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Sonu Kumar Yadav
सवच्छता की लहर चलो मिलकर कुछ नया रचे , चलो मिलकर कुछ नया करे , जब सच्छता की लहर दौड़ेगी , धरती _आकाश झूम जाएगी , जब घर से होगा सफाई का काम , तब जीवन तेरा सबर जाएगा जिस देश को आज़ाद करवाए क्रांतिकारियों ने , उस देश को सच्च सच्छ बना कार्तवीर्य है !तेरा , जब सच्छ रहेगा जन अपना , तब सच्छ रहेगा जीवन अपना , तब सच्छ रहेगा तन _मन अपना | ...कवी सोनू सच्छता की लहर
Parasram Arora
लोगों मे जंगली बहशीपन पनप रहा है इंसानियत की निशानिया भी धरती से गायब हो रही है सादगी पसंद इस देश को ये क्या हो रहा है सन्यासी और संतों की रूहें भी छलावे कर रही है सब कुछ बदला पर सोच का दायरा अब तक नहीं बदला ज़िंदा लाशें आज भी खैर की पनाह ढूंढ रही है जो चमन गुलज़ार था कभी बर्बादी की ओर बढ़ रहा मज़हब की आड़ मे अब दुश्मनीया पाली जा रही हैँ हर शहर मे कहर की लहर चल रही है सबकी दीवांनगी सिर्फ कुर्सी क़े लिए मचल रही है इन दिनों मैखानो मे शराब की किल्लत बढ़ रही है क्योंकि मस्जिद और मंदिरो मे मुफ्त की अफीम.. बन्ट. रही है ©Parasram Arora कहर की लहर .......
DEVENDRA KUMAR
परिवर्तन की लहर वास्तविक्ता हो रचनाओं में, हो लोगों में उमंग छाई, देखो कैसी परिवर्तन की, घड़ी समीप चली आई । परिवर्तन हो, परिवर्तन हो, किस तरह की ये नवतरंग आई, काव्य रचना की किरण प्रकाशित, हर तरफ है अब छाई- छाई । जहाँ तक रवि का प्रकाश नहीं था, कवि की वहाँ रचना छाई, हो लोगों में लगन पढ़ने की, हो साहित्य के लिए गहराई । किस तरह का होगा परिवर्तन ये, लोगों में उत्सुकता छाई, लोगों में पढ़ने लिखने के लिए और भी जागरूकता आई । मन की बात अगर कह ना सको, तो उसे लिख देना अच्छा है, अपने विचारों को व्यक्त करने से, मन में आत्मविश्वास बढ़ता है। अपनी दिव्य रचनाओं से तुम, लोगों में विश्वास जगा सकते हो, उनकी खोई हुई उम्मीदें वापस लाकर, उन्हें नई दिशा दिखला सकते हो । - Devendra Kumar (देवेंद्र कुमार) # परिवर्तन की लहर
MR VIVEK KUMAR PANDEY
Writer Mr Vivek Kumar pandey "लहरों की नदी हम बढ़ायेंगे देश में विकास लायेंगे चाहे कुछ भी हो जाए इस देश के नाम पर आत्म समर्पण कर आयेंगे".। #लहर की नदी
Jupiter and its moon
उम्मीदों की लहर में बहता सा आदमी, बहता हुआ वक्त, और बहती ज़िंदगी। किनारों की तलाश में, फिर ख़त्म होती ज़िंदगी।। ©Jupiter and it's moon....(प्रतिमा तिवारी) उम्मीदों की लहर!