala Singh (muskuharat)

जब भी रख्खा देखा मैंने अलमारी में उसकी ऐनक को हजारों यादें उभर आईं वह मचलती सी उछलती कूदती शालिनी सहमी सी नज़र आई पहली बार जब उसने ऐनक पहने तो मानो ऐसा लगा पता नहीं कितना बड़ा बोझ उसे झेलना है फिर धीरे-धीरे उसे हो चली थी आदत हर वर्ष कम से कम एक नई ऐनक उसे चाहिए थी जमाने के साथ चलने के लिए ड़ांट पड़ने पर कनखियों से उसका धीरे से मुझे देखना आज भी याद है ऐनक उसकी चेहरे की शानबन गई। #Poet #Raj #memory #nojotopoetry

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पुरानी ऐनक
जब भी रख्खा देखा मैंने अलमारी में उसकी ऐनक को हजारों यादें उभर आईं
वह मचलती सी उछलती कूदती शालिनी सहमी सी नज़र आई 
पहली बार जब उसने ऐनक पहने तो मानो ऐसा लगा 
पता नहीं कितना बड़ा बोझ उसे झेलना है
फिर धीरे-धीरे उसे हो चली थी आदत 
हर वर्ष कम से कम एक नई ऐनक उसे चाहिए थी जमाने के साथ चलने के लिए 
ड़ांट पड़ने पर कनखियों से उसका धीरे से मुझे देखना आज भी याद है 
ऐनक उसकी चेहरे की शान बन गई।
यू एस जाने से पहले दो ऐनक बनवा लिए कहा मां बहुत महंगे बनेंगे यही से ले जाती हूं
फिर पता नहीं कब मैं वापस आऊं और बनवाओ 
मैंने भी हां भरदी पर क्या पता था कि सच में वह फिर नहीं बनेगी 
अपनी प्रिय ऐनक के साथ सरोवर में डूब गई 
वह तो निर्जीव बाहर आई पर उसकी ऐनक उसी में समा गई 
बची ऐनक को निहारती हूं उसकी हर अदा याद करके भावुक हो जाती हूं 
 अब भी उसकी हर ऐनक को संभाल कर रखा है
जब मन आता है तो उन्हें समेट कर यादें ताजा करती हूं 
अपनी प्यारी बिटिया की धरोहर को सहेज कर आज भी रखा है जब भी रख्खा देखा मैंने अलमारी में उसकी ऐनक को हजारों यादें उभर आईं
वह मचलती सी उछलती कूदती शालिनी सहमी सी नज़र आई 
पहली बार जब उसने ऐनक पहने तो मानो ऐसा लगा 
पता नहीं कितना बड़ा बोझ उसे झेलना है
फिर धीरे-धीरे उसे हो चली थी आदत 
हर वर्ष कम से कम एक नई ऐनक उसे चाहिए थी जमाने के साथ चलने के लिए 
ड़ांट पड़ने पर कनखियों से उसका धीरे से मुझे देखना आज भी याद है 
ऐनक उसकी चेहरे की शानबन गई।

ऋषभ पाण्डेय

आज दरवाजे पर एक भिखारी आया था। मुँह पर ऐसी दीनता जैसे चंद्रमा अमावस्या के दूसरे दिन निकला हो और तरस रहा हो कि थोड़ा और प्रकाश मिल जाता तो भोर तक चमकता रहता। थोड़ी और रोटी मिल जाती तो कल थोड़ी देर तक सोता लेकिन सुबह जल्दी नहीं उठा तो कूड़े में से कबाड़ भी नहीं बीन पाएगा। अरे ! आज वो शायद फिर भूल गया कि छोटी बच्ची के लिए निमोनिया की दवा लानी थी। जो पैसे भीख में मिले थे वो तो सेठ को दे दिया अन्यथा सेठ , नेता जी तक शिकायत पहुँचा देता कि खलिहान की जमीन पर भिखारी की एक छोटी सी झोपड़ी है। वो भी इन सर्द हवाओं #Books #story #satire #kahani #bhikhari #rustampens #katha #laghukatha

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आज दरवाजे पर एक भिखारी आया था। मुँह पर ऐसी दीनता जैसे चंद्रमा अमावस्या के दूसरे दिन निकला हो और तरस रहा हो कि थोड़ा और प्रकाश मिल जाता तो भोर तक चमकता रहता। थोड़ी और रोटी मिल जाती तो कल थोड़ी देर तक सोता लेकिन सुबह जल्दी नहीं उठा तो कूड़े में से कबाड़ भी नहीं बीन पाएगा। अरे ! आज वो शायद फिर भूल गया कि छोटी बच्ची के लिए निमोनिया की दवा लानी थी। जो पैसे भीख में मिले थे वो तो सेठ को दे दिया अन्यथा सेठ , नेता जी तक शिकायत पहुँचा देता कि खलिहान की जमीन पर भिखारी की एक छोटी सी झोपड़ी है। वो भी इन सर्द हवाओं


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