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paras Dlonelystar
कभी साथ-साथ, होते थे हम-तुम अब बस यादों के झोंके है कभी ये वक़्त के सफर पे, तन्हा अकेले ठहरे हुए से वक़्त के झूले सभी ©paras Dlonelystar #parasd #PoetryMonth #सफर #झूले #साथ_साथ
Ramkishor Azad
झूले ने भी अपनी दिल की बात प्यार से कह दी है, जिंदगी सुंदर है कभी आगे तो कभी पीछे चलती है! हवा देखी नहीं लेकिन सांस से दिल तक का सफर करती है,, मोहब्बत बस इतनी है कि बिछड़ना कुदरत का नियम है!! डीयर आर एस आज़ाद... ©Ramkishor Azad #Leave #झूले #जिंदगी #हवा #सांस #सुंदर #Di #Shayar #viral #loV€fOR€v€R MANSI PATEL Fathimunnisa S Dayal "दीप, Goswami.. poonam2_2 insta id poonam2_2 Niaa_choubey
Raja Kiran
चन्नां में भी देखा, तारों में भी देखा हमनें तो आपको कुदरत के हर-एक नजारों में भी देखा। • सूरतों में भी देखा, प्रभू की मूरतों में भी देखा हमनें तो आपको हमारी हर-एक जरूरतों में भी देखा। • फूलों में भी देखा, झूलों में भी देखा हमनें तो आपको जीवन के हर-एक मूलों में भी देखा। •• मगर दिखा ही नहीं कोई आप सा हसीन हमको यहां अरे हमनें तो आपको घर, कॉलेज और स्कूलों में भी देखा। 💌राजा किरण💌 ©Raja Kiran हमनें आपको देखा..✍🏻राजा किरण💌 #मेरी_कलम_से✍️😄 #चन्ना#तारे#कुदरत#नजारे#फूल#झूले#स्कूल#कॉलेज#घर
Gumnam Shayar Mahboob
पेड़ों पर झूले और दादी कि कहानियों में था जीने का असली मज़ा तो इन्हीं नादानियों में था #पेड़ों #झूले #दादी #कहानीमें #मज़ा #नादानीयां #गुमनाम_शायर_महबूब #gumnam_shayar_mahboob
Miss poojanshi
वो बचपन भी क्या समय था पेड़ो पर भी अपना घर था लंबे लंबे झूले थे और झूलो में सारा जहान था सपनों में आसमान था और आसमानी ही हम बच्चों का अंदाज़ था। ©Miss poojanshi #Childhood #झूले
Dr Manju Juneja
कैद कर लेते खूबसूरती को काश और काश थोड़ा और वक़्त मिल जाता कैद कर लेते खूबसूरती को ये भोर में पंछियों का चहचहाना मेरे गांव का बरगद का पेड़ पास में कुआं औरतों का सर पे मटकों को उठाना झुंड बना कर सहेलियों से बतियाना वो गांव में एक खण्डर पुराना खूब कैद की मैंने यादे पुरानी वो छतों पर रखी चारपाई वो चूल्हा मेरी नानी की निशानी वो खेत वो बाड़े सब कैद कर लिए मैंने पर कैद करनी रह गई अभी भी यादे पुरानी वो पेड़ो पे झूला खुला आसमाँ बस इतना ही कैद कर पाई लौट आना था वापिस हमको शहर हॉर्न पर हॉर्न दिए जा रहै मामा काश थोड़ा वक्त और होता तो कैद कर लेते लम्हे ये सारे ©Dr Manju Juneja #AdhureVakya#कैदकरलेते#यादे #गांव #झूले #चूल्हा #पूराना #आसमाँ#खण्डर #बरगद
WORDS OF VIVEK KUMAR SHUKLA
चल ना... वापस घूम आते हैं यादों की गलियों को ..... ढूंढ़ते हैं... दुबक कर बैठे, फ़ूलों के गोद में तितलियों को....., चुनते हैं... जिनका नाम नहीं जानते, क्यारी से, पसंदीदा उन कलियों को। चल ना... वापस घूम आते हैं यादों की गलियों को ..... चखते हैं... बिन छौंके -बघारे , माँ के हाथों के बने सुगंधित दलियों को....., खाते हैं... जले हाथों संग बने, तवें पर ही जले, फूले उन जीवनवृत्तियों को। चल ना... वापस घूम आते हैं यादों की गलियों को ..... झूलते हैं... झूले से लटके, बरगद के मोटी तनों से झूले सोरियों को....., कूदते हैं... घुटनों के समानांतर, जमीन पर मिले, आमों के टहनियों को। चल ना... वापस घूम आते हैं यादों की गलियों को ..... घूमते हैं... खलिहानों से आते, गाँव की ओर, सांपीया घुमावदार पगडंडियों को....., खेलते हैं... वही पुराने खेलों को और, मिलते हैं, बचपन के उन सारे साथियों को। चल ना... वापस घूम आते हैं यादों की गलियों को ..... भरते हैं... औंधे मुह रखे, पनघट से, खाली हुए सुराहीयों को....., सुनते हैं... जीवन को जीने, कि कला सिखाते, दादी-नानी की कहानियों को। चल ना... वापस घूम आते हैं यादों की गलियों को ..... चल ना... वापस घूम आते हैं यादों की गलियों को ..... ✍️विवेक कुमार शुक्ला ✍️
Mann Joshi
कुछ अनजाने मे लापरवाही बेशक़ हुई होंगी हमसे लापरवाह हम रहे नही गलतियों के झूले में झूले कई गलत हम हरगिज़ रहे नही नासमझी होती है हजार पल पल नासमझ से कभी हम नही रास्ते खोये है अभी भी हमसे रास्तो में खोने का डर नही जीते तो जमाने से हर बार है हारे तो बस ,खुद से ही है
Dr Ashish Vats
कितना कुछ तो अभी बदला है सिर्फ 10-15 सालों में, झूले पड़े दिखते थे सभी पेड़ों की डालों में.. छूट गए रिवाज सब अपने, पीछे रह गई रीत , कहां है पेड़, जो डलें झूले, किसे आते हैं गीत.. शायद मेरा ये लिखना भी उपहास बन जाए , कुछ दिन में ये सब भी, इतिहास बन जाए.. आगे बढ़ना तो वही है, जो पीछे कुछ भी नहीं खोता, बिना जड़ों के तो पेड़ का , कोई अस्तित्व ही नहीं होता... ©drVats तीज.. जब मैं कवि नहीं था तब की कविता.. Poetry may be immature, feelings aren't.. तीज के महत्व का अंदाज़ा इसी से लगाया सकता है कि हम त्योहार को तीज - त्योहार बोलते हैं। लेकिन तेज़ी से बढ़ते आधुनिकीकरण, अत्याधिक व्यस्तता,, घटते हुए पेड़, हरियाली, प्राकृतिक सौंदर्य और आपसी भाईचारे व संस्कृति के विघटन ने इस त्यौहार और इस जैसे कई रिवाजों को हाशिए पर ला दिया है! #teej #nojoto #hariyaliteez #nojotohindi #poetry #shayari #love #bachpan #nature #customs #festival #celebration #drvats #pyaar #mohabbat #