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shivam chandra
एक पेड़ पर रहता था तोतों का डेरा, सुबह शाम लड़ते रहते तेरा और मेरा। डेरे में से एक था सबसे ज्यादा ज्ञानी, शांति स्थापना की उसने जिद्द है ठानी। एक सवेरे हो गए इकठ्ठे करने दूर की सैर, हालांकि उसमें भी रहा एक -दूजे से बैर। फिर एक बाग में पहुंचे जो था कोसों दूर, बड़े बड़े आम के वृक्ष और फल फूलों से भरपूर। सभी बाग पर टूट पड़े केवल एक को छोड़कर, डाल -डाल फल खाए आधे फेंक -फेंककर। खाते -खाते लड़ गए मचाया खूब हुड़दंग, ज्ञानी तोता बोला रहो शांत बर्ना आ जायेगा मलंग। मलंग था बाग का मालिक करता था रखवाली, देख तोते उसे शांत हो गए न पीटी एक भी ताली। इस तरह ज्ञानी तोते ने शांति का पाठ पढ़ाया, डेरे के सभी सज्जनों ने उसका मान बढ़ाया। शाम से पहले सब तोतों ने वापस जाने की ठानी, 'शांत रहना है एक उत्तम गुण' लो खत्म हुई कहानी। ~ शिवम चंद्रा ©shivam chandra #parrot #Hindi #poem #बालकविता pls repost it.🙏🏻
रिंकी✍️
रंग बिरंगी प्यारी– प्यारी कुछ नीली , कुछ पीली सी कुछ पतंगों के लाल गाल है कुछ पतंगे है हरी गुलाबी , चटकीली भड़कीली सी मेरी पतंग है नीली – सी दूर आसमान में वह उड़ती जाती सभी पतंगों से है वह पेंच लड़ाती कभी उलझती कभी सुलझती कभी हवाओं में गोते खाती मुझको मेरी पतंग है भाती ✍️रिंकी ऊर्फ चंद्रविद्या #मेरीपतंग #पतंगें #बालकविता #यकदीदी #क़िस्मत #collab #yqdidi
रिंकी✍️
मैं घोड़ा बन जाऊंगा तुम बना लो अपनी पालकी बाकी बनेंगे दर्शक बैठेंगे मारे आलथी – पालथी एक बनेगा राजा एक बनेगी रानी राजा बैठे घोड़े पर रानी बैठी पालकी एक सिपाही आगे आगे दो पकड़ेगा पालकी एक बनेगी दासी रानी की पकड़े सोने चांदी थाल की चलो उठाओ अब पालकी बोलो जय कन्हैया लाल की ✍️ रिंकी ऊर्फ चंद्रविद्या #बालकविता #पालकी #राजा_और_रानी #ykdidi #ykbaba
रिंकी✍️
हम मस्ती की टोपी डाले मोटे भेजे के छोटे ताले एक पांव पर लंगड़ी खेले क , ख , ग, घ अंगड़ी खेले आंख मिचौली , छुपम छुपाई बर्फ पानी में सामत आई एक घेरा , घेरे में चप्पल एक खेल ऐसा भी , जिसमे पत्थर पर पत्थर फेका बॉल गिर गया पत्थर भागो –भागो बॉल से बचकर काली चूरन लाल बैर खट्टी – मीठी इमली ऊंच नीच का पापड़ा रेल के डब्बे हम बच्चे और हम बच्चो का आंकड़ा ✍️रिंकी ऊर्फ चंद्रविद्या #बच्चेमनकेसच्चे #बालकविता #यकदीदी #ykquotes #यकफ़ीलिंग्स #ykbaba #हैरानीनहींहोती
रिंकी✍️
मोटू छोटू पतलू लंबू चलो मिलकर एक घेर बनाए घेर बनाकर बानो को बुलाए बनो बैठेगी बीच में एक लडकी धूप में सो रही थी शोर –शोर में उठ बैठी वह रो रही थी........ उठने का फिर नाम नहीं यह कम जिद्दी इंसान नहीं उठो सहेली उठो अपने आंसू पोंछ लो मिलेगा खाना मिलेगा खेलना जल्दी से तुम सोच लो फिर क्या..? बानो रानी ताला तोड़ जंजीरों से भाग गई आगे आगे लंबू की सेना उसके पीछे मोटू की सेना हाफ रही और भाग रही ✍️ रिंकी ऊर्फ चंद्रविद्या # एकलडकीधुपमेंरोरहीथीं #बालकविता #यक्दीदी #यकबाबा #समयतोलगेगा
