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Ravi vibhute
HAPPY BIRTHDAY TO VINEETA 🎂🍧🍧🍨🍨🍰🍰🍫🍫🎉💃 ©Ravi vibhute HAPPY BIRTHDAY TO VINEETA🎂🍨🍧🍫🍫🍰🍰🍰 हमारे नोजोतो की सदस्य श्री विनीता पांचाल को जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनायें हर हर महादेव 🌹🙏vineetapanchal
Jupiter and its moon
पांच पति पांचाली के अभिमान बचाने ना आए। अपमानित होती नारी का सम्मान ना बचाने ना आए।। भीष्म द्रोण गुरू कृपाचार्य सब मान बचाने ना आए। वीर हुए कायरतम अबला आन बचाने ना आए।। केश पकड़ जब रजस्वला स्त्री पर अत्याचार हुआ। स्वजन बंधू सब मूक बने पंचाली संग व्यभिचार हुआ।। उपहास हुआ हर नारी का सब न्याय धर्म पर वार हुआ। निर्लज्ज सभा के भागी हर एक जन का तय संहार हुआ।। थे विकर्ण जैसे भी जिसने पाप सभा में सत्य कहे। विदुर सरीखे नितिकार सब सभा त्याग कर चले गए।। धृतराष्ट्र सम अंधा राजा दूर्योधन सा अत्याचारी। था पाखंड धर्म का या फिर थी पांडव की लाचारी।। जब जब वस्त्र हरण को कोई दुशासन आगे आए। तव आन मान अधिकारों पर जब जब अंधेरा छा जाए।। हे स्त्री! तुमको निज रक्षा के हेतु स्वयं जलना होगा। चंडी काली बनकर निशदिन महिषा मर्दन करना होगा। तुम जननी सब जग की भर्ता निज शंका का त्याग करो। वस्त्र हरण को बढ़ते हर दुशासन का तुम नाश करो।। कृष्ण नहीं आते हर युग में अबला आन बचाने को। सबला बन तुम स्वयं लड़ो निज आन और मान बचाने को।। ©Jupiter and its moon कृष्ण नहीं आते हर युग में! पांच पति पांचाली के अभिमान बचाने ना आए। अपमानित होती नारी का सम्मान ना बचाने ना आए।। भीष्म द्रोण गुरू कृपाचार्य
YumRaaj ( MB जटाधारी )
यमराजः अथवा धर्मराजः संसारस्य सर्वेषां जीवानां प्राणिनां अन्तिमसंयंत्रणकर्ता च अस्ति। अयम् यमराजः वेदपुरुषस्य पुत्रः च आहूतः अस्ति। अत्र अस्मिन् लेखे यमराजस्य परिचयः निरूप्यते। नाम: यमराजस्य नाम धर्मराजः अथवा यमः इति प्रसिद्धमस्ति। "यम" शब्दः संस्कृतभाषायाम् "नियमने" अर्थे प्रयुज्यते, यथा यमः जीवानां कर्मणि नियमयति इति नामकरणं योग्यं भवति। तस्य अपि अन्ये नामानि च सन्ति, यथा अंतकः, कालः, वैवस्वतः, धर्मराजः, मृत्युः इत्यादयः। पितरोऽधिपतिः: यमराजः पितृलोकस्य पितरोऽधिपतिः अस्ति। पितृलोकं अस्य अधिष्ठानं भवति। पितृलोके प्रविष्टे सर्वेऽपि जीवाः यमराजस्य सन्निधौ आविष्कृतं भवन्ति। यमराजः तेषां कर्मणि नियमयति च तथा अन्यायानि प्रशास्तुम् अर्हति। यमलोकः: यमराजस्य निवासस्थलं यमलोकः नाम अस्ति। तत्र तेषां जीवानां कर्मफलं निरीक्ष्य यमराजः तथा विचार्य तेषां योनिसंस्थानं नियमयति। यमलोके यात्रां कृत्वा जीवाः तेन योनिसंस्थानेन सम्बद्धाः भवन्ति। यमदूताः: यमराजस्य सेनापतयः यमदूताः नाम्ना विख्याताः भवन्ति। ये यमराजस्य अधीना अस्ति ते यमदूताः यमराजस्य आदेशानुसारिणसर्वेभ्यः जीवेभ्यः सन्देशान् प्रेषयन्ति च यमराजस्य अधीना आवर्तन्ते। यमदूताः यात्रां कृत्वा जीवानां कर्मफलं तथा पापपुण्यानि निरूपयन्ति च। यमदूताः यमराजस्य अद्यतनं चरित्रं धारयन्ति