Find the Best झूले Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutबागों में झूले पड़ गए, निमिया के डार मैया झूला झूले, निमिया के डार मैया झूले झूले, बदरा छाए के झूले, 'झूले पर कविता',
paras Dlonelystar
कभी साथ-साथ, होते थे हम-तुम अब बस यादों के झोंके है कभी ये वक़्त के सफर पे, तन्हा अकेले ठहरे हुए से वक़्त के झूले सभी ©paras Dlonelystar #parasd #PoetryMonth #सफर #झूले #साथ_साथ
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read moreRamkishor Azad
झूले ने भी अपनी दिल की बात प्यार से कह दी है, जिंदगी सुंदर है कभी आगे तो कभी पीछे चलती है! हवा देखी नहीं लेकिन सांस से दिल तक का सफर करती है,, मोहब्बत बस इतनी है कि बिछड़ना कुदरत का नियम है!! डीयर आर एस आज़ाद... ©Ramkishor Azad #Leave #झूले #जिंदगी #हवा #सांस #सुंदर #Di #Shayar #viral #loV€fOR€v€R MANSI PATEL Fathimunnisa S Dayal "दीप, Goswami.. poonam2_2 insta id poonam2_2 Niaa_choubey
Miss poojanshi
वो बचपन भी क्या समय था पेड़ो पर भी अपना घर था लंबे लंबे झूले थे और झूलो में सारा जहान था सपनों में आसमान था और आसमानी ही हम बच्चों का अंदाज़ था। ©Miss poojanshi #Childhood #झूले
Dr Manju Juneja
कैद कर लेते खूबसूरती को काश और काश थोड़ा और वक़्त मिल जाता कैद कर लेते खूबसूरती को ये भोर में पंछियों का चहचहाना मेरे गांव का बरगद का पेड़ पास में कुआं औरतों का सर पे मटकों को उठाना झुंड बना कर सहेलियों से बतियाना वो गांव में एक खण्डर पुराना खूब कैद की मैंने यादे पुरानी वो छतों पर रखी चारपाई वो चूल्हा मेरी नानी की निशानी वो खेत वो बाड़े सब कैद कर लिए मैंने पर कैद करनी रह गई अभी भी यादे पुरानी वो पेड़ो पे झूला खुला आसमाँ बस इतना ही कैद कर पाई लौट आना था वापिस हमको शहर हॉर्न पर हॉर्न दिए जा रहै मामा काश थोड़ा वक्त और होता तो कैद कर लेते लम्हे ये सारे ©Dr Manju Juneja #AdhureVakya#कैदकरलेते#यादे #गांव #झूले #चूल्हा #पूराना #आसमाँ#खण्डर #बरगद
Dr Ashish Vats
कितना कुछ तो अभी बदला है सिर्फ 10-15 सालों में, झूले पड़े दिखते थे सभी पेड़ों की डालों में.. छूट गए रिवाज सब अपने, पीछे रह गई रीत , कहां है पेड़, जो डलें झूले, किसे आते हैं गीत.. शायद मेरा ये लिखना भी उपहास बन जाए , कुछ दिन में ये सब भी, इतिहास बन जाए.. आगे बढ़ना तो वही है, जो पीछे कुछ भी नहीं खोता, बिना जड़ों के तो पेड़ का , कोई अस्तित्व ही नहीं होता... ©drVats तीज.. जब मैं कवि नहीं था तब की कविता.. Poetry may be immature, feelings aren't.. तीज के महत्व का अंदाज़ा इसी से लगाया सकता है कि हम त्योहार को तीज - त्योहार बोलते हैं। लेकिन तेज़ी से बढ़ते आधुनिकीकरण, अत्याधिक व्यस्तता,, घटते हुए पेड़, हरियाली, प्राकृतिक सौंदर्य और आपसी भाईचारे व संस्कृति के विघटन ने इस त्यौहार और इस जैसे कई रिवाजों को हाशिए पर ला दिया है! #teej #nojoto #hariyaliteez #nojotohindi #poetry #shayari #love #bachpan #nature #customs #festival #celebration #drvats #pyaar #mohabbat #
तीज.. जब मैं कवि नहीं था तब की कविता.. Poetry may be immature, feelings aren't.. तीज के महत्व का अंदाज़ा इसी से लगाया सकता है कि हम त्योहार को तीज - त्योहार बोलते हैं। लेकिन तेज़ी से बढ़ते आधुनिकीकरण, अत्याधिक व्यस्तता,, घटते हुए पेड़, हरियाली, प्राकृतिक सौंदर्य और आपसी भाईचारे व संस्कृति के विघटन ने इस त्यौहार और इस जैसे कई रिवाजों को हाशिए पर ला दिया है! teej nojoto hariyaliteez nojotohindi poetry shayari love bachpan nature customs festival celebration drvats pyaar mohabbat #
read moreShahryaar
ZIndagi quotes in hindi वो बचपन वाले दिन आज फिर याद आ गए, जब आप पार्क में ले जाकर झूले खिलाते थे मन करता था थोड़ा और झूले लेकिन आप घर वापिस ले जाते थे पापा बहुत याद आते है वो दिन जब रोज शाम को पार्क में घूमने ले जाते थे हमें रोता देख हमें हंसाने के लिए कुछ भी कर जाते थे।। 😥Miss you Dad😫 #NojotoQuote Yaad aa rahi hai #nojoto #nojotohindi #hindishayari #sadshayari #puraniyaadie #yaadaarhehotum
Yaad aa rahi hai #Nojoto #nojotohindi #hindishayari #sadShayari #puraniyaadie #yaadaarhehotum
read moreAnushka Verma
*जन्नत का इश्क़* (एक पुनर्जन्म) जन्नत - बहुत सुंदर लड़की थी जो अभी 17 साल की थी .. उसका एक दोस्त था टेडी जिससे वो बात करती थी बड़ी ही अजब कहानी थी उसकी और उसके टेडी की । टेडी को प्यार से वो स्वीटू शोना बुलाती थी ये कहानी शुरू होती है जब जन्नत कुछ 17 साल की रही होगी उसके पापा एक मेले में जाते है उसे लेके बहुत अच्छे खिलोने व झूले देख कर वो बहुत ख़ुश हो जाती है जब जन्नत और उसके पापा झूले की ऊंचाई पर होते है जन्नत को गुड्डे की दुकान दिखती है
read moreNiharika singh chauhan (अद्विका)
झूले पर बैठी तो जाना की ये प्रकृति भी झूला है आगे जाकर इसको फिर से तो उसी बिंदु को छूना है बैठा झूले पर से सूरज दिन भर पींगें चाहें भरता हो सांझ ढले फिर उसको जाकर अस्ताचल को छूना है दिन ढलता है फिर रात गुजरती फिर होना दिन अगला है रखो हौसला यही देखकर फिर क्यों मन ये सूना है है प्रकृति हमको बतलाती ना तू गम से घबराना खुशियों के आने का मंजर तो मानो गमों से दूना है निहारिका सिंह #nojoto #nojotohindi #poetry #kalakaksh #quotes #झूला #nature #प्रकृति
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