Insprational Qoute
आज भी एक सोच है, बादलों पर मेरी पहुँच है, बनाऊं घर तारों के बीच,सुंदर चाँद की खोज है, दौड़ लगाऊँ दूर गगन में,हवा से फिर मै बात करूँ, खाना मुझको बहुत है भाये,चॉकलेट से मैं जेब भरूँ, चंदा आओ, सूरज आओ,तारों की चादर फैलाओ, मेरे संग संग तुम भी,आसमान की सैर कर जाओ। 😊बचपन सभी को प्यारा लगता हैI 😊चलो आज उस बचपन को जी लेते हैं, फिर से एक बार I 😊तो देर किस बात की है I 😊 सजा दो इस पृष्ठभूमि को अपनी कल्पनाओं सेI कैप्शन ध्यानपूर्वक पढ़ें .आप सभी का काव्य संग्रह मंच पर स्वागत है।
Juhi Grover
देखो देखो बारिश आई, राम श्याम आओ भाई, सब मिल कर खेलें खेल, मैंने तो अपनी नाव बनाई। सब अपनी नाव चलाओ, वो देखो मेरी नाव चली, चुन्नु मुन्नु तुम भी आओ, अपनी अपनी नाव दौड़ाओ। गलियाँ नदियाँ सी बहती, हम से चलने को कहती, चलते चलते बढ़ते जाएँ, अच्छे ही अच्छे बनते जाएँ। सीख ये बारिश दे जाती, अपनी राह खुद बनाती, बहुत कुछ हमसे कहती, रुकती नहीं, बहती रहती। कहती हम से हमेशा यही, कछुए की चाल चलो यों ही, रुकना तुम कभी मत जानो, धीरे धीरे निरंतर बढ़ना मानो। यों ही तुम बस चलते जाओ, जीवन में आगे बढ़ते जाआे, सफलता तुम फिर ही पाओगे, समय के साथ चलते जाओगे। #मेरीनाव #बालकविता #yqdidi #yqbaba #yqquotes #yqhindi #yqchallenge
Juhi Grover
देखो देखो बारिश आई, राम श्याम आओ भाई, सब मिल कर खेले खेल, मैंने तो अपनी नाव बनाई। (अनुर्शीषक में पढ़ें) देखो देखो बारिश आई, राम श्याम आओ भाई, सब मिल कर खेलें खेल, मैंने तो अपनी नाव बनाई। सब अपनी नाव चलाओ, वो देखो मेरी नाव चली, चुन्नु मुन्नु तुम भी आओ,
Darshan Blon
भूलकर थकावट तुम लेट जाओ, बंद कर आँखें अब सो जाओ, बुला रही हैं नींद की नन्ही परियां देखो नींदनगर में तुम - अब प्रवेश कर जाओ, बैठकर तुम उस काली घोड़ीं में तारों की अब सेर करो, ओझल नजरों से हो जाएगा वो अब! और ना तुम देर करो, देखो बाहें पसारे बैठे हैं उजले-पीले वो चंदा मामा, "डर-संकोच" को तुम निकाल फेकों हाथ है उन्होंने - अब तुम्हारा थामा, जादुई है ये नगरी नींद की सपने सुहाने यहाँ सजते हैं, आराम कर इसकी प्यारी बाहोंमे चलो! नईं सुबह में हम जागते हैं!! आओ ले चलूँ तुझे मैं #नींदनगर में: जहाँ #सपने सुहाने सजते हैं, जहाँ #खुशियाँ पनपते हैं!! #बालकविता #नींदकीपरी #yqbaba #yqdidi #yqbhaijaan
vinay vishwasi
हम बालक भोले - भाले हैं। चाहे गोरे हैं या काले हैं। है अपनी अलग सी दुनिया, हम जग में सबसे निराले हैं। छोटे - छोटे से पग हैं अपने, पर्वत पर भी चढ़ने वाले हैं। कोशिश न करो फुसलाने की, हम सबकुछ समझने वाले हैं। डरते नहीं तूफानों से भी हम, कई संकटों को हम टाले हैं। है पास चाबियाँ उनकी भी, जो बंद किस्मत के ताले हैं। मत कम आँकना भूलकर हमें, जज़्बा दिल में अनेक पाले हैं। नहीं रूकने वाले अब हम , बस धारा - सा बहने वाले हैं। दिनांक - 05/04/2019 #बालकविता #विश्वासी