च भवन्ति। यमराजस्य पाञ्चालिकं रूपम्: यमराजस्य पाञ्चालिकं रूपं अस्ति। पाञ्चालिकं रूपं यमराजस्य विभूषणानि अस्ति, यथा धर्मचक्रं, दण्डं, पाशं, यमगुप्तं च। धर्मचक्रं यमराजस्य हस्ते धारितं भवति, यथा धर्मस्य प्रतिष्ठानं। दण्डः यमराजस्य हस्ते धारितं भवति, यथा यमराजस्य न्यायविधानं। पाशः यमराजस्य हस्ते धारितं भवति, यथा यमराजस्य बन्धनानि। यमगुप्तः यमराजस्य सहायकः अस्ति, यथा यमराजस्य सङ्केतकः। यमराजस्य धर्मः: यमराजस्य धर्मः अत्यंत महत्त्वपूर्णः अस्ति। यमराजः सन्तानं धर्मं नियमयति च, यथा न्यायस्य पालनं, पापपुण्यानां फलानां वितरणं च। यमराजस्य धर्मस्य वेदपुरुषैः प्रमाणं उपपाद्यते च। यमराजस्य अर्थः: यमराजस्य अर्थः सम्पूर्ण जगत्सृष्ट्यादिकर्तृभ्यः विभूषितः अस्ति। यमराजः समस्तं कर्मफलं नियन्त्रयति च तथा अधिकृतं अनुशास्ति। यमराजस्य अर्थः धर्मरूपेण भगवत्प्राप्तौ निर्वहति च। इत्येवं यमर ©YumRaaj YumPuri Wala #navratri #यमनियम यमराज, नाम, स्वामी, यमलोक, यमदूत, यमराज पांचालिका, यमधर्म, अर्थ! #Yumraaj यमराज या धर्मराज संसार के सभी प्राणियों के परम
Neena Jha
ए देश मेरे, ए मेरे वतन, तुझे सजाने का मैं करूँ जतन, तेरी ख़ातिर दुनिया छोड़ें, हम वतनपरस्त, तेरी माटी से उपजा 'मैं', तुझमें मेरा अंत, तुझ पर मर मिटने को तत्पर मेरा सर्वस्व, हर बेटी को दूँ नाम मान औ शिक्षा, ऐसा हो तेरा वर्चस्व, मुझे गर्व है मैं भारतीय हूँ, मग़र अफ़सोस, तेरी अभागिनी पुत्री हूँ, रोज़ द्रौपदी बनती, कहीं बँटती मौन पांचाली सी हूँ। ए देश मेरे, ए मेरे वतन, तुझे सजाने का मैं फिर भी करूँ जतन। 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 जय हिंद जय हिन्दू भारत 🇮🇳 ©Neena Jha #IndependenceDay आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 #neverendingoverthinking #नीना_झा #जय_श्री_नारायण #स्वतंत्रता_
N S Yadav GoldMine
रोते हुए एश्वर्यशाली प्रज्ञा चक्षु राजा धृतराष्ट्र देखते ही आँसुओं से उनका गला भर आया पढ़िए महाभारत !! 🌅🌅{Bolo Ji Radhey Radhey} महाभारत: स्त्री पर्व एकादश अध्याय: श्लोक 1-24 📒 वैशम्पायन उवाच वैशम्पायन जी कहते हैं – राजन ! वे सब लोग हस्तिनापुर से एस ही कोस की दूरी पर पहुँचे होंगे कि उन्हें शरद्वान के पुत्र कृपाचार्य, द्रोणकुमार अश्वत्थामा और कृतवर्मा – ये तीनों महारथी दिखायी दिये, रोते हुए एश्वर्यशाली प्रज्ञाचक्षु राजा धृतराष्ट्र देखते ही आँसुओं से उनका गला भर आया और वे इस प्रकार बोले-पृथ्वीनाथ महाराज ! आपका पुत्र अत्यन्त दुष्कर कर्म करके अपने सेवकों सहित इन्द्रलोक में जा पहुँचा ह। भरतश्रेष्ठ ! दुर्योधन की सेनासे केवल हम तीन रथी ही जीवित बचे हैं। 📒 आपकी अन्य सारी सेना नष्ठ हो गयी। राजा धृतराष्ट्र से ऐसा कहकर शरद्वान् के पुत्र कृपाचार्य पुत्र शोक से पीडित हुई गान्धारी से इस प्रकार बोले-देवि ! आपके सभी पुत्र निर्भय होकर जूझते और बहु-संख्यक शत्रुओं का संहार करते हुए वीरोचित कर्म करके वीरगति को प्राप्त हुए हैं।