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Divyanshu Pathak
जब तक प्रतिहारों में साहसी-पराक्रमी शासक उत्पन्न होते रहे उनका राज्य विस्तार भी हुआ।शुरुआती दौर में मण्डोर के प्रतिहार- नागभट्ट,शिलुक,बाउक शक्तिशाली रहे।उज्जैन और कन्नौज के प्रतिहारों में भी कई प्रतिभासंपन्न योद्धा हुए।समूचे राजस्थान पर अधिकार कर उन्होंने- गुहिल,राठौड़,चौहान तथा भाटियों को सामन्त बनाकर राज्य किया।जैसे ही इनकी केंद्रीय शक्ति कमज़ोर हुई तो सामन्तों ने अपने स्वतंत्र राज्य स्थापित कर लिए।जिस राजस्थान की मिट्टी में उनका उदय हुआ,उसी राजस्थान को वे हमेशा के लिए अपना न रख सके। : डॉ गोपीनाथ शर्मा लिखते हैं कि - जोधपुर के शिलालेखों से यह प्रमाणित होता है कि प्रतिहारों का अधिवासन मारवाड़ में लगभग छठी शताब्दी के द्वित्त
प्रतिहार
बारिश भी हो रही है, इक लौ भी जल रहा है, मेरे यार के शहर का मौसम बदल रहा है! ये धुप क्यूँ परोसा, मुझे रात में बुलाकर, ओले भी पड़ रहे हैं, बदन भी जल रहा है! बदल रहे तरीके, लहजा बदल रहा है, मैं शक नहीं करूंगा, पर कुछ तो चल रहा है! जो कर चुकी हो वो अब इन्कार क्यूँ करने में, हजार खुशियों में ये गम भी पल रहा है! वो भी समझ गई मै, नहीं हुं उसके काबिल, वो भी बदल रही है, दिल भी सम्भल रहा है! प्रतिहार प्रतिहार
प्रतिहार
मेरे यार के शहर से अब,कोई खबर नहीं आती, फिर मुझे क्यों निंद अब,रात भर नहीं आती! आंख लगती है जरा तो,आती है वो खाब में, मगर मुझे है रंज ख्वाब रात भर नहीं आती!! उनके शहर से आती है, मेरे शहर हवाएं भी, सुना है बस कि आती है, मै हुं जिधर नहीं आती! मै इश्क हुं भटक रहा, दर ब-दर तलाश में, वो हुस्न है, गुरुर है, वो दर ब-दर नहीं जाती! सुनता हूँ मैं वो आती है, मेरे शहर कभी कभी, अब आती होगी काम से, मेरे तो घर नहीं आती! प्रतिहार!! प्रतिहार
प्रतिहार
कब कहां कवना शहर में रह ब तहरा पता बा का, कब कहां केकरा नजर पे चढ़ ब तहरा पता बा का। तहरा जिगर में के रही अभीए से सोंच के बैठल बा र, तु कहां केकरा जिगर में रह ब तहरा पता बा का। एगो ठोकर लाग गईल त, छोड़ दिहला राह ई, कब कहां कवना डगर पे चल ब तहरा पता बा का। ह ज़हर कहके भरल ई छोड़ दिहला जाम तू, कब कहां कवना ज़हर से मर ब तहरा पता बा का। इ सफ़र के वादा तोहार कि उहे बनिहे हमसफ़र, कब कहां कवना सफ़र पे रह ब तहरा पता बा का। ✍️ प्रतिहार........ प्रतिहार
प्रतिहार
आंखों में भर के दरीया साथ,साहिल लिए फिरता हैं, वो शख्स अपने जुल्फो पर बादल लिए फिरता हैं। मै बात बताऊ नैनो कि वो नैन बड़े कजरारे है, बिन काजल हि नैनों में वो काजल लिए फिरता हैं। जरूरत क्या है खंजर कि मैं रोज डुब के मरता हूं, वैसे ही वो शख्स निगाहें कातिल लिए फिरता हैं। मैं कायल उसके नैनों का और नैनों पर ही अटक गया, होठो पर तो शायरो कि वो महफील लिए फिरता हैं। हर मजनू के मुंह से मै सुनता वो उनकी मंजिल है, जाने कितने प्रतिहारो कि वो मंजिल लिए फिरता हैं। प्रतिहार #प्रतिहार फॉलोव करें
प्रतिहार
आंखों में दरीया देखना, दिल में समंदर देखना, आसान नहीं है झांक कर किसी के अंदर देखना। मार्च में उसकी शादी है, मुझे जनवरी से पता है, बड़ा मुश्किल काम है ऐसे में कैलेंडर देखना। चिंथरी चिथरी जिंदगी को कब तक सी के जिना है, ऐ हाथ देखने वाले, मेरा मुक्कदर देखना। ना जाने क्यू सिने में अंगारे मेरे दहक रहे, इन लपटो में सिमट जाएगा ये शहर देखना। मरने वाली जगहो पर मुस्कुरा बैठा प्रतिहार, अरसों तक ना मिलेगा मुझ सा सिकंदर देखना। ✍️प्रतिहार। #प्रतिहार, फौलोव मी
Vansh maurya"prince"
सराफत झलकती है जिनके लफ्ज़ो से वो बातों के खिताब रखते है।।। सच्चे आशिक़ जो टूट चुके है मोहब्बत में वो एक -एक बातों का हिसाब रखते हैं #Heart वंश