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Anil Ray
एक नन्हीं चिड़िया क्या करें हैवानियत... वहशी दरिंदे का? यदि यह चिड़ियाएं संगठित हो तो शेर की खाल नोंच सकती है.... जिस ज़माने ने मुझे परी कहा यदि निजपंखों को फैलने देता मैं आसमां की बुलंदियों पर नही आसमां पैरों की धरा बन सकती है.... दैत्य बनकर देवी संज्ञा से विभूषित शायद सनातन सतत सहनशील रहूं विखंडित होगा तिलिस्म सत्ता का भी यह शक्ति एक दिन बग़ावत कर सकती है.. ©Anil Ray एक वैचारिक क्रांति..................✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻 "बाबा! इस बार थोड़ा कष्ट ज्यादा होगा ।" बेटी ने कहा । "अरे बिटिया! तुम अच्छी पढ़ाई करो, अच्छी
एक वैचारिक क्रांति..................✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻 "बाबा! इस बार थोड़ा कष्ट ज्यादा होगा ।" बेटी ने कहा । "अरे बिटिया! तुम अच्छी पढ़ाई करो, अच्छी #Women #thought #कविता #nojotostory #Majboori #girlrespect #nojotohindipoetry #Anil_Kalam #Anil_Ray #manipurviolence
read moreDevesh Dixit
वाहन चालक (दोहे) वाहन चालक हो युवा, खतरे में है जान। खुद भी संकट में पड़ें, समझें अपनी शान।। नया नया यह खून है, रहता हर दम जोश। तेज रहे रफ़्तार है, उड़ जाते फिर होश।। वाहन चालक की उमर, रखी अठारह साल। नियम रहे तब राह में, सभी रहें खुशहाल।। बच्चों को वाहन दिला, दिखलाते हैं शान। पर होता कुछ और भी, कहते सभी सुजान। लहराकर जब वे चलें, दिखे अचानक जान। वाहन मुश्किल से थमे, या दुर्घटना मान।। नियम बहुत हैं तोड़ते, देते भी आघात। मौके से फिर भागते, पड़े न जूते लात।। उन्हें दिलानी है नहीं, वाहन की सौगात। जब तक वह समझे नहीं, यही अनोखी बात।। वाहन चालक हो वही, जिसे नियम का ज्ञान। धीमी ही रफ़्तार हो, बची रहे तब जान।। ............................................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #वाहन_चालक #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry वाहन चालक (दोहे) वाहन चालक हो युवा, खतरे में है जान। खुद भी संकट में पड़ें, समझें अपनी शा
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read moreMili Saha
अब्बास द ग्रेट के नाम से इतिहास में आमतौर पर जाना जाता है शाह अब्बास सफ़विद राजवंश के महानतम शासकों में एक था वो कहता है ये बात ईरानी इतिहास। शाह मोहम्मद खोदबंदा का था वो तीसरा पुत्र और माता थी उसकी खैर अल-निसा बेगम मिला था ये अब्बास नाम उसे अपने दादा से नाम था जिनका तहमासप प्रथम। मात्र अठारह महीने की उम्र में ही अब्बास अपने परिवार से हो गया अलग पन्द्रह वर्षों के पश्चात मिलना हुआ फिर पिता से किंतु माता को कभी न देखा हुआ जो विलग। क़िजिलबाश जो अभिभावक बने अब्बास के उन्हीं से सीखे सैनिक के आवश्यक कौशल शिकार करना पोलो खेलना एक जुनून की तरह कठिन होते थे बड़े प्रशिक्षण के वो पल। किया जाता था अब्बास को प्रशिक्षित अक्सर वहांँ पर घरेलू गुलामों के साथ ही उनके साथ अधिक समय बिताने के कारण बन गए थे वहीं बचपन के कई साथी खास। सफ़वी साम्राज्य के लिए अब्बास बड़े कठिन समय में सिंहासन पर आया अपने राज्य की राजधानी एक महान निर्माता बन वो कज़्वीन से लेकर इस्फ़हान तक ले गया। अपने शासनकाल की उपलब्धियों के लिए प्रशंसित एक मजबूत और निर्णायक शासक था अब्बास किंतु एक अत्याचारी के तौर पर भी है उसकी पहचान बेटे और कई रिश्तेदारों का हत्यारा बना था अब्बास। आश्चर्यजनक सांस्कृतिक विरासत का अधिकांश अंश आधुनिक ईरान में मौजूद दिखाई देता जो आज भी अपने युग के सबसे महान शासकों में से एक यह सांस्कृतिक विरासत थी अब्बास द ग्रेट की। ©Mili Saha अब्बास द ग्रेट के नाम से इतिहास में आमतौर पर जाना जाता है शाह अब्बास सफ़विद राजवंश के महानतम शासकों में
अब्बास द ग्रेट के नाम से इतिहास में आमतौर पर जाना जाता है शाह अब्बास सफ़विद राजवंश के महानतम शासकों में #History #Trending #nojotopoetry #nojotohindi #पौराणिककथा #sahamili