निश्चय ही वे शस्त्रों द्वारा जीते हुए निर्मल लोकोंमें पहुँचकर तेजस्वी शरीर धारण करके वहाँ देवताओंके समान विहार करते होंगे। उन शूरवीरों मे से कोई भी युद्ध करते समय पीठ नहीं दिखा सका है। किसी ने भी शत्रुके हाथ नहीं जोडे़ हैं। सभी शस्त्र के द्वारा मारे गये हैं। 📒 इस प्रकार आपके शत्रुओं का रण भूमि में संहार करके हम तीनों भागे जा रहे है। अब यहाँ ठहर नहीं सकते। क्योंकि अमर्ष में भरे हुए वे महाधनुर्धर वीर पाण्डव वैर का बदला लेने की इच्छा से शीघ्र यहाँ आयेंगे। यशस्विनि ! अपने पुत्रों के मारे जानेका समाचार सुनकर सदा सावधान रहनेवाले पुरुष प्रवर पाण्डव हमारा चरणचिन्ह देखते हुए शीघ्र ही हम लोगों का पीछा करेंगे। रानीजी ! उनके पुत्रों और सम्बन्धियों का विनाश करके हम यहाँ ठहर नहीं सकते; अत: हमें जाने की आज्ञा दिजिये और आप भी अपने मन से शोक को निकाल दीजिये। 📒 इस प्रकार युद्ध में जो शस्त्र द्वारा मृत्यु होती है, उसे प्राचीन महर्षि क्षत्रिय के लिये उत्तम गति बताते है; अत: उनके लिये आपको शोक नहीं करना चाहिये। महारानी ! उनके शत्रु पाण्डव भी विशेष लाभ में नहीं है। अश्वत्थामा को आगे करके हमने जो कुछ किया है, उसे सुनिये। भीमसेन ने आपके पुत्र को अधर्म से मारा है, यह सुनकर हम लोग भी पाण्डवों के सोते हुए शिविरमें जा पहुँचे और पाण्डव वीरों का संहार कर डाल। द्रु पद के पुत्र धृष्ट्द्युम्न आदि सारे पांचाल मार डाले गये और द्रौपदी के पॉंचों पुत्रों को भी हमने मार गिराया। 📒 (फिर वे धृतराष्ट्र से बोले) राजन् ! आप भी हमें जाने की आज्ञा प्रदान करें और महान् धैर्यका आश्रय लें, केवल क्षात्र धर्म पर दृष्टि रखकर इतना ही देखें कि उनकी मृत्यु कैसे हुई है ? भारत ! राजा से ऐसा कहकर उनकी प्रदक्षिणा करके कृपाचार्य, कृतवर्मा और अश्वत्मामा ने मनीषी राज धृतराष्ट्र की ओर देखते हुए तुरंत ही गंगा तट की ओर अपाने घोड़े हाँक दिये। राजन् वहाँसे हटकर वे सभी महारथी उद्विग्न हो एक दूसरे से विदाले तीन मार्गों पर चल दिये। 📒 शरद्वान् के पुत्र कृपाचार्य तो हस्तिनापुर चले गये, कृतवर्मा अपने ही देशकी ओर चल दिया और द्रोणपुत्र अश्वत्थामा ने व्यास-आश्रम की राह ली। महात्मा पाण्डवों का अपराध करके भय से पीडित हुए वे तीनों वीर इस प्रकार एक दूसरे की ओर देखते हुए वहाँ से खिसक गये। राजा धृतराष्ट्र से मिलकर शत्रुओंका दमन करनेवाले वे तीनों महामनस्वी वीर सूर्योदयसे पहले ही अपने अभीष्ट स्थानों की ओर चल पड़े। राजन्! तदनन्तर महारथी पाण्डवों ने द्रोणपुत्र अश्वत्थामा-के पास पहुँचकर उसे बलपूर्वक युद्ध में पराजित किया। 📒 इस प्रकार श्रीमहाभारत स्त्रीपर्व के अन्तर्गत जल प्रदानिक पर्व में कृपाचार्य, अश्वत्थामा और कृतवर्मा का दर्शनविषयक ग्यारहवॉं अध्याय पूरा हुआ। ©N S Yadav GoldMine #Aurora रोते हुए एश्वर्यशाली प्रज्ञा चक्षु राजा धृतराष्ट्र देखते ही आँसुओं से उनका गला भर आया पढ़िए महाभारत !! 🌅🌅{Bolo Ji Radhey Radhey}
GRHC~TECH~TRICKS
