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Vidhi
देखो कैसी हवा चली पश्चिम की आँधी पूरब में भी आ पहुँची तुम कहो सभ्यता का पतन हम कहें ग्लोबलाइजेशन... #त्रिवेणी #सभ्यता #ग्लोबलाइजेशन #पश्चिम #पूरब #हवा #YQbaba #YQdidi
Anamika
नयी सी रंगत नयी सी हवा, बिसरी पुरानी प्रीत, भायी पश्चिम दिशा.. किंतु कहावत है न... नया नौ दिन पुराना सौ दिन.. #पूरब#पश्चिम #नया#पुराना #प्रीत #तूलिका
kanaram gour
तेरी यादों के समंदर में मेरा मन कागज की कश्ती जैसे रोज डूबता । मैं पागल हूँ या,ये सूरज जो हर रोज पूरब में ऊगता ।। ꧁༒N𝓪Ƭ𝕂𝓱𝓪t N𝓪ω𝓪ℬ༒꧂ 08/07/2021 ©kanaram gour #तेरी #यादों के #समंदर में मेरा #मन #कागज की #कश्ती जैसे #रोज डूबता । मैं #पागल हूँ या,ये सूरज जो हर रोज #पूरब में उगता ।। ꧁༒N𝓪Ƭ𝕂𝓱𝓪t N𝓪ω𝓪ℬ༒꧂ #river
Sabqat
#OpenPoetry नज़्म:- बंद कमरा एक मुद्दत से बंद है कमरा बंद कमरे में एक खिड़की है जो के पूरब की ओर खुलती है शम्स पूरब से जब निकलता है खिड़की कमरे की बंद रहती है खिड़की खुलती है दोपहर के बाद शम्स पूरब में जब नहीं रहता कौन रहता है बंद कमरे में जिसको रौशन वजूद का ग़म है जिसको तनवीर से शिकायत है जिसपे तारीकियों का ग़लबा है लोग कहते हैं कमरा ख़ाली है कोई रहता नहीं है कमरे में क्या वो आशिक़ था रौशनी का कोई जिसको धोका मिला मुहब्बत में? एक मुद्दत से बंद है कमरा बंद कमरे में एक खिड़की है जो के पूरब की ओर खुलती है #AzharHashmiSabqat #nojoto #love #loyality #betrayal #poetry #urdupoetry #separation #meet #care #quotes #stories #shayari
Vinni Gharami
#अंतर_पूरब_पश्चिम_का पाश्चात्य संस्कृति वाले अक्सर वही होते हैं, जो पिताजी को छोड़ पड़ोसी को पापा कहते हैं। पश्चिम की सभ्यता में इतना ना डूबो, पूरब की संस्कृति का सूर्योदय भी ना देख सको। मॉम मम्मी मदर में वो मजा कहा,
#अंतर_पूरब_पश्चिम_का पाश्चात्य संस्कृति वाले अक्सर वही होते हैं, जो पिताजी को छोड़ पड़ोसी को पापा कहते हैं। पश्चिम की सभ्यता में इतना ना डूबो, पूरब की संस्कृति का सूर्योदय भी ना देख सको। मॉम मम्मी मदर में वो मजा कहा, #कविता
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 11 ।।श्री हरिः।। 3 - दाता की जय हो! कुएँ पर रखा पत्थर पानी खींचने की रस्सी से बराबर रगड़ता रहता है और उस पर लकीरें पड़ जाती हैं; इसी प्रकार कोई एक ही शब्द बराबर रटा करे तो उसकी जीभ पर या मस्तिष्क पर कोई विशेष लकीर पड़ती है या नहीं, यह बताना तो शरीरशास्त्र के विद्वान का काम है। मैं तो इतना जानता हूँ कि जहाँ वह नित्य बैठा करता था, वहाँ का पत्थर कुछ चिकना हो गया है। श्रीबांकेबिहारीजी के मन्दिर के बाहर कोने वाली सँकरी सीढी के ऊपर वह बैठता था और एक ही रट थी उस
read moreरजनीश "स्वच्छंद"
संस्कृति भी उधार चाहिए।। सिंधू को भी आज घुटन सी होती है।गंगा भी स्मृतियों में बैठ देखो रोती है।।निज संतानों की भ्रमित मुद्रा,न मिटने वाली स्वार्थ क्षुधा। इस पल कहीं उस पल कहीं, दिग्भ्रमित पथ,सत्य है सत्य नही, जो बचा है वो है कथित सत्य।स्वयं के होने में ही भ्रम का होता बोध है, अब तो इन्हें कृति भी उधार चाहिए।।निस्तेज स्वर, भावनाएं भी खोखली,पूरब रहा पूरब नही, पश्चिम की हवा जो चली।मनुज मशीनों में खोया, या मशीने ही इंसान हैं,वाणी ने आपा खोया, मानो होंठों पे सजी कमान है।अपनापन का बोध भी, अपनो से अबोध हुआ,हम की बातों पे, अब क्षोभ और क्रोध हुआ।वाणी चंचल से अब चपल हुई,अब तो इन्हें मनोवृति भी उधर चाहिए।।कलम गुलामी करने लगी, शब्द भी मृतप्राय है,मनुज रहा मनुज नही, बस भीड़ का पर्याय है।संकुचित से विचार है, अभिव्यक्ति भी पाबंद है, हर बोल के पीछे छुपा, मतलब भी अनंत है।चिढ़ाते हैं स्वप्न भी बन विदूषक यहां,कबीर भी बैठा है बन मूक यहां।समय को खुद संग चलाना हमे है,क्या अभी भी स्मृति उधार चाहिए।। रजनीश "स्वछंद" #NojotoQuote संस्कृति भी उधार चाहिए।। #NojotoVoice #thought #shayri #fun #love #poem #comedy #meme #nojoto #nojotohumour #nojotomeme #nojotofun #kalakaksh #znmd #TST #Nojoto #Nojotohindi #kavishala #love #quotes #Poetry #sad #motivation #life
संस्कृति भी उधार चाहिए।। Voice #thought #shayri #Fun #Love #poem #Comedy #Meme #Nojoto #nojotohumour #NojotoMeme #NojotoFun #kalakaksh #znmd #TST #Nojoto #nojotohindi #kavishala #Love #Quotes #Poetry #SAD #Motivation #Life #Nojotovoice
read moreKumar.vikash18
है अन्धेरा कहीं तो कहीं उजाला होता है , है खुशी कहीं तो कहीं कोई रोता है !! पूरब का अन्धेरा पश्चिम में उजाला फैलाता है , पश्चिम में हो रात तो पूरब में सबेरा कहलाता है !! कहीं मातम तो कहीं शहनाई बज रही होती , कहीं प्रेम की भाषा तो कहीं दुश्मनी ठन रही होती !! वक़्त के आगे न कोई राजा रहा न कोई भिखारी , वक़्त बदलते ही रन्क बने राजा , राजा बने भिखारी !! यह जीवन चक्र सदा चलता रहता है , वक़्त ठहरता नहीं यह हमेशा बदलता रहता है !! वक़्त ( "वक़्त" ) है अन्धेरा कहीं तो कहीं उजाला होता है , है खुशी कहीं तो कहीं कोई रोता है !! पूरब का अन्धेरा
वक़्त ( "वक़्त" ) है अन्धेरा कहीं तो कहीं उजाला होता है , है खुशी कहीं तो कहीं कोई रोता है !! पूरब का अन्धेरा
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