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Best फ़िक़्र Shayari, Status, Quotes, Stories

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Ghumnam Gautam

White कल की फ़िक़्र रक़ीब करें
आपने लिए तो आज बहुत है

©Ghumnam Gautam #love_shayari 
#कल 
#रक़ीब 
#फ़िक़्र
#ghumnamgautam

Ghumnam Gautam

White  चलते-चलते चल ही गया हम पर भी जादू-टोना
और इतने मजबूर हुए हम सीख गए पत्थर होना
ऐसी हालत में भी हमको उसकी फ़िक़्र रुलाती है
इक लड़की जो कहती थी― "तू मेरा बाबू-सोना"

©Ghumnam Gautam #Sad_shayri 
#फ़िक़्र 
#हालत 
#ghumnamgautam 
#पत्थर

Ghumnam Gautam

White जिन्हें बर्बाद होना है उन्हें बर्बाद होने दो
करोगे फ़िक्र उनकी तो मरोगे वक़्त से पहले

©Ghumnam Gautam #good_night_images 
#वक़्त 
#फ़िक़्र
#ghumnamgautam

Drg

वे तो बिछड़ के भी साथ थे, उनकी नफ़रत में भी प्यार था, नज़रंदाज़ी में भी फ़िक़्र रही, और भरोसा बेशुमार था। #शर्तें #फ़िक़्र #प्यार #बिछड़न #दर्द #yqbaba #yqdidi Photo credits : ava7.com

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होती रहीं कुछ बातें रूखी सी,
उन रूखी बातों में रहीं शर्तें कयी।

दोनों जानते थे, समझते थे, उस
'पीड़ा' का असर कि उनकी
शर्तों में भी थी एक दूसरे की फ़िक़्र।

उस लम्हें में दर्द देती रही वो बातें
दिल को, रुलाती रही, घाव करती गई,
बिछड़न की वो निर्दयी रातें।

पर ये बातें और रातें समझा गई
उन्हें, और चुनौती दे गई इस
वक़्त को, 'जुदा' रहे जो 'आज'
'जुड़े' रहेंगे 'जन्मों जन्मों' के लिए.. वे तो बिछड़ के भी साथ थे,
उनकी नफ़रत में भी प्यार था,
नज़रंदाज़ी में भी फ़िक़्र रही,
और भरोसा बेशुमार था।

#शर्तें #फ़िक़्र #प्यार #बिछड़न #दर्द #yqbaba #yqdidi 

Photo credits : ava7.com

Drg

चाहे तू कितना भी अच्छा क्यूँ ना लिखे अब, तेरे दर्द पर ना गूँजेगी मेरी आवाज़ 'वाह वाह' की.. जलेगा जब भी तू अपने ही ग़म में अब, सीने में तेरी फ़िक़्र और लब पर तेरे सुकूँ की अरदास होगी.. #दर्द #तक़लीफ़ #फ़िक़्र #yqbaba #yqdidi

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तेरे दर्द भरे इस शेर पर 'वाह वाह' कैसे करूँ?
छुपी नहीं है तेरी तक़लीफ़े मुझसे,
इस लम्हें में तेरी फ़िक़्र कैसे ना करूँ? चाहे तू कितना भी अच्छा क्यूँ ना लिखे अब, तेरे दर्द पर ना गूँजेगी मेरी आवाज़ 'वाह वाह' की.. 
जलेगा जब भी तू अपने ही ग़म में अब, सीने में तेरी फ़िक़्र और लब पर तेरे सुकूँ की अरदास होगी..

