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Jayant Sharma

वो सर्द मौसम की मीठी सी धूप #DilKiKalamSey Love #we #ishq #jayantsharma'sPoetry #Poet #wordgasm #Safar2020

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Jayant Sharma

मेरा कमरा... मेरा कमरा बिल्कुल हमारे इश्क़ जैसा लगता है| #DilKiKalamSey #we Love #Air #Room #ishq #Kathakaar

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Jayant Sharma

साथ बिताए पल... #DilKiKalamSey #jayantsharma'sPoetry Love #Poet #we #Hindi #Kahaniyaan

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Jayant Sharma

हार लिखूँ या जीत लिखूँ उलझं मे है आज लेखनी हार लिखूँ या जीत लिखूँ... #DilKiKalamSey #ourindia

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Jayant Sharma

सुन बंदे... गर बुरे वक़्त को समंदर सा गुरूर है तुझे डूबो देने का तो तू भी अपनी हिम्मत को काग़ज़ की कस्ती बना ले। #DilKiKalamSey #positive #hindi_quotes #loveyourself #never_give_up #Life

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सुन बंदे...
गर बुरे वक़्त को समंदर सा गुरूर है
तुझे डूबो देने का
तो तू भी अपनी हिम्मत को
काग़ज़ की कस्ती बना ले।
#DilKiKalamSey

©Jayant Sharma
  सुन बंदे...
गर बुरे वक़्त को समंदर सा गुरूर है
तुझे डूबो देने का
तो तू भी अपनी हिम्मत को
काग़ज़ की कस्ती बना ले।
#DilKiKalamSey 
#positive #hindi_quotes #loveyourself #never_give_up 
#Life

Jayant Sharma

हर ओझल दिन जब ढलता हो और उफ़क से सागर मिलता हो सब अंदर अंदर मर जाए सब अंबर बादल ढक जाए जब चाँद की लौटा फेरी हो जब तारों में कुछ देरी हो एक बार कहो तुम मेरी हो...। मेरा हर धाम पराया हो जाए

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हर ओझल दिन जब ढलता हो
और उफ़क से सागर मिलता हो
सब अंदर अंदर मर जाए
सब अंबर बादल ढक जाए
जब चाँद की लौटा फेरी हो
जब तारों में कुछ देरी हो
एक बार कहो तुम मेरी हो...। 
मेरा हर धाम पराया हो जाए
छिपा हर दर्द नुमाया हो जाए
और बहुत पास में आकर भी
हर कोशिश ज़ाया हो जाए
जब तेज़ भरी ये दोपहरी हो
जब कहीं ना छाँव घनेरी हो
एक बार कहो तुम मेरी हो...।

अब भूल चुका लिखना पढ़ना
ये शब्द पिरोना भूल चुका
कभी कुज़ागर के चाक सा था
अब मिट्टी गड़ना भूल चुका
फ़िर भी इन प्राणो के पन्नों पर
खिची तुम एक उकेरी हो
एक बार कहो तुम मेरी हो...।
इन सूखी हाथ लकीरों मे
मै क्या कुछ भी लिखूँ पढ़ूं
मै तो एक आस का मारा हूँ
और आस बहुत है बाज़ारू
जब जीवन के घोर अभावों में
बस तुम उम्मीद की ढेरी हो
एक बार कहो तुम मेरी हो।

©Jayant Sharma हर ओझल दिन जब ढलता हो
और उफ़क से सागर मिलता हो
सब अंदर अंदर मर जाए
सब अंबर बादल ढक जाए
जब चाँद की लौटा फेरी हो
जब तारों में कुछ देरी हो
एक बार कहो तुम मेरी हो...। 
मेरा हर धाम पराया हो जाए

Jayant Sharma

Jayant Sharma

वो जली हुई रोटियों को सबसे नीचे दबा देती है, आज भी वह मेरी गलतियां बड़े आराम से छुपा लेती है वो मुझसे कभी कहती नहीं कि परेशान है वो मेरी आदतों से कुछ देर मुंह फुला कर फिर खिलखिला देती है गर आधी रात को मैं कहूं मुझे भूख लगी है दिन भर की थकान के बाद भी वो चूल्हा जला लेती है वो जली हुई रोटियों को सबसे नीचे दबा देती है आज भी वो मेरी गलतियां बड़े आराम से छुपा लेती है

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Jayant Sharma

Jayant Sharma

एक गुलाब... #DilKiKalamSey #hindi_poetry #Hindi #concern #Rose #New #longdrive

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