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Garg_girl
जिम्मेदारियों के भार से लदे हुए होते अक्सर इनके सपने आंखों में दबे हुऐ होते है ©Garg_girl #जिम्मेदारियाँ #भार
Ashok Mangal
जिम्मेदारियां आत्म विश्वास बढ़ाती है, समझदारी में भी चार चांद लगाती है ! ज़िंदगी के फर्ज निभवाती है, ज़िंदगी को मक़सदी रास्ते दिखाती है !! #जिम्मेदारियाँ #मजबुती #लोग #जिन्दगी #Saumyatripathi #YourQuoteAndMine Collaborating with SAUMYA TRIPATHI🌼
Ashok Mangal
मजबूत होना लाज़मी है वरना बोझ उठ न पायेगा । #जिम्मेदारियाँ #मजबुती #लोग #जिन्दगी #Saumyatripathi #YourQuoteAndMine Collaborating with SAUMYA TRIPATHI🌼
Krish Vj
आज उनके कमरे की तलासी लूंगा तकलीफों को छिपाकर माँ -बाप आखिर रखते कहाँ है?? #माँ #बाप #सच्चाई #दर्द #जिंदगी #जिम्मेदारियाँ #yqtales #yqhindishayari
Insprational Qoute
शादी के बाद एक लड़की में अजीब सी परिपक्वता आती हैं, छीन उसकी सारी नादानियों को, उसके हाथों में जिम्मेदारियों की गढरी थमा दी जाती हैं। #शादी #जिम्मेदारियाँ #लड़की #परिपक्वता #hkkhindipoetry #poetrycommunity #शायरी #yourquotedidi
Pen of a Soul
ना जाने क्यों ज़िम्मेदारियों से भागते हैं लोग, ये जानते हुए भी की कभी उनकी ज़िम्मेदारी; उनके माता - पिता ने भी ली थी, कभी उनकी जरूरतों को पूरा करना; माता पिता की ज़रूरत बन गई थी, कभी उनकी ज़िद्द को अपनी मेहनत से; पूरा करना उनकी आदत हो गई थी, उनके हर ख्वाबों को सीने से लगा; हक़ीक़त में बदलना उनकी फितरत हो गई थी, फिर जब बारी तुम्हारी आई, तो उनके लिए ये भेदभाव क्यों, ये तर्क वितर्क क्यों।। जब हम बचपने में होते हैं तो हम अपनी पसंद नापसंद बिना सोचे समझे बोल देते, कुछ भी मांग लेते है, कुछ भी ख्वाहिशें रखते हैं क्योंकि हमें ये यकीन होता है के हमे ये सब कुछ दिलाने वाले, इन्हे पूरा करने वाले हमारे माता पिता हैं जिन्होंने हमें जन्म दिया है, बड़े नजों से पाला है। बड़े होते होते हमे घर में हालातों और दिक्कतों को देखकर या तो ख्वाहिशों को दबा देते है या ज़िद्द करने लगते हैं मगर हमारे माता पिता फिर भी ये कोशिश अवश्य करते हैं के हमे कोई कमी ना हो। जितना हो सके ये भी ये उनकी कोशिश होती है कि व
Vikash Bakshi
ना जाने क्यों ज़िम्मेदारियों से भागते हैं लोग, ये जानते हुए भी की कभी उनकी ज़िम्मेदारी; उनके माता - पिता ने भी ली थी, कभी उनकी जरूरतों को पूरा करना; माता पिता की ज़रूरत बन गई थी, कभी उनकी ज़िद्द को अपनी मेहनत से; पूरा करना उनकी आदत हो गई थी, उनके हर ख्वाबों को सीने से लगा; हक़ीक़त में बदलना उनकी फितरत हो गई थी, फिर जब बारी तुम्हारी आई, तो उनके लिए ये भेदभाव क्यों, ये तर्क वितर्क क्यों।। जब हम बचपने में होते हैं तो हम अपनी पसंद नापसंद बिना सोचे समझे बोल देते, कुछ भी मांग लेते है, कुछ भी ख्वाहिशें रखते हैं क्योंकि हमें ये यकीन होता है के हमे ये सब कुछ दिलाने वाले, इन्हे पूरा करने वाले हमारे माता पिता हैं जिन्होंने हमें जन्म दिया है, बड़े नजों से पाला है। बड़े होते होते हमे घर में हालातों और दिक्कतों को देखकर या तो ख्वाहिशों को दबा देते है या ज़िद्द करने लगते हैं मगर हमारे माता पिता फिर भी ये कोशिश अवश्य करते हैं के हमे कोई कमी ना हो। जितना हो सके ये भी ये उनकी कोशिश होती है कि व
Nitesh Pandey
हसरतों के सिक्के लेकर वो, चला था जिंदगी के बाज़ार में। उम्र की पहली गली में ही उसकी, मुलाक़ात जिम्मेदाइयों से हुई।।— % & #जिंदगी #जिम्मेदारियाँ #lost #smile #memories #tears #yqdidi #yqthoughts
Somya Baranwal
कौन कहता है ज़िम्मेदारियां बोझ बढाती है। बस नजरो का फर्क है इन्ही ज़िम्मेदारीयों की वजह से तो हमें आगे बढने को प्रेरणा मिलती है। #जिम्मेदारीयाँ #जिम्मेदारियाँ #zimmedaari #struggle #struggleforsuccess
shailesh jha( सांझ_शैलेश)
जिम्मेदारियों ने कत्ल किया , मुस्कुराहट का हमारी, वरना कभी हमारी मुस्कुराहट भी कातिलाना थी। #सांझ_शैलेश #जिम्मेदारियाँ #मुस्कुराहट #yqhindi #yqlife