Find the Latest Status about सायबा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, सायबा.
Tushar
तेज़ आँधी में किसी जलते दिये की सूरत !! और बस , बहुत खूबसुरत़ है तुम्हारी सीरत़ ... - तुषार रानी सायबा 👑
Tushar
वो खूबसुरत इतनी है के उन्हें EdiT की जरुरत नहीं , बाकी मैंने गजलो में उन्हें चाँद बताकर रखा है ... - तुषार रानी सायबा 👑
संवेदिता "सायबा"
मेरा रोना ए है 'सायबा' जहां पहुंचे वहीं रोए। वहां के रहने वाले जानदारों को न नींद आई।। ©संवेदिता #Remember #संवेदिता #सायरी_दिल_से #सायबा #सायरी_एक_अल्फ़ाज़
संवेदिता "सायबा"
संवेदिता "सायबा"
करन सिंह परिहार
सुन कर चीखें अबलाओं की,मैं व्याकुल होकर सिहर गया। फिर हृदय कंपनों की गति का,आवेग तीव्र हो बिखर गया। यह राज भोग का महा ज्वार,कंचन महलों का विष अपार। सत्ता की गलियों का सियार , बस नोच रहा तन का शृँगार। क्या मानवता का यही सार ,जो हुई आबरू तार तार। नारी जो जीवन का अधार , कर रही धरा पर चीत्कार। लेकिन गूँगे , अंधे शासक , झूठे उद्गार दिखाते हैं। कुर्सी की लालच में बँधकर,हो मौन पलक झपकाते हैं। शकुनी के फेंके पासों से , मानवता में विष उतर गया। फिर से द्वापर का वही दृश्य,मेरी आँखों में पसर गया। सुनकर चीखें--------(1) तम् के घर में बंधक प्रकाश , हो रहा संस्कृति का विनाश। चहुँ ओर आसुरी अट्टहास , मृदु संस्कारों का नित्य ह्रास। सिंहासन का चिर भवविलास,कर रहा भूमिजा को उदास। लिप्साओं का दृढ नागपाश,गल में करता अवरुद्ध श्वास। लेकिन विधर्मियों के वंशज , तांडव का जश्न मनाते हैं। कर चीर हरण द्रोपदियों का,फिर नग्न नृत्य करवाते हैं। ऐसे कुकृत्य अपराधों से, लज्जा का घूँघट उघर गया। फिर धैर्य त्याग करके आँसू, सूखी आँखों में पजर गया। सुनकर चीखें--------(2) ****** ©करन सिंह परिहार #मणिपुर संवेदिता "सायबा" Kumar Shaurya सूर्यप्रताप सिंह चौहान (स्वतंत्र)
संवेदिता "सायबा"
संवेदिता "सायबा"
ऐ सायबा! यह माशूक जहाँ दिल लेके जब हो जाते नेहा। फ़ुरकत का अलम सहते सहते पत्थर का ज़िगर हो जाता है।। ©संवेदिता #bekhudi #संवेदिता #सायबा #शायरी #nojoto #nojotohindi #nojotoquote #poetry #shayari #gazal
संवेदिता "सायबा"
होठों पर ख़ामोशी रखकर आंसू पीना सीख रही। नये नये मुस्कान सजाकर पल पल जीना सीख रही।। ©संवेदिता #Tanhai #संवेदिता #सायबा #शायरी #गज़ल #samvedita #Shayari #Nojoto #nojotohindi #Poetry