नारी शक्ति का महत्व ************************* नारी शक्ति के गुण ऐसे होते हैं । खुद पुरुष के पुरूषार्थ को मालुम नहीं है। आपके ह्रदय में से पुरूषार्थ खत्म करना भी, उसी का नारी शक्ति के गुण से । उसकी एक पहचान है इस जहां में। इस जगत में नारी शक्ति को समझना सीखिएं। सम्मान के साथ- साथ नारी शक्ति को अपनी शक्ति का, अहसास भी कराना पुरुषार्थ का कर्तव्य है इस पृथ्वी पर। एक गुणकारी नारी के कदम से ही , स्वच्छ भविष्य की उत्पत्ति निश्चित है । और नारी शक्ति को न समझाना अर्थात तिरस्कार करनें से भविष्य में, विनाश भी इससे निश्चित है। इतिहास में उदाहरण भी है -सीता,अम्बा,पांचाली के। हमारी प्रकति में गुण ही गुणों को पहचान है। यही समस्त धर्मों की मुल जड़ भी है। गुणों की खोज करो ? हे समस्त पृथ्वी के समस्त परमत्तव अंशों। ©GRHC~TECH~TRICKS #grhctechtricks #नारी #शक्ति #saath #New #viral Bhuneshwar Kumar Nikita Pandit sushil Rai वंदना .... Sʜɘʜʑʌɗʌ...ŠÅḨÄƁ shiva... jha Dh
N S Yadav GoldMine
सभी शस्त्र के द्वारा मारे गये हैं इस प्रकार युद्ध में जो शस्त्रद्वारा मृत्यु होती है पढ़िए महाभारत !! 📒📒 {Bolo Ji Radhey Radhey} महाभारत: स्त्री पर्व एकादश अध्याय: श्लोक 1-24 राजा धृतराष्ट्र से कृपाचार्य, अश्वत्थामा और कृतवर्मा की भेंट और कृपाचार्य का कौरव-पाण्डवोंकी सेना के विनाश की सूचना देना। 📒 वैशम्पायन उवाच वैशम्पायनजी कहते हैं – राजन ! वे सब लोग हस्तिनापुर से एक ही कोस की दूरी पर पहुँचे होंगे कि उन्हें शरद्वान के पुत्र कृपाचार्य, द्रोणकुमार अश्वत्थामा और कृतवर्मा-ये तीनों महारथी दिखायी दिये, रोते हुए एश्वर्यशाली प्रज्ञाचक्षु राजा धृतराष्ट्र देखते ही आँसुओं से उनका गला भर आया और वे इस प्रकार बोले- पृथ्वीनाथ महाराज ! 📒 आपका पुत्र अत्यन्त दुष्कर कर्म करके अपने सेवकों सहित इन्द्रलोक में जा पहुँचा है। भरतश्रेष्ठ ! दुर्योधन की सेना से केवल हम तीन रथी ही जीवित बचे हैं। आपकी अन्य सारी सेना नष्ठ हो गयी’। राजा धृतराष्ट्र से ऐसा कहकर शरद्वान् के पुत्र कृपाचार्य पुत्र शोक से पीडित हुई गान्धारी से इस प्रकार बोले - देवि ! 📒 आपके सभी पुत्र निर्भय होकर जूझते और बहु-संख्यक शत्रुओं का संहार करते हुए वीरोचित कर्म करके वीरगति को प्राप्त हुए हैं। निश्चय ही वे शस्त्रों द्वारा जीते हुए निर्मल लोकों में पहुँच कर तेजस्वी शरीर धारण करके वहाँ देवताओंवके समान विहार करते होंगे। उन शूरवीरों मे से कोई भी युद्ध करते समय पीठ नहीं दिखा सका है। किसी ने भी शत्रुके हाथ नहीं जोडे़ हैं। 📒 सभी शस्त्र के द्वारा मारे गये हैं। इस प्रकार युद्ध में जो शस्त्रद्वारा मृत्यु होती है, उसे प्राचीन महर्षि क्षत्रिय के लिये उत्तम गति बताते है; अत: उनके लिये आपको शोक नहीं करना चाहिये। महारानी ! उनके शत्रु पाण्डव भी विशेष लाभ में नहीं है। अश्वत्थामा को आगे करके हमने जो कुछ किया है, उसे सुनिये। 