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@thewriterVDS
"कबीर" यह तन विष की बेलरी, गुरु अमृत की खान । शीश दियो जो गुरु मिले, तो भी सस्ता जान । भावार्थ: कबीर दास जी कहते हैं कि यह जो शरीर है वो विष जहर से भरा हुआ है और गुरु अमृत की खान हैं। अगर अपना शीशसर देने के बदले में आपको कोई सच्चा गुरु मिले तो ये सौदा भी बहुत सस्ता है। . ©@thewriterVDS #कबीर #शरीर #विष #गुरु #अमृत #शीश #सच्चा #सौदा #सस्ता #Sunhera
radhe krishan
Jay shree ram ©radhe krishan #जातिवाद #का #विष #लगा #हैं #हिंदुत्व #की #लाठी #पर #राम
Shivam Tiwari
इक #हिन्दू की गद्दारी से, #चित्तौड़ हुआ #शर्मिंदा था। जब #रणभेरी थी #दक्खिन में, और #मृत्यु फिरे मतवाली सी, और वीर #शिवा की तलवारें, भरती थीं खप्पर #काली सी। किस #म्लेच्छ में रहा जोर, जो #छत्रपती को झुका पाया, ये #जयसिंह का ही रहा द्रोह, जो वीर #शिवा को पकड़ लाया। गैरों को हम क्योंकर कोसें, अपने ही #विष बोते हैं, #कुत्तों की गद्दारी से, #मृगराज पराजित होते हैं। #बापू जी के मौन से हमने #भगत सिंह को खोया है, धीरे हॉर्न बजा रे पगले, देश का हिन्दू सोया है । ©Shivam Tiwari #Winters
Anita Saini
पिछला बरस बीता समुद्र-मंथन सा अब समय आ गया आत्म-मंथन का #2020 #वर्ष #विस्मृत #वेदना #हर्ष #विष #अमृत #YourQuoteAndMine Collaborating with Anuup Kamal Agrawal
Rakesh frnds4ever
Parasram Arora
हाँ ये सच है क़ि समुद्र मंथन से निकले अमृत को चख कर कई दानव देवता बन चुके. थे और स्वर्ग की विलासिता का उपभोग कर रहे है आज तक उधर धरती पर रहने वाला प्राणी अमरत्व की खोज मे भटक ररः रहा है और अपनी ऊर्जा का हनन कर रहा है इसके बावजूद अमृत तत्व पाने से. वँचित है . आज भी और नारकीय पीड़ा का विष . पीने क़े लिए विवश हो रहा है #विष और अमृत.......
#विष और अमृत.......
read moreRitika Aditya Dubey
ऐसी लागि लगन कि मीरा होय कृष्ण की भक्ति में बावरी, राणा ने मीरा को पिलाया विष का प्याला, विष पिकर भी वो थी मुस्काई, महलों की रानी थी फिर भी कृष्ण के लिए वो जोगन कहलायी ऐसी लागि लगन कृष्णा से कि ये प्रीत छुटे ना छुट पायी कृष्ण-मीरा के भक्तिन प्रेम की रीति सदियों से कहानियों में चली आई।। ek Koshish Krishna-meera ke bhaktin aur pavitra Prem ke liye..
ek Koshish Krishna-meera ke bhaktin aur pavitra Prem ke liye..
read more- चाणक्य (के अनकहे लफ्ज़)
☠️💀👹 भोले 👹💀☠️ कर में त्रिशूल जटा में गंगा, कंठ में विष का प्याला है; गौरी का यह शंकर ठहरा, जग के लिए भोला है; भस्म रमाये तन पर, गल में सांपों की माला है; तांडव करता भूतों पर, जग के लिए भोला है; नंदी की करके सवारी, डम डम डमरू बोला है; भांग धतूरा मूल सुपारी, गट-गट पीया विष का प्याला है; प्राण हरे वो पापी के, जग के लिए भोला है; तीन लोक का मालिक है वो, वही शिवालय ढाल है; वही है शंकर, वही शिवा जी, वो ही तो महाकाल है;... #भोले #bhole #shiv #poem #write #hindi #life #india #shivratri
Poonam bagadia "punit"
"विश्वास में ही "विष" का वास होता है... ✍🏻 Sultan Mohit Bajpai "माना विश्वास में "विष" का वास है, छिपा उसमे ही कही एक "श्वास"(सांस) है....😊 ©✍🏻Poonam Bagadia "Punit" "विष और श्वास दोनों को मिला कर ही विश्वास बना है... अगर विश्वास टूटने पर विष का अभास होता है,तो वही एक विश्वास के सहारे ही श्वस (सांस) गतिमान है....😊 #NojotoHindi #EmotionalHindiQuoets #Quoets #Though #Kalakaksh #Kavishala #Shayari #Poetry #tst #friendship #love Sultan Mohit Bajpai
"विष और श्वास दोनों को मिला कर ही विश्वास बना है... अगर विश्वास टूटने पर विष का अभास होता है,तो वही एक विश्वास के सहारे ही श्वस (सांस) गतिमान है....😊 Hindi #EmotionalHindiQuoets #quoets #Though #kalakaksh #kavishala #Shayari #Poetry #TST #Friendship #Love Sultan Mohit Bajpai
read moreकपिल
मैं स्वपनों का व्यापारी स्वपनों में ही जी रहा हूँ बिना विषधर के ही कालकूट विष को पी रहा हूँ।। अभिभूत हूँ भावो से विरह के अगणित घावों से अब प्रेम ना बाकी है मुझमे,ना मैं खुद में बाकी रहा हूँ। बिना विषधर के ही कालकूट विष को पी रहा हूँ।। प्रतिकूल समय की धारा है जिसमे प्रतिपल मैंने तुम्हे पुकारा है अब वाक्य का अकेला छन्द हूँ मैं अम्बर में विहग स्वछन्द हूँ मैं नित नये पुराने किस्सो की फटी चादरें सी रहा हूँ। मैं स्वपनो का व्यापारी स्वपनों में ही जी रहा हूँ। बिना विषधर के ही कालकूट विष को पी रहा हूँ।। ©कपिल मेरी कलम से।।।।।।
मेरी कलम से।।।।।।
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