Find the Latest Status about मोड़ी लिपि from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, मोड़ी लिपि.
Manish Jakhmi
वास्तविकता में अगर वासना को एक तरफ रखा जाए, तो ये काव्य लिपि बहुत ही सटीक साबित होती है। एक संतुष्टिजनक भाव जरूरी नहीं की मात्र वासना के वशीभूत होकर प्राप्त किए जाए, समक्ष जीवन को हर समय अपने संज्ञान में रखकर चलते हुए आपको इतना प्रफुल्लित महसूस होगा की अगर आप किसी इंसान की मात्र आंखों में भी देखो तो आपको आनंद की अनुभूति होगी जिसमें उसे पाने और ना पाने की चाह उस इंसान की प्रकृति पर निर्भर करती है, कि वह अभी भी वासना में वशीभूत है या नहीं। ©Manish Jakhmi आंखे ।। aankhe by manish jakhmi।।वास्तविकता में अगर वासना को एक तरफ रखा जाए, तो ये काव्य लिपि बहुत ही सटीक साबित होती है। एक संतुष्टिजनक भा
official singer Vandana singh
Vedantika
कौन समझता इस दिल का दर्द जो समझे ना इस दिल के जज्बात सिसकियों में घुट कर रह गई दिल में छुपी थी जो एक बात कौन समझता इस दिल का दर्द जो समझे ना इस दिल के जज्बात सिसकियों में घुट कर रह गई दिल में छुपी थी जो एक बात कुछ ख्वाहिश है अधूरी सी अंदर ही दम
Vedantika
तय हो गया ज़िंदगी का कितना ही सफ़ऱ गुजरे कितने ही मोड़ अब पता ही ना चला तय हो गया ज़िंदगी का कितना ही सफ़ऱ गुजरे कितने ही मोड़ अब पता ही ना चला मंज़िल मिली तो खुशियों के दरम्यान फिर कब ठहरे कदम कुछ पता ही ना चला का
सुसि ग़ाफ़िल
आकाशगंगाओं की लिपि..... आकाशगंगाओं की लिपि और रेशमी चादरों में अब सरासर असंतुलन देख रहा है कोई भी प्रलय आना यहां नामुमकिन नहीं मैं सुबह से देख रहा हूं चांद मुझे पूर
सुसि ग़ाफ़िल
तुम काबिल-ए-तारीफ हो मरहम तुम काबिल-ए-तारीफ हो "मरहम" तुम सरगम हो
Author Munesh sharma 'Nirjhara'
प्रेम.. प्रेम सा कहाँ रहा बही-खाते की लिपि बना तुमने वो न किया मैंने यह सब किया नाप-तोल तराजू बना तुम वो नहीं अब मुझको वो न रहने दिया आकलन का बिन्दु बना तुम प्रेम योग्य नहीं मैंने कैसे प्रेम कर लिया पश्चाताप की अदृश्य नदी बना तुमने जीना दुश्वार किया मैंने स्वयं कंटक पथ चुना रोज़-रोज़ का अनर्गल प्रलाप बना तुम भी चुप मैं भी चुप बिना क़ैद, क़ैदखाना बना प्रेम. अब प्रेम सा कहाँ रहा काल्पनिक चोला उतार यथार्थ धरा पर खड़ा...! 🌹 प्रेम.. प्रेम सा कहाँ रहा बही-खाते की लिपि बना तुमने वो न किया मैंने यह सब किया नाप-तोल तराजू बना
Author Munesh sharma 'Nirjhara'
पुरुष तुम... सृष्टि के आरम्भक हो.... कैप्शन में पढ़ें...🌈💞 पुरुष ... सृष्टि के आरम्भक हो तुम श्रृद्धा के संग सृष्टि रचयिता हो तुम मन:विकारों के उत्प्रेरक हो तुम उत्साह;जोश से प्रेरित हो तुम...! पुरु
Insprational Qoute
आजार ए इश्क़ ऐसा लग जायेगा,फिर मात्र एक दीद को तरस जायेगी निगाहें तेरी, जो आज मेरा वजूद तुझे खल रहा,फिर एक दिन होगी तुझे अपरिहार्यता मेरी, बसाये बैठे हो जो दिल मे जो यूँ ही अनजान अजनबी सा एक शख्स, कर दिया जान ए बिस्मिल मुझे फिर भी मेरे नैनो के दर्पण में तेरा ही अक्स। Read caption carefully समय सीमा:- कल सुबह 8 बजे तक। इसके नियम निम्नलिखित हैं : *4 पंक्तियों में रचना लिखे। *कविता देवनागरी लिपि में होनी