📒 भीमसेन ने आपके पुत्र को अधर्म से मारा है, यह सुनकर हम लोग भी पाण्डवों के सोते हुए शिविरमें जा पहुँचे और पाण्डव वीरों का संहार कर डाल। द्रुपद के पुत्र धृष्ट्द्युम्न आदि सारे पांचाल मार डाले गये और द्रौपदी के पॉंचों पुत्रों को भी हमने मार गिराया। इस प्रकार आपके शत्रुओं का रणभूमि में संहार करके हम तीनों भागे जा रहे है। अब यहाँ ठहर नहीं सकता। 📒 क्योंकि अमर्ष में भरे हुए वे महाधनुर्धर वीर पाण्डव वैर का बदला लेने की इच्छाबसे शीघ्र यहाँ आयेंगे। यशस्विनि ! अपने पुत्रों के मारे जाने का समाचार सुनकर सदा सावधान रहने वाले पुरुष प्रवर पाण्डव हमारा चरण चिन्ह देखते हुए शीघ्र ही हम लोगों का पीछा करेंगे। रानीजी ! 📒 उनके पुत्रों और सम्बन्धियों का विनाश करके हम यहाँ ठहर नहीं सकते अत: हमें जाने की आज्ञा दिजिये और आप भी अपने मन से शोक को निकाल दीजिये। ( फिर वे धृतराष्ट्र से बोले -- राजन् ! आप भी हमें जाने की आज्ञा प्रदान करें और महान् धैर्य का आश्रय लें, केवल क्षात्र धर्मपर दृष्टि रखकर इतना ही देखें कि उनकी मृत्यु कैसे हुई है? 📒 भारत ! राजासे ऐसा कहकर उनकी प्रदक्षिणा करके कृपाचार्य, कृतवर्मा और अश्वत्मामा ने मनीषी राज धृतराष्ट्र की ओर देखते हुए तुरंत ही गंगा तट की ओर अपने घोड़े हाँक दिये। राजन् वहाँ से हटकर वे सभी महारथी उद्विग्न हो एक दूसरे से विदा ले तीन मार्गों पर चल दिये। शरद्वान् के पुत्र कृपाचार्य तो हस्तिनापुर चले गये, 📒 कृतवर्मा अपने ही देश की ओर चल दिया और द्रोणपुत्र अश्वत्थामा ने व्यास-आश्रम की राह ली। महात्मा पाण्डवों का अपराध करके भयसे पीडित हुए वे तीनों वीर इस प्रकार एक दूसरे की ओर देखते हुए वहाँ से खिसक गये। 📒 राजा धृतराष्ट्र से मिलकर शत्रुओं का दमन करनेवाले वे तीनों महामनस्वी वीर सूर्योदय से पहले ही अपने अभीष्ट स्थानों की ओर चल पड़े। राजन्! तदनन्तर महारथी पाण्डवों ने द्रोणपुत्र अश्वत्थामा-के पास पहुँचकर उसे बलपूर्वक युद्धबमें पराजित किया। ।। राव साहब एन एस यादव।। 📒 इस प्रकार श्रीमहाभारत स्त्री पर्व के अन्तर्गत जल प्रदानिक पर्व में कृपाचार्य, अश्वत्थामा और कृतवर्मा का दर्शन विषयक ग्यारहवॉं अध्याय पूरा हुआ। पटौदी, गुरुग्राम, हरियाणा।। ©N S Yadav GoldMine #delhiearthquake सभी शस्त्र के द्वारा मारे गये हैं इस प्रकार युद्ध में जो शस्त्रद्वारा मृत्यु होती है पढ़िए महाभारत !! 📒📒 {Bolo Ji Radhey
Shree
ऐ जिंदगी तेरी वजह से मैं जाने क्या कुछ कर जाता हूं ऐ जिंदगी तेरी वजह से मैं जाने क्या-क्या बन जाता हूं अनुशीर्षक कभी करण बन जाता हूं कभी अर्जुन बन जाता हूं ऐ जिंदगी तेरी वजह से मैं जाने क्या कुछ कर जाता हूं कभी मोह भंग कर जाता हूं कभी मोह पाश बिछाता ह
Poetry with Avdhesh Kanojia
नारी के अपमान के दोषी कौन #नारी #स्त्री #women #draupadi #द्रौपदी #महाभारत #poetry नारी के अपमान के दोषी कौन? - - - - - - - - - - - - - - - - - - - पाँच महारथी पति
Nishtha Rishi
तारो को थोड़ी चांदनी क्या दे दी, आज हर ओर अंधेरा छा गया क्योंकि #चंदा #चांदनी Invite callab 👍 #nishtharishi #yourquoteandnishtha Collaborating with अविनाश पांचाल