Find the Latest Status about पिऊ from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, पिऊ.
सत्यमेव जयते
तेरे जाने के बाद सनम मेरे, सोचता हूँ के कैसे जिऊंगा मैं, तुझसे किया है इसी लिए वादा, ये जुदाई का ज़हर भी पिऊंगा मैं। ©Kumar Vinod ज़हर भी पिऊंगा मैं।
Technocrat Sanam
फिर काँटों में क्यों न गुलाब सा हो ग़र मिले तो बिल्कुल मेरे ख़्वाब सा हो दाग़ वो हो जो उसको हसीं बना दे आँखों का काजल या आफताब सा हो मेरी चाहतों से लबरेज़ भले ही न हो मग़र इल्तजा है के मेरे रुआब सा हो उसको जिऊँ, पिऊँ उसी को ताउम्र इक बुरी लत हो या फिर शराब सा हो दूध का धुला न हो पर आईने सा साफ़ हो रूठे मनाऐ हाँ बस इतना ही खराब सा हो फिर काँटों में क्यों न गुलाब सा हो ग़र मिले तो बिल्कुल मेरे ख़्वाब सा हो @technocrat_sanam ग़र मिले.. 😊 फिर काँटों में क्यों न गुलाब सा हो ग़र मिले तो बिल्कुल मेरे ख़्वाब सा हो दाग़ वो हो जो उसको हसीं बना दे आँखों का काजल या आफता
सुसि ग़ाफ़िल
सबूतों को किनारे रखो तुम सिगरेट जलाओ मैं पिऊंगा ! बहस में वक़्त मत निकाल, मैं तेरे साथ जिऊंगा ! सबूतों को किनारे रखो तुम सिगरेट जलाओ मैं पिऊंगा ! बहस में वक़्त मत निकाल, मैं तेरे साथ जिऊंगा !
Rabindra Kumar Ram
*** कविता *** *** एक सोच *** " कभी कहीं मिलों तुम , साथ हाथ के बैठो तुम , फिर कुछ गुफ्तगू हो , फिर किसी बात पे , गर्म चाय की खुशबू हो , कुछ घुट तुम पियो , कुछ घुट मैं पिऊ , ऐसे में हमारी कुछ , नोक-झोक फिर टकरार हो , फिर रुठना फिर मनाना , ये सिलसिला यूं चले , ख्वाब आंखों में समंदर सा , एहसास उमरता हैं कि , फिर क्या बात की जाये , हसरतें काफिर सा यूं ही , हर रोज किसी शख़्स के , बहाने रोज मिलने आते हैं . --- रबिन्द्र राम— % & *** कविता *** *** एक सोच *** " कभी कहीं मिलों तुम , साथ हाथ के बैठो तुम , फिर कुछ गुफ्तगू हो , फिर किसी बात पे , गर्म चाय की खुशबू हो ,
HINDI SAHITYA SAGAR
होली तेरे संग खेलूंगा, सोंचा था अबकी बार, नीले-पीले, हरे-गुलाबी, रंगों की बौछार, खाऊंगा मैं गुझिया-पापड़ जाकर सबके द्वार, लगाकर रंग अंग में, पिऊंगा भंग संग में। गले लगाकर, दिल मिलाकर मनेगा यह त्योहार, खुशियाँ ही खुशियाँ बरसेंगी सबके आँगन-द्वार, भेद मिटाकर दर्द बाटेंगे मिलकर सब परिवार, भुलाकर शिक़वे-गिले सब, मिलेंगे सबके गले सब। -शैलेन्द्र राजपूत ©HINDI SAHITYA SAGAR #happyholi होली तेरे संग खेलूंगा, सोंचा था अबकी बार, नीले-पीले, हरे-गुलाबी, रंगों की बौछार, खाऊंगा मैं गुझिया-पापड़ जाकर सबके द्वार, लगाकर र
Pankaj Singh Chawla
पर्किंग वाला प्यार भाग - 9 (Read In Caption) पर्किंग वाला प्यार 9 सुनो...! आर्डर आ गया, एक चाय और एक कॉफ़ी, उसने वेटर से कह कर दो एक्स्ट्रा कप मंगा लिए, मैंने पूछा एक्स्ट्रा कप क्यूँ...
Ranjan Kashyap
-रंजन कश्यप 101. तो हम सुबह चलते जा रहे थे। उस दिन सुबह कुछ अच्छा सा लग रहा था क्योंकि सुल्तानगंज से देवघर तक पैदल जाने का वो तीसरा दिन था। सुबह चार बजे
Pratik Patil Patu
कलियुग के सागर में, चली मेरी नैया ! Part 1 to 5 Story in caption मैं राजीव शर्मा बचपन में मुझे सब मिस्टर साइंटिफिक बुलाते थे, हर चीज के पीछे का कारण जानने में मुझे बहुत जिज्ञासा थी l इसीलिए, मैं बहुत सवाल
Rabindra Kumar Ram
*** कविता *** *** एक सोच *** " कभी कहीं मिलों तुम , साथ हाथ के बैठो तुम , फिर कुछ गुफ्तगू हो , फिर किसी बात पे , गर्म चाय की खुशबू हो , कुछ घुट तुम पियो , कुछ घुट मैं पिऊ , ऐसे में हमारी कुछ , नोक-झोक फिर टकरार हो , फिर रुठना फिर मनाना , ये सिलसिला यूं चले , ख्वाब आंखों में समंदर सा , एहसास उमरता हैं कि , फिर क्या बात की जाये , हसरतें काफिर सा यूं ही , हर रोज किसी शख़्स के , बहाने रोज मिलने आते हैं . --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram *** कविता *** *** एक सोच *** " कभी कहीं मिलों तुम , साथ हाथ के बैठो तुम , फिर कुछ गुफ्तगू हो , फिर किसी बात पे , गर्म चाय की खुशबू हो ,
OMG INDIA WORLD
तू ही तू छाया है, जैसे ये मन सिर्फ तेरा ही है... सारी रात पिऊ ये इक़्श का जाम, जिसमे नशा सिर्फ तेरा है। ©OMG INDIA WORLD तू ही तू छाया है, जैसे ये मन सिर्फ तेरा ही है... सारी रात पिऊ ये इक़्श का जाम, जिसमे नशा सिर्फ तेरा है। #OMGINDIAWORLD