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R K Gujjar Burchha
Rahul Prajapati
Prabhat Tiwari
Parastish
कैसे बिगड़े मिरे हालात न मालूम मुझे वक़्त ने क्या किए ज़ुल्मात न मालूम मुझे बिखरे रिश्ते मिरे क्यूँ काँच के पैकर जैसे दरमियाँ क्या हुए ख़दशात न मालूम मुझे मैं हूँ खोई हुई माज़ी की किन्हीं यादों में क्या अभी गुज़रे हैं लम्हात न मालूम मुझे साथ तन्हाई है औ' ग़म की फ़रावानी है कैसे कटते हैं ये दिन-रात न मालूम मुझे उसको चाहा ही नहीं,मैंने परस्तिश'की है वस्ल की होती है क्या रात न मालूम मुझे ©Parastish पैकर= आकृति/body, figure ख़दशात= शंकाएं/ doubts माज़ी= अतीत/past फ़रावानी= अधिकता/abundance,plenty परस्तिश= इबादत,पूजा/worship #ghazal #sh
Abhay
Archana Tiwari Tanuja
कदमों की आहट सुनते ही मै पीछे मुड़ी, भयावह आकृति दो परछाइयां थी खड़ी। डरी, सहमी,व्यथित,रुदन करती बोली वो, सुनाने लगी जुल्म की दास्तां सांसें उखड़ी।। क्या दोष था मेरा जो स्मिता लूटी हैवानों ने? लहूलुहान हुआ लाश मेरी झाड़ी में हैं पड़ी। चीखी,चिल्लाई,गिड़गिड़ाई जोड़े हाथ कितने। लाज बचाने की खातिर मैं बल भर थी लड़ी। तड़पती-भटकती है रुह मेरी कितने वर्षों से, कब लगेगी मेरे उन गुनाहगारों को हथकड़ी? नारी होना ही बना अपराध दूषित समाज में, आप बीती सुनाने को तुझसे आज हूं जुड़ी।। अर्चना तिवारी तनुज ©Archana Tiwari Tanuja #horrorstories #hountedstories #selfrespect #womensrights #humenity #nozotoEnglish #nozotohindi #nozotowrites #MyThoughts 22/02/2023 कदम
Sethi Ji
🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 🌸 मोहब्बत की तन्हाई , ख़ुदा की गहराई 🌸 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 जो गुज़र जाए मोहब्बत की रंगीन शाम उस शाम की तन्हाई में मुझे तुम नज़र आते हो बढ़ते है मेरे कदम मंज़िल की ओर अपनी परछाई में मुझे तुम नज़र आते हो मेरे प्यार की इंतहा , इंतज़ार की अदा ज़रा ध्यान से समझना दोस्तों मांगता हूं जिस ख़ुदा से तुम्हारा साथ उस ख़ुदा की गहराई में मुझे तुम नज़र आते हो ❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️ 🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻 ©Sethi Ji 🌟 प्रेम रंग , तेरे संग 🌟 प्रेम के उम्दा रंग और उनकी स्मृति में तुम हो प्रेम के गहरे भाव और उनकी रीति में तुम हो ।।
Nisheeth pandey
मैं और मेरी चित्रण कला की यात्रा ............. मैं बहुत ख्यालों से खेलता हूँ, मेरे मन की यह उन्माद अच्छा लगता है, मेरे चित्रपटल में मेरे ख्याल वीचित्र हैं, रेखाओं के बीच तेजी से बहना, तुलिकाओं के माध्यम से यात्रा करना, यदि आप का ध्यान मेरी ओर ठहर जाए तो आप डूबने लगते हैं मेरे ख्यालों में , और यदि आप संमोहित हो जाते हैं मेरे रंगों में , तो आपकी व्यथा अवर्णनीय हो जाता है! आत्मा का रंग रेखाओं के बाहर एक कैनवास पर थम गया है, एक ख्यालों का किरदार जो अपने उचित स्थान से भटक गया है, अगर वो फिर मिल जाएं, यकीनन वो अपनी आत्मा में से कुछ फेंक देगा आकाश को समुंदर को जमीन को... मैं कैनवास में शब्दों को ढूंढने वाला रंगों को शब्दों में पिरोना पसंद करता हूँ, चित्र के बीच छुपा कविता, कल्पना और अनन्त आकाश की कल्पना में स्वंम को ढूंढना । जब कैनवास पर चित्रण कर पढ़ता हूँ , तो प्रेमिका सी उसकी सुंदरता बढ़ती है, बहते रंग मदिरा सी मदहोश करती है। और मेरी आत्मा आकृति बन नृत्य करती है, और उसकी चमक अलौकिक हो जाती है मुझे कोई प्रकृति की सुंदर संरचना सी प्रतीत होती है.... यकीनन सुनो आप भी ऐसे ही मुझे दिखते हो... #निशीथ ©Nisheeth pandey मैं और मेरी चित्रण कला की यात्रा ............. मैं बहुत ख्यालों से खेलता हूँ, मेरे मन की यह उन्माद अच्छा लगता है, मेरे चित्रपटल में मेरे