#दर्द #तक़लीफ़ #फ़िक़्र #yqbaba #yqdidi

Drg

नज़रंदाज़ी भी इतनी की नफ़रत हो जाए
फ़िक़्र भी इतनी की मोहब्बत हो जाए  #नज़रंदाज़  #नफ़रत #फ़िक़्र #मोहब्बत #yqbaba #yqdidi 

Photo credits : get wallpapers.com

Drg

"बोल दो न ज़रा, दिल में जो है छिपा, मैं किसी से कहूँगी नहीं..." ~ अज़हर #प्यार #मोहब्बत #फ़िक़्र #yqbaba #yqdidi #drgpoems Photo credits : zastavik.com

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मुझे परेशाँ देख, ख़ुद भी परेशाँ हो जाता है वो,
रुला कर मुझे, ख़ुद ही रो उठता है वो 

मेरे मायूस चेहरे को देख, ख़ुद मुरझा जाता है वो,
डाँट कर मुझे, ख़ुद को ख़ूब सुनाता है वो 

बीमार जो पड़ जाऊं कभी, बेचैन हो जाता है वो,
मेरे माथे को चूम, अपनी आग़ोश में सुलाता है वो

चुप चाप यूँ बैठी रहूँ, तो कुछ डर जाता है वो,
फिर छिपकर, गुदगुदी कर, ख़ूब हँसाता है वो

रूठ जाती हूँ जब उसकी ग़ैरमौजूदगी पर, तब हँस पड़ता है वो,
फिर मेरे गालों को खींच, मनाने की कोशिशें करता है वो

नज़रंदाज़ी में भी अपने अंदाज़ में 'प्यार' जता जाता है वो
इतनी 'फ़िक़्र' करता है मेरी, कि 'अपना मन मारकर' मुझसे ही 'दूर' रहता है वो "बोल दो न ज़रा, दिल में जो है छिपा,
मैं किसी से कहूँगी नहीं..." ~ अज़हर 

#प्यार #मोहब्बत #फ़िक़्र #yqbaba #yqdidi 
#drgpoems
Photo credits : zastavik.com

Drg

इस स्वभाव का बदलना मेरे बस में नहीं यारा, जो होता तो बदल देती फ़क़त तेरे लिए। इस आदत का बदलना थोड़ा मुश्किल ही सही, पर मुमकिन है मेरे यारा, जो बदल दूं इसे, तो क्या लौट आओगे मेरे लिए? जो बदल सकती मैं अपना स्वभाव भी,

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आदतें बदली जा सकती है, 
पर किसी का स्वभाव नहीं।

तुझसे 'मोहब्बत' करना 
मेरी 'आदत' बन गई है,
पर तेरी 'फ़िक़्र' करना 
मेरा 'स्वभाव' है। इस स्वभाव का बदलना मेरे बस में नहीं यारा,
जो होता तो बदल देती फ़क़त तेरे लिए।
इस आदत का बदलना थोड़ा मुश्किल ही सही,
पर मुमकिन है मेरे यारा,
जो बदल दूं इसे, तो क्या लौट आओगे मेरे लिए?


जो बदल सकती मैं अपना स्वभाव भी,

Drg

क्या करूँ जब तेरी फ़िक्र सताए, 
क़रीब तेरे जाने को दिल तड़प जाए,
क्या करूँ जब मन रोक ना पाए, 
तुझसे तेरा हाल पूछने को दोबारा जी चाहे  #फ़िक़्र #तड़प #याद #yqbaba #yqdidi

Drg

तेरे रवैये का बदलना लाज़िम था,
पर इज़हार करना भी ज़रूरी था।

तेरे लहजे में बेरुख़ी भी कायम थी,
पर तेरी परवाह करना भी ज़रूरी था।

तेरे रूठ जाने की वजह भी जायज़ थी,
पर इस दिल का रोना भी ज़रूरी था।

तेरा मुड़ के भी ना देखना भी ठीक था,
पर तुझपर ए'तिबार करना भी ज़रूरी था।

तेरा यूँ ख़ामोश होकर भी बहुत कुछ कहना वफ़ा थी,
पर तेरा ख़याल कर तुझसे दूर रहना भी ज़रूरी था।

तेरी बेख़याली में भी मेरा ख़याल करना, प्यार था,
और इस प्यार पर मेरा हक़ जनता,बेहद ज़रूरी था। #एतिबार #प्यार #हक़ #फ़िक़्र #yqbaba #yqdidi #drgpoems

Photo credits : zastavik.com
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