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अदनासा-
विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳 https://www.instagram.com/reel/C-Sy0hQo2gi/?igsh=cjJsMWUxZWo0ajJj #हिंदी #कविता #कवि #संवेदनशील #ग़रीब #अमीर #विडंबना #Instagram #Facebook #अदनासा Extraterrestrial life वीडियो डाउनलोड
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सागर तुल्य हमारा हृदय अतिविशाल है गहराई असीमित अथाह एवं सार्थक है परंतु यह अंतहीन एवं संवेदनशील है भावनाओं का झंझावात जो अथक है ©अदनासा- #हिंदी #सागर #हृदय #संवेदनशील #भावनाएं #अथक #Pinterest #Instagram #Facebook #अदनासा
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read morebrijesh mehta
संवेदनहीन बिल्कुल नहीं हूं, पर संवेदनशील होकर भी मैंने क्या पाया!?! अवसाद और मनोवैज्ञानिक चिकित्सक! अवसाद और मनोवैज्ञानिक चिकित्सक! #मंजर #manjar #manmadhan #अवसाद #संवेदनहीन #संवेदनशील #depression #yqbaba
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read moreAuthor kunal
रूह बेनकाब थी मैं एक सवाल था कच्ची उम्र थी बस छोटा सा ख्वाब था मिलने की आस न थी फिर भी दौड़ गया जैसे मेरा ही उसे इंतजार था टूट गया बह गया ख्वाहिश रखना क्या यही मेरी गुनाह थी। #मेरे_जज्बात008 #अतीत_के_पन्ने #टूटा हूं तब शायद नीखरा हूं #संवेदनशील #कामिल_कवि #yqdidi #yqbaba #kunu
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read moreAamir Qais AnZar
कटघरे में खड़े ज़माने हुये। किसको साथी बोलें सब बेगांने हुये। ईमान ताक़ पर है सदियों से बस अभी एक बात पर दीवाने हुये। आज के मनुष्य की सबसे बड़ी चुनौती ख़ुद को #संवेदनहीनता से बचाए रखने की है। चारों तरफ़ एक अफ़रा तफ़री का #माहौल रचा जा रहा है जिससे मनुष्य #संवेदनशील न रहने पाए। ऐसे में उन कारणों की तलाश आवश्यक है जिससे हम संवेदनहीन बनते जाते हैं। OPEN FOR COLLAB 😁 #ATwhatiswrong • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ♥️ • Must use hashtag: AestheticThoughts • Please maintain the aesthetics. #अपनीदुनिया #कटघरे #indifference #intolerance Collaborating with Aesthetic Thoughts
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read moreTHE VIKRANT RAJLIWAL SHOW
💥 Author, Writer, Poet & Dramatist Vikrant Rajliwal (कवि, शायर, नज़्मकार, ग़ज़लकार, गीतकार, व्यंग्यकार, लेखक एव नाटककार-कहानीकार-सँवादकार) 1) प्रकाशित पुस्तक "एहसास"(published Book) : अत्यधिक संवेदनशील काव्य पुस्तक एहसास, जिसका केंद्र बिंदु हम सब के असंवेदनशील होते जा रहे सभ्य समाज पर अपनी काव्य और कविताओं के द्वारा एक प्रहार की कोशिश मात्र है। Sanyog (संयोग) प्रकाशन घर शहादरा द्वारा प्रकाशित एव ए वन मुद्रक द्वरा प्रिंटिड। प्रकाशन वर्ष जनवरी 2016. प्रकाशित मूल्य 250:00₹ मात्र।
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Vikran Rajliwal एक लघु परिचय। (A short introduction) Author, Writer, Poet & Dramatist Vikrant Rajliwal (https:vikrantrajliwal.com) (कवि, शायर, नज़्मकार, ग़ज़लकार, गीतकार, व्यंग्यकार, लेखक एव नाटककार-कहानीकार-सँवादकार) 1) प्रकाशित पुस्तक (published Book) : अत्यधिक संवेदनशील काव्य पुस्तक एहसास, जिसका केंद्र बिंदु हम सब के असंवेदनशील होते जा रहे सभ्य समाज पर अपनी काव्य और कविताओं के द्वारा एक प्रहार की कोशिश मात्र है।
Vikran Rajliwal एक लघु परिचय। (A short introduction) Author, Writer, Poet & Dramatist Vikrant Rajliwal (https:vikrantrajliwal.com) (कवि, शायर, नज़्मकार, ग़ज़लकार, गीतकार, व्यंग्यकार, लेखक एव नाटककार-कहानीकार-सँवादकार) 1) प्रकाशित पुस्तक (published Book) : अत्यधिक संवेदनशील काव्य पुस्तक एहसास, जिसका केंद्र बिंदु हम सब के असंवेदनशील होते जा रहे सभ्य समाज पर अपनी काव्य और कविताओं के द्वारा एक प्रहार की कोशिश मात्र है।
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