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Best झूले Shayari, Status, Quotes, Stories

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Anuj Pal

#झूले में झूले बाबू

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paras Dlonelystar

Ramkishor Azad

#Leave #झूले #जिंदगी #हवा #सांस #सुंदर #Di #Shayar #viral loV€fOR€v€R MANSI PATEL Fathimunnisa S Dayal "दीप, Goswami.. poonam2_2 insta id poonam2_2 Niaa_choubey

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Miss poojanshi

वो बचपन भी क्या समय था
पेड़ो पर भी अपना घर था
लंबे लंबे झूले थे और
झूलो में सारा जहान था
सपनों में आसमान था और
आसमानी ही हम बच्चों का अंदाज़ था।

©Miss poojanshi #Childhood #झूले

Dr Manju Juneja

कैद कर लेते खूबसूरती को काश और काश थोड़ा और वक़्त मिल जाता 
कैद कर लेते खूबसूरती को 
ये भोर में पंछियों का चहचहाना 
 मेरे गांव का बरगद का पेड़ 
पास में  कुआं औरतों का 
सर पे मटकों को उठाना
झुंड बना कर सहेलियों से बतियाना 
 वो गांव में एक खण्डर पुराना 
खूब कैद की मैंने यादे पुरानी 
 वो छतों पर रखी चारपाई 
वो चूल्हा मेरी नानी की निशानी 
वो खेत वो बाड़े सब कैद कर लिए मैंने 
पर कैद करनी रह गई अभी भी यादे पुरानी 
वो पेड़ो पे झूला  खुला आसमाँ 
  बस इतना ही कैद कर पाई 
लौट आना था वापिस हमको शहर 
हॉर्न पर हॉर्न दिए जा रहै मामा 
 काश थोड़ा वक्त और होता तो 
कैद कर लेते लम्हे ये सारे

©Dr Manju Juneja #AdhureVakya#कैदकरलेते#यादे #गांव #झूले #चूल्हा #पूराना #आसमाँ#खण्डर #बरगद

Dr Ashish Vats

तीज.. जब मैं कवि नहीं था तब की कविता.. Poetry may be immature, feelings aren't.. तीज के महत्व का अंदाज़ा इसी से लगाया सकता है कि हम त्योहार को तीज - त्योहार बोलते हैं। लेकिन तेज़ी से बढ़ते आधुनिकीकरण, अत्याधिक व्यस्तता,, घटते हुए पेड़, हरियाली, प्राकृतिक सौंदर्य और आपसी भाईचारे व संस्कृति के विघटन ने इस त्यौहार और इस जैसे कई रिवाजों को हाशिए पर ला दिया है! teej nojoto hariyaliteez nojotohindi poetry shayari love bachpan nature customs festival celebration drvats pyaar mohabbat #

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कितना कुछ तो अभी बदला है 
सिर्फ  10-15 सालों में,
झूले पड़े दिखते थे 
सभी पेड़ों की डालों में..

छूट गए रिवाज सब अपने, 
पीछे रह गई रीत ,
कहां है पेड़, जो डलें झूले, 
किसे आते हैं गीत..

शायद मेरा ये लिखना भी 
उपहास बन जाए ,
कुछ दिन में ये सब भी,
इतिहास बन जाए..

आगे बढ़ना तो वही है,
जो पीछे कुछ भी नहीं खोता,
बिना जड़ों के तो पेड़ का ,
कोई अस्तित्व ही नहीं होता...
                          ©drVats तीज.. जब मैं कवि नहीं था तब की कविता.. Poetry may be immature, feelings aren't.. 
तीज के महत्व का अंदाज़ा इसी से लगाया  सकता है कि हम त्योहार को तीज - त्योहार बोलते हैं। लेकिन तेज़ी से बढ़ते आधुनिकीकरण, अत्याधिक व्यस्तता,, घटते हुए पेड़, हरियाली, प्राकृतिक सौंदर्य और आपसी भाईचारे व संस्कृति के विघटन ने इस त्यौहार और इस जैसे कई रिवाजों को हाशिए पर ला दिया है!
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Shahryaar

ZIndagi quotes in hindi वो बचपन वाले दिन आज फिर याद आ गए,
जब आप पार्क में ले जाकर झूले खिलाते थे
मन करता था थोड़ा और झूले 
लेकिन आप घर वापिस ले जाते थे
पापा बहुत याद आते है वो दिन
जब रोज शाम को पार्क में घूमने ले जाते थे
हमें रोता देख हमें हंसाने के लिए कुछ भी कर जाते थे।।
😥Miss you Dad😫
 #NojotoQuote Yaad aa rahi hai
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Anushka Verma

*जन्नत का इश्क़* (एक पुनर्जन्म) जन्नत - बहुत सुंदर लड़की थी जो अभी 17 साल की थी .. उसका एक दोस्त था टेडी जिससे वो बात करती थी बड़ी ही अजब कहानी थी उसकी और उसके टेडी की । टेडी को प्यार से वो स्वीटू शोना बुलाती थी ये कहानी शुरू होती है जब जन्नत कुछ 17 साल की रही होगी उसके पापा एक मेले में जाते है उसे लेके बहुत अच्छे खिलोने व झूले देख कर वो बहुत ख़ुश हो जाती है जब जन्नत और उसके पापा झूले की ऊंचाई पर होते है जन्नत को गुड्डे की दुकान दिखती है

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*जन्नत का इश्क़* (एक पुनर्जन्म)

जन्नत - बहुत सुंदर लड़की थी जो अभी 17 साल की थी .. उसका एक दोस्त था टेडी जिससे वो बात करती थी बड़ी ही अजब कहानी थी उसकी और उसके टेडी की । 

टेडी को प्यार से वो स्वीटू शोना बुलाती थी 
ये कहानी शुरू होती है जब जन्नत कुछ 17 साल की रही होगी 
उसके पापा एक मेले में जाते है उसे लेके बहुत अच्छे खिलोने व झूले देख कर वो बहुत ख़ुश हो जाती है 
जब जन्नत और उसके पापा झूले की ऊंचाई पर होते है जन्नत को गुड्डे की दुकान दिखती है

Niharika singh chauhan (अद्विका)



झूले पर बैठी तो जाना की ये प्रकृति भी झूला है
आगे जाकर इसको फिर से तो उसी बिंदु को छूना है

बैठा झूले पर से सूरज दिन भर पींगें चाहें भरता हो
सांझ ढले फिर उसको जाकर अस्ताचल को छूना है

दिन ढलता है फिर रात गुजरती फिर होना दिन अगला है
रखो हौसला यही देखकर फिर क्यों मन ये सूना है 

है प्रकृति हमको बतलाती ना तू गम से घबराना
खुशियों के आने का मंजर तो मानो गमों से दूना है 

निहारिका सिंह #nojoto #nojotohindi #poetry #kalakaksh #quotes #झूला #nature #प्रकृति

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