Find the Latest Status about हौज काजी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, हौज काजी.
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत :- अगर साथ दो आशियाना बना लें । तुम्हें ज़िन्दगी का तराना बना लें ।। अगर साथ दो आशियाना.... कदम दो चलो जो सनम अब हमारे । हँसी आज मौसम हमें है पुकारे ।। तुम्हें देखते ही ढ़ले शब हमारी । यही कह रही है वफ़ा की खुमारी ।। चलो आज ऐसा जहाँ हम बना लें । अगर साथ दो आशियाना बना लें ।। किसी और से अब नही आरजू हो । तुम्हीं ज़िन्दगी की रही जुस्तजू हो ।। तुम्हारे बिना तो कहीं भी हमारा । नही इस जहाँ में सुनों अब गुजारा ।। बुला आज काजी वसीयत करा लें । अगर साथ दो आशियाना बना लें ।। यही बाँह थामे सफ़र खत्म कर दूँ । तुम्हारे लिए हद सभी पार कर दूँ ।। मिला दे खुदा बस यही इल्तिजा है । तुम्हीं में हमारी बसे देख जाँ हैं ।। तुम्हीं को कहो आज दर्पण बना लें । अगर साथ दो आशियाना बना लें ।। अगर साथ दो आशियाना बना लें । तुम्हें ज़िन्दगी का तराना बना लें ।। २९/०४/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR अगर साथ दो आशियाना बना लें । तुम्हें ज़िन्दगी का तराना बना लें ।। अगर साथ दो आशियाना.... कदम दो चलो जो सनम अब हमारे । हँसी आज मौसम हमें है प
सुसि ग़ाफ़िल
हम आधे नंगे हो गए थे उसका इंतजार बाकी था चेहरा तक नहीं दिखाया उसका दीदार बाकी था उसकी नजरें नहीं उठ पाई यह वक्त कैसा राजी था मुझे जाने की बड़ी जल्दी मेरा तो पेशा काजी था आंखें झुकी आवाज़ धीमी बहुत कुछ बाकी था मैं कह रहा था डरो मत तुम्हारे सामने साथी था कैसी ये लगी लगन हवा का झोंका और बाकी था टूट कर चाहा था जिसको वो जिस्मों में ही राजी था | हम आधे नंगे हो गए थे उसका इंतजार बाकी था चेहरा तक नहीं दिखाया उसका दीदार बाकी था उसकी नजरें नहीं उठ पाई यह वक्त कैसा राजी था
Âśhîśh Śárøj
रब तो करीब ही होता है हम ही दूर चले जाते है ♥️ Ummat - People Mehdud - Limited Firaun - Oppressing Rulers Karbala - Holy place Hauj - lake Hazrat Musa Alaihissalam (prophet) Hazrat Hussa
Abhay Bhadouriya
गर उनसे ये रिश्ता निभाया न जाए, जबरदस्ती का इल्जाम लगाया न जाए, हो गया है फैसला अब मोहब्बत का किसी काजी को घर पर बुलाया न जाए, दिल, जान , रूह सब तो दे दिया उसको बात "ईमान" की है,ये लुटाया ना जाए, झुकना उसी के सामने जिसको कद्र है तेरी अपने साजदे किसी पर यो, जाया ना जाए गर उनसे ये रिश्ता निभाया न जाए, जबरदस्ती का इल्जाम लगाया न जाए, हो गया है फैसला अब मोहब्बत का किसी काजी को घर पर बुलाया न जाए, दिल, जान ,
SURAJ आफताबी
मरकज़-ए-निगाह से जब उनकी भटक जाता हूँ अपनी ही बज़्म में नज़्म खुद की भूल जाता हूँ बड़ा महीं है कुछ भेड़ियों पर लिबादा - अ - आदम रहे महफ़ूज़-अ-इस्मत देख खँजर अख्ल़ाक भूल जाता हूँ इसलिए भी अब सहमे कदमों से आस्ताँ पार होती है इक अब्बा की आबरू हुकूमत का हुकुम-अ-कमंद है किताबी बात ये अमानती भूल जाता हूँ अभी चार-सू वहशियाना है आलम जिस्मानी भूख को इक ख़ाम सी नन्ही परी को दे ये दर्स अज्म बनाता हूँ अब सिर्फ़ खानकाही फकीरी ही नहीं यथेष्ट "आफताबी" भड़के वो शरर हर आवामी कलेजे में जो सदके में खुदा के भूल जाता हूँ सदा जरा हुकूमत तक पहुँचे...🙏 मरकज - बीच में , center महीं - महीन, बारीक इस्मत- इज्ज़त अख्लाक- शिष्टाचार आस्ताँ- दहलीज, चौखट हुकुम-अ-कमंद - फ
Vijay Tyagi
तुम ही इसका फ़ोटो भेजता तो शादी तुम ही तो करेगा दुनिया से मुनिया से नमक-मिर्च-धनिया से(गृहस्थी) बाबा कब तक डरेगा शेष अनुशीर्षक में.. अरे इतनी भी नहीं बुरी है सूरत सब बाद-ए-मेकअप ऐसी ही मूरत गुरु काहे को घबराए तू क्यूँ जाता है घबराए आँखे बड़ी है तुमसे लड़ी है भले उम्र में तु
BANDHETIYA OFFICIAL
मैरी सास मेरी पत्नी 'की' पति है , छाया हूं मैं,छा न पाया,छाया हूं मैं, वो प्रति है। दिन-रात साथ दफ्तर से घर, घर से दफ्तर तक, संग दिल से दिल में वो, मेरा तो स्वांग, ढोंग,क्या गति है? कहते हैं, बेटियों का घर बसाती हैं मांयें, और बेटियां घर बिगाड़ती हैं मायका-नइहर , कौन बिगड़े,बिगड़े किसका,पति कहके प्राणी कुछ, छाया,काया, कुछ सम्प्रति है। उसपे मोबाइल, निष्कर्ष- निर्माण बुरा तेरा, अब नाश हो । सांस हो गये हो मगर वास्तव में सास हो । ©BANDHETIYA OFFICIAL नीचे का छायाचित्र देखके । काजी.... #ValentinesDay Ankita Mishra SHALINI and SURAJ Priya Singh Mr Ismail Khan gautam khatiyan