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Rabindra Kumar Ram
" कुछ बात मुमकिन हो तो कुछ बात बताया जा सके , अजनबी तुझसे जो मिलता हूं नजरों का हाल जताया जाये , कुछ बात ठहरी सी सहमी सी है तेरे फासलों का जो भी सफर , आज नहीं तो कल ऐसे आज-कल में साफ-साफ बताया जा सके ." --- रबिन्द्र राम " कुछ बात मुमकिन हो तो कुछ बात बताया जा सके , अजनबी तुझसे जो मिलता हूं नजरों का हाल जताया जाये , कुछ बात ठहरी सी सहमी सी है तेरे फासलों का जो भी सफर , आज नहीं तो कल ऐसे आज-कल में साफ-साफ बताया जा सके ." --- रबिन्द्र राम #मुमकिन #अजनबी #नजरों #हाल #ठहरी #सहमी #फासलों
Gumnam Shayar Mahboob
मेरी गलती बताते हुए वो बहुत सहमी हुई थी क्योंकि मैं गलत नहीं था उसे गलतफहमी हुई थी #गलती #सहमी #गलतफहमी #गलत #प्यार #वफ़ा #गुमनाम_शायर_महबूब #gumnam_shayar_mahboob
Gudiya Gupta (kavyatri).....
डरी सहमी हवाओं से एक पत्ता फिर उड़ गया..! मानो ..!! इन हवाओं ने मेरे अतीत को देखा हो.!! ©Gudiya Gupta (kavyatri)..... #सहमी हवाएं
Rahul Chhawal
#सहमी हुई है झोपड़ी बारिश के खौफ से महलों की आरज़ू हैं कि बरसात तेज हो... @__shayri_ki_duniya_ ©Rahul Chhawal #RAIN_VECTOR
srajluv
दिल में कैसा दर्द उठा है , दिल अंदर ही अंदर टूट रहा है। कैसा लग रहा है, कोई तो साथी छूट रहा है। क्यूँ आँख में नमी सी रहती है , साँसे सहमी सहमी सी रहती है। क्यूँ ऐसा लग रहा है ,कोई तो साथी छूट रहा है
srajluv
दिल में कैसा दर्द उठा है , दिल अंदर ही अंदर टूट रहा है। कैसा लग रहा है, कोई तो साथी छूट रहा है। क्यूँ आँख में नमी सी रहती है , साँसे सहमी सहमी सी रहती है। क्यूँ ऐसा लग रहा है ,कोई तो साथी छूट रहा है
Anurag Rai
डरी सहमी सी ये रात अब कैसे जाएगी कल शायद ही हम मिले यह झूठा सा ख्याल दिल ♥ में रख कर रात गुजार लेता हू 🔥 #डरी #सहमी #सी #ये #रात #अब #कैसे #जाएगी ! 🔥♥
Prakash Ranjan Shail
सफ़र आखिरी सफर कोई असर छोड़ जाता हूं अपने इश्क की इक नज़र छोड़ जाता हूं। जब मिलोगे तुम सनम पूछोगे मेरा हाले दिल बेकरार दिल कि थोड़ी ख़बर छोड़ जाता हूं। तकते रहे हर घड़ी नजरे इनायत हों इधर अंधियारी रातों को मै सहर छोड़ जाता हूं। हर गली लगते ठहाके और होता कहकशां जिंदादिल शहर थोड़ी जहर छोड़ जाता हूं। चर्चे तेरे इश्क के हों या बेवफाई के सनम हो तेरी रूसवाईयां मै शहर छोड़ जाता हूं। इश्क की इन तंग गलियों मे जिधर गुजर गये खूने-जिगर दर्द की इक लहर छोड़ जाता हूं। मौत का सन्नाटा और सहमी-सहमी है फिजां चीखते हैं मुर्दे मैं अब कबर छोड़ जाता हूं। जब हुए हलकान और परेशान राहों मे गिरें हो बेगाने इश्क की मै डगर छोड़ जाता हूं।। चल दिए नजरें बचाकर इस जहां से 'शैल' हम क्यूं करें शिकवा के मै अब सफर छोड़ जाता हूं। #आखिरीसफर
Sanskruti Patel
बुर्खे मे लिपटकर रहती है ,उसकी आंखे बहोत कुछ कहेती है । करीब से देखा नही अभी तक , मगर हाँ,कुछ सहमी सहमी सी रहती है ।। बात करने का दिल तो बहोत बार हुआ , शुरुआत केसे करु ? येह सवाल हुआ । दोस्ती का ही अर्ज करके हाथ आगे बढ़ाया, थोडा डर के ही सही पलकें जुकाये अपना लिया ।। सलाम वालिकुम से शुरु खुदा हाफिज़ से बात खतम कर देती थी , वो लबो से कम आँखो से ज्यादा कहती थी ।। ईद-ए-मिलाद पे सुरत उसकी देखी थी , नजर ना लगे इसलिए काजल लगाये गुम रही थी।। इश्क़ -ए-नूर का सिलसिला शुरु हो गया था , तसरिफ़ जब से रखी थी उसने सुकू मिल गया था।। मोहरम को निकाह तैह हो गया था , खुदा ने हमारा रिश्ता क़ुबूल कर दिया था ।। # इश्क़-ए-नूर
Sheetal Sharma
Guru Purnima पिता ने आँगन घर बनाया माँ ने भर दिया प्यार। बेटों ने मिलकर चुन डाली अब आँगन मे दीवार।। व्याकुल नजरें ढूँढ रही हैं आँगन का वो तुलसी क्यारा।। पथरायी पलकेँ पूछ रही हैं कहाँ गया मेरामंदिर प्यारा।। पर कोई नहीँ बतलाने वाला। हर कमरे पर लगा है ताला। जब से घर को बाँटा है घर भर मे सन्नाटा है। हूआ इजाफा रंजिश मे रिश्तोँ का दिल मे घाटा है।। जमी विरासत बाँट चुके फिर जब माँ की बारी आई। सारे मिलकर सोच रहे ये कैसी जिम्मेदारी आई।। जिस माँ ने बच्चों को पाला। अपने मुँह का देकर निवाला।। जब बारी बच्चों की आई सबने मिलकर माँ को निकाला।। देखो कितनी बेबस है"माँ" सहमी सहमी और डरती है। फिर भी बच्चे रहे सलामत दुआ खुदा से करती है।। 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 ये होती हैं *माँ* 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 प्रमोद सनाढ़्य नाथद्वारा yaadein