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दैवीय पृवति और आसुरी प्रवृत्तियां ********************************* समस्त पृथ्वी पर 14 जुन से , नारी शक्ति और पुरुषार्थ शक्ति के अन्त: करण द्वितीय महाभारत युद्ध जो हो रहा है। अहिंसा पर उसका पृथ्वी पर विराट रूप में, महासंग्राम होता दिखाई देना शुरू हो जाएगा। अपनी आंखों से देखते रहिए समस्त संसार में , समस्त नारी शक्ति और पुरुषार्थ शक्ति में। पृथ्वी पर जो मेरे भक्त है वे मेरे पास ही रहेंगे। उनके अंतःकरण में शीतलता प्रदान कि जाएगी। जो मुढ़ और दुष्ट हैं समस्त धर्मों में सर्वप्रथम उनकी शांति भंग की जाएगी समस्त पृथ्वी के सभी धर्मों में। समस्त पृथ्वी पर सभी धर्मों के परमत्तव अंशों शरीर में उनके हृदय मैं स्थित हूं । किसी को भी भविष्य में हृदय की इस आग पहचान नहीं हैं। भुतो का हृदय पुनः अग्नि तत्व अति तीव्र को नियंत्रित करने असफल होंगे। कौरव पक्ष के समस्त अधर्मी पाखण्डी गुरुऔ को। करुणा और दया का प्रयोग ना करें मेरे भक्तों इन अधर्मियों पर। आप देखते रहिए चुपचाप इस महासंग्राम युद्ध को समस्त धर्मों के तुच्छता पहचान वालों को संसार में। यह श्री गीता जी अठारहवां श्लोक गुप्त रहस्य भाव है ©GRHC~TECH~TRICKS #grhctechtricks #New #treanding #viral #Haryanvi #merikHushi दैवीय पृवति और आसुरी प्रवृत्तियां ***************************
#grhctechtricks #New #treanding #viral #Haryanvi #merikHushi दैवीय पृवति और आसुरी प्रवृत्तियां *************************** #विचार
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***** चोथा कारण***** समस्त अठारह अक्षौहिणी में 44 करोड़ के लगभग वीरों में एक को छोड़कर कोई ऐसा योद्धा नहीं था जिसने ह्रदय से ये चाहा हो कि मुझे भी श्री कृष्ण और अर्जुन के सवांद का एक भी शब्द भी सुनने को मिले केवल भीष्म पितामह ने ही इच्छा की थी परन्तु उस समय तो उनकी इच्छा पुरी नहीं हुई 29 दिसम्बर 2010 को उनकी श्री गीता जी पाठ सुनाकर और हृदय से स्पर्श कराकर इच्छा अवश्य पुर्ण हुईं थी। ,समस्त पृथ्वी वासियों भीष्म पितामह को इस जन्म में पिछले यादे जैसे मां गंगा जी याद और समस्त कौरवों का भार अपने सिर पर रखे रहना इस जन्म में उनकी चिंता का कारण बना हुआ था। आएं सुनाता कैसे - *** सो मन का लकड़ उसके ऊपर बैठा एक मकड़**** वह एक रति रोज खाएं तो उसको कितने दिन में खा जाएगा यह सवाल भीष्म पितामह की आत्मा जो इस जन्म में रतिराम (मामा) के शरीर रुप में आईं थीं और उनका मेरे से बारे बार -बार पुछने क्या कारण था । मेरे ह्रदय से सोचने समझने से इसका दो उत्तर हे- 1-भीष्म पितामाह के ऊपर 100 कोरवौ का मृत्यु का बार था । स्वयंबर में सबसे बड़े होने पर लाचार रहे कुछ नहीं कर सके। खुद भीष्म पितामह ने अन्त मरते समय कबूल भी किया । इसलिए उनकी आत्मा को यह सवाल बार-बार परेशान कर रहा था। 2- उस पाप को पचाने के लिए रति भर हर रोज खाकर ख़त्म करना पड़ेगा क्योंकि 100कोरवो का भार खुद पर उठाए हुए थे भीष्म पितामह जी। दावा कैसे सिद्ध हुआ कि भीष्म पितामह की आत्मा है मेरे मामा शरीर में। प्रमाण - रोटी खाते समय मां गंगा को याद करना और मेरे जन्म के समय से ही मुख से गंगा मां का नाम लेना शुरु किया। और मरते समय वचनों को याद दिलाया इस आत्मा और अपनी माता का जल पिलाकर वचन लिया आपके इच्छा मृत्यु का वरदान है जो वरदान भी अब जीवित हैं वो और आपका जन्म क्यु हुआ शरीर से उन अर्जुन के तीरों की याद । अन्तिम इच्छा के बारे पुछने पर मना करने दो दिन समय लेने पर । वे इस पृथ्वी पर से चले गये। अब कल्कि अवतार के जन्म काल में उनकी आत्मा उस वंश में पहचान मिलेगी हमें ऐसा विश्वास है प्रकृति से प्रेम से करेंगे वो इस कलयुग तब वह भारत कम नहीं हो जाता उनका पीपल और बड़ की छाया से वह रति भार भार नहीं खाएगी उनकी आत्मा । यह मेरी आत्मा का चौथा कारण है जन्म लेने का इस धरती पर। ©GRHC~TECH~TRICKS #grhctechtricks #Ne #viral #treanding #Sachin SHAYAR ANHAR Advocate MD Aalmeen Khan Sujata jha vishwadeepak Anjali Maurya ***** चोथ
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